Aaj Bihar Ka Mausam: दिवाली की रौनक के बाद बिहार की सुबह अब चमक नहीं, धुंध से ढकी दिख रही है. पटना, गया, भागलपुर और दरभंगा जैसे शहरों में सोमवार की सुबह धुआं और धुंध का ऐसा संगम देखने को मिला, मानो आसमान खुद थक गया हो. दीपावली की रात हुई जमकर आतिशबाजी ने हवा में जहरीले कणों की परतें चढ़ा दी हैं. हवा की रफ्तार धीमी होने और तापमान में उतार-चढ़ाव से यह परतें अब ठहर-सी गई हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह स्थिति बनी रह सकती है, हालांकि बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दबाव क्षेत्र से 25 अक्टूबर के आसपास हल्की बारिश की संभावना है, जो इस जहरीली धुंध को धो सकती है.
पटना, गया, भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर समेत बिहार के बड़े शहरों में दिवाली के बाद की सुबह आंखों में चुभन और गले में खराश के साथ शुरू हुई. राज्य का वायुमंडल इस समय प्रदूषण के गंभीर दौर से गुजर रहा है. दिवाली की रात जहां आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था, वहीं अगले ही दिन वह धुंध और धुएं की मोटी परत में बदल गया.
तापमान बढ़ा, हवा थमी — फंस गया धुआं
बिहार के मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश का तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक दर्ज किया गया है. 20 अक्टूबर की सुबह वाल्मीकिनगर का न्यूनतम तापमान 20.4°C रहा, तो पटना में यह 24.7°C और अधिकतम 33.8°C मापा गया. इन तापमानों के साथ हवा की रफ्तार महज 2 से 3 किलोमीटर प्रति घंटा रही—यही वजह है कि पटना समेत कई शहरों में हवा में धूलकण और धुआं फंसा रह गया.
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने भी खतरनाक स्तरों को छू लिया है. पटना, गया, भागलपुर और दरभंगा में AQI 150 से 300 के बीच दर्ज किया गया, जो कि ‘मॉडरेट से पुअर’ कैटेगरी में आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर पर प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद जोखिमभरा हो सकता है.
बंगाल की खाड़ी से मिल सकती है राहत
हालांकि राहत की उम्मीद भी साथ-साथ है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) पटना के अनुसार बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बन रहा है, जिससे 25 अक्टूबर के आसपास बिहार के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
IMD पटना ने अपने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट पर लिखा है कि “बंगाल की खाड़ी से विकसित हो रहे सिस्टम के असर से 25 अक्टूबर के बाद बिहार के कई जिलों में वर्षा की संभावना है. इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार और तापमान में गिरावट संभव है.”
अगर यह बारिश होती है, तो प्रदूषण में फंसे सूक्ष्म कण नीचे बैठ जाएंगे और हवा में फैला धुआं छंट जाएगा। इससे न केवल AQI बेहतर होगा बल्कि तापमान में भी गिरावट आएगी, जिससे मौसम सुहावना महसूस होगा.
दिवाली के बाद बढ़ा खतरा, सतर्क रहें
स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अगले कुछ दिनों तक सुबह की सैर से बचें और घरों में एयर प्यूरिफायर या इनडोर पौधों का इस्तेमाल बढ़ाएं. बच्चों और बुजुर्गों को फिलहाल ज्यादा देर बाहर न जाने की हिदायत दी जा रही है.
पटना नगर निगम और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक वाहनों का उपयोग न करें और खुले में कचरा जलाने से बचें.
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जब हवा की रफ्तार धीमी पड़ जाती है और तापमान ऊंचा होता है, तब वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है. बिहार फिलहाल इसी दोहरी मार — बढ़ती गर्मी और फंसे धुएं — का सामना कर रहा है. यदि बारिश तय समय पर होती है, तो यह राहत की फुहार पूरे राज्य में सांस लेने की ताजगी लेकर आएगी.
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