Aaj Bihar Ka Mausam: बिहार में न्यूनतम तापमान लगातार 10°C से नीचे रहने के बाद पछुआ हवा की रफ्तार कम हुई और पारा थोड़ा ऊपर चढ़ा, लेकिन राहत कम, कुहासा ज्यादा देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग चेतावनी दे रहा है कि अगले 48 घंटों में मौसम एक बार फिर करवट ले सकता है.पटना से लेकर गया तक अस्पतालों में दिल और सांस के मरीजों की संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ चुकी है. सर्द हवा और बढ़ते प्रदूषण का मिलाजुला असर चिंताजनक हो रहा है.
गया सबसे ज्यादा कुहासे की चपेट में, पटना का भी यही हाल
बुधवार की सुबह बिहार में कई जिलों पर घना कोहरा छाया रहा, लेकिन सबसे खराब स्थिति गया की रही, जहां विजिबिलिटी 600 मीटर तक सिमट गई. हवा की रफ्तार कम होते ही रात का तापमान थोड़ा बढ़ा जरूर, पर इसकी कीमत लोगों को गाढ़े कोहरे के रूप में चुकानी पड़ रही है.
पटना में भी सुबह के समय विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है और ग्रामीण इलाकों में फसलों पर ओस की मोटी परत दिख रही है. पिछले 24 घंटों में रात के तापमान में 1–3°C की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. केवल पूर्वी बिहार ऐसे जिलों में है जहां तापमान स्थिर है.
दिन का सर्वाधिक तापमान पूर्णिया में 30.8°C दर्ज हुआ जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान औरंगाबाद में 12.2°C रिकॉर्ड किया गया. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस हफ्ते तक यही शुष्क और ठंडा पैटर्न चलेगा.
आज कैसा रहेगा मौसम? सुबह कोहरा, दोपहर में हल्की राहत
गुरुवार को भी हवाओं का रुख बदलने के संकेत नहीं हैं. मौसम शुष्क रहेगा, पछुआ हवा की हल्की गति (25 किमी/घंटा तक) बनी रहेगी। राज्य के अधिकतम तापमान 26–32°C और न्यूनतम 12–18°C के बीच रहने की संभावना है.
दक्षिण बिहार खासकर गया, नवादा, औरंगाबाद कोहरे और ठंड के दोहरे असर से सबसे ज्यादा प्रभावित रहेंगे.
बदलेगा मौसम, 22 नवंबर के बाद बड़ा बदलाव संभव
IMD का अनुमान है, अगले तीन से चार दिनों तक तापमान में कोई खास उतार-चढ़ाव नहीं होगा. लेकिन 22 नवंबर के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र तैयार हो सकता है.
यदि यह सिस्टम पश्चिम–उत्तर पश्चिम दिशा में सक्रिय हुआ तो बिहार के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. फिलहाल यह बदलाव बारिश, बादल या ठंड में तेजी किस रूप में आएगा. इसे लेकर स्थिति अगले कुछ दिनों में स्पष्ट होगी.
अस्पतालों में दिल और सांस के मरीज डेढ़ गुना बढ़े
ठंड सिर्फ सुबह का कोहरा नहीं बढ़ा रही, यह अस्पतालों के ओपीडी तक अपनी दस्तक दे चुकी है. पटना के पीएमसीएच, IGIMS, AIIMS, NMCH और गार्डिनर रोड अस्पताल में दिल, सांस, अस्थमा और बीपी के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ी है.
10 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच जहां रोजाना 20–23 मरीज आते थे, उनकी संख्या अब बढ़कर 35–40 तक पहुंच गई है. IGIMS में अक्टूबर से अब तक 710 और पीएमसीएच में 527 ऐसे मरीज पहुंचे हैं जिन पर ठंड और प्रदूषण ने असर डाला.
ठंड में सावधान रहें- छोटे कदम, बड़ी सुरक्षा
डॉक्टरों का कहना है कि यह वह मौसम है जब थोड़ी सी लापरवाही भी बीमारी का बड़ा कारण बन सकती है. बाहर निकलते समय सिर, कान और हाथ-पैर ढककर रखें. बहुत देर तक सर्द हवा में न रहें.
घर में हल्का व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त पानी जरूरी है.
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