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मिड डे मील में गड़बड़ी में 18 प्रिंसिपल पर कार्रवाई

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और लापरवाही करने वाले वैशाली और भागलपुर जिले में मिड डे मील आपूर्ति करने वाले दो स्वयं सेवी संस्थाओं पर कार्रवाई की गयी है.

मिड डे मील में गड़बड़ी में 18 प्रिंसिपल पर कार्रवाई, वैशाली में आपूर्ति करने वाले एनजीओ पर 50 हजार का जुर्माना – मध्याह्न भोजन निदेशक ने उठाये सख्त कदम,भागलपुर के एनजीओ के एक दिन की राशि की कटौती — जांच के बाद दोषी के खिलाफ एक्शन,अब 48 घंटे के अंदर जांच करके गिरायी जायेगी दोषी पर गाज संवाददाता,पटना मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और लापरवाही करने वाले वैशाली और भागलपुर जिले में मिड डे मील आपूर्ति करने वाले दो स्वयं सेवी संस्थाओं पर कार्रवाई की गयी है. वैशाली की स्वयंसेवी संस्था पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं, भागलपुर के मिड डे मील आपूर्तिकर्ता संस्था एक दिन की राशि की कटौती करने आदेश जारी किये गये हैं. इसके अलावा राज्य के आठ जिलों मसलन अररिया,सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, जहानाबाद, सरहसा और भागलपुर के 18 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई की गयी है. इस पूरी कार्रवाई के संबंध में मध्याह्न भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्र ने आदेश जारी कर दिये हैं. मध्याह्न भोजन निदेशक मिश्र ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा है कि रोजाना करीब 68 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में बांटे जा रहे मध्याह्न भोजन ( एमडीएम) में अगर किसी प्रकार की शिकायत मिली, तो जवाबदेह अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. साथ ही मिड डे मील के लिए जरूरी सामग्री मसलन चावल आदि के क्रय-विक्रय में गड़बड़ी की पुष्टि होती है, तो मध्याह्न भोजन निदेशालय की तरफ से सीधे प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि शिकायतों के निबटारे के लिए एक सिस्टम बनाया है, जिसके तहत 48 घंटे के अंदर जांच करके संबंधित अफसर या कर्मचारी पर कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 13 जून से नौ जुलाई तक विभाग के कमांड एवं कंट्रोल रूम में कुल 503 शिकायतें पायी गयीं. इनमें जिलों की तरफ से 359 शिकायतों की जांच की गयी. इनमें 71 जांच सही पायी गयी हैं. निदेशक के मुताबिक शिक्षा विभाग अपने स्तर पर डीएम से जांच करा रहा है. वहीं, निदेशालय अब अपने स्तर पर जांच करायेगा, ताकि सिस्टम में सुधार सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिकायत को सही मानते हुए उसकी जांच करायी जायेगी. बताया कि शिकायतों की कैटेगरी भी तय की हैं. उदाहरण के तौर पर जहां भोजन नहीं बनता. गुणवत्ता खराब रहती है. अंडा और फल नहीं मिलता सहित नौ केटेगरी तय की गयी हैं.

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