Aaj Bihar Ka Mausam: बिहार में मौसम ने करवट बदल ली है. नवंबर के शुरुआती दिनों में ही प्रदेश में सर्दी ने वह रंग दिखाना शुरू कर दिया है जो आमतौर पर दिसंबर के आखिर या जनवरी में दिखता है. गया में तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जबकि पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 293 तक पहुंच चुका है. हवा में ठंडक के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ गया है, जिससे लोगों की परेशानी दोगुनी हो गई है.
ठंड ने तोड़ा रिकॉर्ड, नवंबर में जनवरी का अहसास
मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि बिहार के कई जिलों में रात का न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. आमतौर पर यह तापमान दिसंबर के आखिर में दर्ज होता है. लेकिन इस बार सर्दी समय से पहले और तीव्र रूप में आई है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली ठंडी हवाएं और विंड पैटर्न में बदलाव इसके प्रमुख कारण हैं. इन हवाओं की वजह से बिहार में रात के समय तापमान तेजी से नीचे जा रहा है.
गया जिले के कोंच प्रखंड में सोमवार को न्यूनतम तापमान 11.5°C दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे कम रहा. पश्चिम चंपारण में पारा 11.8°C, पूर्वी चंपारण में 12°C, रोहतास में 12.1°C, नवादा में 12.7°C और पटना में 13.4°C दर्ज हुआ. यह स्थिति बताती है कि राज्य में सर्दी ने उम्मीद से बहुत पहले दस्तक दे दी है.
ठंडी पछुआ हवा से बढ़ी कंपकंपी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 48 से 72 घंटे के भीतर तापमान में और गिरावट हो सकती है. पछुआ हवा की गति 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इन हवाओं की ठंडक के कारण दिन में भी ठिठुरन बनी रहेगी. सुबह और शाम के समय घना कुहासा छाने की संभावना है, जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है.
हालांकि दिन में धूप निकलेगी, लेकिन उसका असर बहुत हल्का रहेगा. धुंध और हवा में नमी की वजह से सूर्य की किरणें सीधे धरती तक नहीं पहुंच पाएंगी. परिणामस्वरूप दिन का तापमान सामान्य से 2 से 3 डिग्री कम रह सकता है.
हवा में घुला जहर, पटना का AQI 293
ठंड के साथ बिहार की हवा भी जहरीली होती जा रही है. पटना के सम्मनपुरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 293 दर्ज किया गया है, जो “खराब श्रेणी” में आता है. दानापुर का AQI 212 रहा. प्रदूषण के इस स्तर का मतलब है कि हवा में धूलकणों और प्रदूषक तत्वों की मात्रा खतरनाक रूप से बढ़ चुकी है
सड़क किनारे जमा धूलकण, वाहनों का धुआं और निर्माण कार्य इसकी बड़ी वजह हैं. समनपुरा और कलेक्ट्रेट क्षेत्र में धूलकण की मोटी परत जम चुकी है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. गया में भी हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. मौसम विभाग का कहना है कि तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति प्रदूषकों को जमीन के पास रोके रखती है, जिससे AQI तेजी से बढ़ता है.
नवंबर में ही जनवरी जैसा एहसास
बदलते मौसम ने लोगों की दिनचर्या पर असर डालना शुरू कर दिया है. सुबह-शाम की सैर करने वाले लोग अब गर्म कपड़ों में नजर आ रहे हैं. दुकानों पर स्वेटर, टोपी और मफलर की बिक्री बढ़ गई है. गया, पटना, नवादा और रोहतास जैसे जिलों में लोग अब रात में रजाई में दुबककर बैठने लगे हैं.
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड की शुरुआती दस्तक रबी फसलों के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन अगर तापमान लगातार गिरता रहा तो सुबह की धुंध और कुहासा फसलों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
IMD का अलर्ट- सतर्क रहें
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य के कई हिस्सों के लिए “कोल्ड नाइट” की चेतावनी जारी की है. विभाग का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री की और गिरावट दर्ज की जा सकती है. इस दौरान लोगों को सुबह-शाम सावधानी बरतने, गर्म कपड़े पहनने और बच्चों व बुजुर्गों को ठंडी हवा से बचाने की सलाह दी गई है.

