संवाददाता, पटना
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चार अहम रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी. इस प्रोजेक्ट पर लगभग 12328 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. कैबिनेट की ओर से मंजूर किए गए रेल प्रोजेक्ट के तहत बिहार के भागलपुर से जमालपुर के बीच तीसरी रेल लाइन का विकास किया जाना शामिल है. इसके अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और असम में अहम रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी.
तीन साल में पूरा होगा थर्ड लाइन : बिहार के जमालपुर और भागलपुर के बीच तीसरी रेल लाइन के निर्माण से इलाके में आर्थिक विकास की गति तेज होगी. इस क्षेत्र में 53 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन के निर्माण पर 1156 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसे तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. सभी प्रोजेक्ट को पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना के तहत बनाया गया है. इसका मकसद इलाके में कनेक्टिविटी को बेहतर कर आर्थिक विकास के नये रास्ते खोलना है. रेलवे की चार योजना से गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम को फायदा होगा और रेलवे के नेटवर्क में 565 किमी का इजाफा होगा. पहले 1893 करोड़ थी परियोजना की लागत : भागलपुर से जमालपुर तक 53 किलोमीटर एरिया में तीसरी लाइन के लिए पहले 1893 करोड़ की योजना को मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड भेजा गया था. लेकिन रेलवे बोर्ड की बैठक में यह कह कर वापस कर दिया था कि राशि को कम कर के स्टीमेट बनाया जाये. वापस करने के बाद कंस्ट्रक्शन पूर्व रेलवे भागलपुर ने फिर से री-स्टीमेंट तैयार कर के योजना बनायी और उसे तैयार कर बोर्ड को भेजा था, जिसके बाद बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी थी.
इसीएल राजमहल से आने वाले कोयले के रैक को नार्थ-उत्तर बिहार के किसी भी कोने तक पहुंचने में काफी समय लगता है. सवारी ट्रेनों के लगातार आवागमन के कारण कोयले के रैक को कई स्टेशनों में रोका जाता है. अभी मुंगेर के रास्ते कोयले का रैक जाता है. इस रेलखंड में अभी दो ही लाइन बिछी है. जिससे कोयला वाले रैक व यात्रियों वाली ट्रेनों को रोका जाता है. अब तीसरी लाइन होने
से कोयला निर्बाध रूप से आने- जाने लगेगा. इससे रेलवे को राजस्व का फायदा मिलेगा और समय पर कोयला जगह पर पहुंचेगा. इस योजना से रेलवे को काफी फायदा मिलेगा.
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