संवाददाता, पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के डेंटल डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ बीमारी का सफल इलाज कर मरीज को नया जीवन दिया है. दरअसल, सीवान जिले के रहने वाले 45 वर्षीय रवि कुमार (बदला नाम) के चेहरे पर सूजन और आंखों की रोशनी कम होने के बाद परिजन आइजीआइएमएस लेकर पहुंचे, जहां जांच में आंख के नीचे दांत पाया गया, जिसके बाद डॉक्टर भी चकित रह गये. मरीज को डेंटल विभाग के ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ निम्मी सिंह की देखरेख में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने सर्जरी के लिए टीम बनायी़ इसमें डॉ निम्मी के अलावा मैक्सिलोफेशियल यूनिट के डॉ प्रियंकर सिंह व एनेस्थेसिया विभाग के डॉक्टर थे. टीम ने सर्जरी कर आंख के नीचे फंसे हुए दांत को बाहर निकाला. सफल सर्जरी के बाद आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ बिंदे कुमार, उपनिदेशक डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा और चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने पूरी टीम को बधाई दी.
दांत की जड़ें आंख के नीचे की हड्डी तक फैली थीं
डॉ निम्मी सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया कि रोगी के ऑर्बिटल फ्लोर (आंख के नीचे की हड्डी) में एक दांत फंसा है, जिसकी जड़ें ऑर्बिट के अंदर तक फैली हुई हैं. मरीज की एडवांस सीबीसीटी रीडिंग के माध्यम जांच की गयी, जिसमें दांत की सटीक लोकेशन स्पष्ट हो पायी, जिसके बाद सर्जरी हुई.हड्डी के कैंसर पीड़ित बच्चे की हुई सर्जरी
पांच साल का बच्चा हड्डी के कैंसर (इविंग्स सरकोमा) से ग्रसित था. यह प्रायः 10 साल के बच्चे में देखा जाता है. यह एक रेयर कैंसर है और यदि इसका इलाज सही समय पर सही तरीके से नहीं किया गया, तो इससे जान भी जा सकती है. इस बीमारी से ग्रसित बच्चा महावीर कैंसर संस्थान में आया, जहां हड्डी कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ सूर्य प्रकाश ने जांच में पता चला कि उसके बायां स्कैपुला (हड्डी) कैंसर से ग्रसित है. इसके बाद बच्चे को शिशु रोग विभाग के डॉ आशुतोष और डॉ साजिद ने कीमो दिया और फिर उसकी सर्जरी की गयी. डॉ सूर्य प्रकाश और सर्जरी टीम में शामिल डॉ माधव राज की देखरेख में इलाज किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

