पटना
सहित प्रदेश के कई जिलों में आनुवंशिक व घातक बीमारियों का प्रकोप है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इन बीमारियों की चपेट में रहते हैं. खासकर कैंसर, टीबी, दिल में छेद व कम उम्र में आंखों की रोशनी जाने, महिलाओं में होने वाली बीमारी, चर्म रोग समेत अन्य बीमारियों के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. महिलाओं में त्वचा रोग के साथ सर्विक्स कैंसर के मरीजों की बड़ी तादाद है. इन जानलेवा बीमारियों की वजह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) तलाशेगा. इसके तहत जिले के वैसे गांव की पहचान की जा रही है, जहां के मरीज ओपीडी में अधिक आ रहे हैं और उसी गांव को गोद लेकर बीमारियों पर अध्ययन भी शुरू किया जायेगा. इसकी तैयारी संस्थान प्रशासन की ओर से शुरू कर दी गयी है.14 विभाग किये जायेंगे शामिल, गंभीर मिलने पर एम्स भी भेजा जायेगा
संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक कम्युनिटी मेडिसिन, चाइल्ड, कैंसर, स्किन सहित 14 विभागों के डॉक्टर्स चिह्नित गांवों में पहुंचकर बीमारियों की जानकारी लेंगे. वहीं अगर मरीज गंभीर मिलता है, तो उनको इलाज के लिए एम्स भी भेजा जायेगा. एम्स की टीम स्वास्थ्य केंद्रों और गांवों में जाकर लोगों के बीच पता करेगी कि वहां लोगों को किस तरह की बीमारियां हो रही हैं और क्यों हो रही हैं? यदि किसी को कोई बीमारी है, तो टीम जानने का प्रयास करेगी कि यह बीमारी परिवार में किसी और को तो नहीं है. यदि परिवार के अन्य सदस्यों को भी है, तो उनके खान-पान, रहन-सहन के बारे में पता लाया जायेगा.बीमारी को पहचाने के लिए होगी स्क्रीनिंग
इस बीच यह भी देखा जायेगा कि यदि स्वच्छता के अभाव में कोई बीमारी पूरे परिवार या कम्युनिटी में फैल रही है, तो उन्हें उसकी जानकारी दी जायेगी. इस बीच, जो बीमारियां मुख्य रूप से सामने आयेंगी, उन पर रिसर्च भी किया जायेगा. इस योजना से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि गोद लेने वाले गांवों में हर दिन अलग-अलग विभागों के ओपीडी चलाये जायेंगे. बीमारियों का पता लगाया जायेगा कि आखिर गांव में कौन सी बीमारी सबसे अधिक फैल रही है. इसका अध्ययन भी शुरू किया जायेगा. शुरुआती तौर पर स्किन डिजीज, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बच्चों की बीमारी, बुजुर्गों में होने वाली बीमारी की जानकारी के लिए शुरुआत की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

