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बिहार में रेमडेसिविर के बाद अब टोसिलिजुमैब दवा की बढ़ी मांग, जानें इस इंजेक्शन को कैसे हासिल कर सकेंगे कोरोना मरीज के परिजन

कोरोनाकाल में संक्रमण की दवा के रुप में रेमडेसिविर की डिमांड काफी अधिक रही. एक तरफ जहां बाजार में इसकी कालाबाजारी जमकर होने लगी वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इसकी आपूर्ति सही ढंग से कराने और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के भी कई प्रयास किए. अब जिलों में इसकी आपूर्ति सरकार कर रही है. वहीं रेमडेसिविर की मांग के बीच ही अब कोरोना की दूसरी दवा भी डिमांड में है. टोसिलिजुमैब दवा की डिमांड इस कदर बढ़ी की सरकार को इसके वितरण के लिए गाइडलाइन्स बनाने पड़े.

कोरोनाकाल में संक्रमण की दवा के रुप में रेमडेसिविर की डिमांड काफी अधिक रही. एक तरफ जहां बाजार में इसकी कालाबाजारी जमकर होने लगी वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इसकी आपूर्ति सही ढंग से कराने और कालाबाजारी पर लगाम लगाने के भी कई प्रयास किए. अब जिलों में इसकी आपूर्ति सरकार कर रही है. वहीं रेमडेसिविर की मांग के बीच ही अब कोरोना की दूसरी दवा भी डिमांड में है. टोसिलिजुमैब दवा की डिमांड इस कदर बढ़ी की सरकार को इसके वितरण के लिए गाइडलाइन्स बनाने पड़े.

कोरोनाकाल में टोसिलिजुमैब इंजेक्शन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार सरकार ने इसके वितरण के लिए गाइडलाइन्स बना दी है.व्यवस्था को सुचारु तरीके से चलाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए. वहीं तीन सदस्यीय कमेटी अब इसके वितरण में अपनी भूमिका निभाएगी. पटना में जिन मरीजों को इस दवा की जरुरत होगी उनके स्वजन या जिस अस्पताल में वो भर्ती हैं वो अस्पताल प्रशासन संबंधित रोगी के सभी जरुरी कागजात के साथ औषधि नियंत्रक को ई-मेल कर आवेदन भेजेंगे. औषधि नियंत्रक कमला कुमारी की मेल आईडी ([email protected]) है.

औषधि नियंत्रक दिन में दो बार अपने पास आए आवेदनों को त्रिस्तरीय कमेटी के पास भेजेंगी. जिसमें निदेशक प्रमुख रोग नियंत्रक, निदेशक प्रमुख प्रशासन और सिविल सर्जन पटना रहेंगे. आवेदन मिलने के एक घंटे के अंदर कमेटी मांग पर विचार करेगी और नोडल अधिकारी को फैसला देगी. नोडल अधिकारी रोगी के स्वजन या अस्पताल को इससे अवगत कराएंगे.

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इस दवा की उपलब्धता सभी जिलों में आसानी से हो सके इसके लिए सभी जिलों में स्टॉक प्वाइंट बनाए गए हैं. मरीजों के स्वजन अपने जिलों के सी एंड एफ प्वाइंट से उचित कीमत देकर टोसिलिजुमैब इंजेक्शन हासिल कर सकेंगे. बता दें कि कोरोना के दूसरे लहर ने जब दस्तक दी तो बिहार में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड अचानक तेज हो गई थी. जिसके बाद सरकार को कई तरीके आजमाने पड़े ताकि इसकी कालाबाजारी खत्म हो और मरीजों को आसानी से ये दवा उपलब्ध हो सके. बिहार में अब टोसिलिजुमैब दवा की बढ़ी तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar Digital Desk
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