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कल चेन्नई में गैर एनडीए नेताओं का होगा जुटान नीतीश करेंगे संबोधित

करुणानिधि के जन्मदिन पर रैली पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार की देर शाम दिल्ली पहुंचेंगे. अगले दिन शनिवार की दोपहर वह चेन्नई में होंगे. वहां द्रमुक के अध्यक्ष करुणानिधि के आवास पर उनके 94वें जन्मदिन पर मुबारकवाद देने जायेंगे. इसके बाद चेन्नई में ही द्रमुक की ओर से गैर भाजपा दलों की बड़ी रैली […]

करुणानिधि के जन्मदिन पर रैली
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार की देर शाम दिल्ली पहुंचेंगे. अगले दिन शनिवार की दोपहर वह चेन्नई में होंगे. वहां द्रमुक के अध्यक्ष करुणानिधि के आवास पर उनके 94वें जन्मदिन पर मुबारकवाद देने जायेंगे. इसके बाद चेन्नई में ही द्रमुक की ओर से गैर भाजपा दलों की बड़ी रैली आयोजित की गयी है, जिसे नीतीश कुमार भी संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री चार जून को पटना लौटेंगे.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चेन्नई में गैर भाजपा दलों का पहला जुटान होगा. द्रमुक ने करुणानिधि के जन्मदिन पर चेन्नई में बड़ी रैली आयोजित की है. माना जा रहा है कि इस रैली में द्रमुक की ओर से आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति चुनाव में गैर भाजपा दलों के साथ रहने की घोषणा की जायेगी.
रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया है.
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार उतारे जाने के संभावित फैसले के पहले इस जुटान पर राजनीतिक दलों की नजर है. पिछले दिनों करुणानिधि की पुत्री और सांसद कनिमोझी ने खुद पटना आकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तीन जून को चेन्नई में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दिया था. कनिमोझी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को भी इस समारोह में आने को न्योता दिया है. उस समय कनिमोझी ने कहा था िक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर द्रमुक जदयू-राजद की राय के साथ होगा.
गंगा की स्थिति का स्थल निरीक्षण करें विशेषज्ञ : सीएम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गंगा नदी में गाद की आज जो स्थिति है, उसको अधिकारी और विशेषज्ञ व्यावहारिक रूप से स्थल निरीक्षण कर देख लें और तब समस्या के समाधान पर सोचें.
वे सिर्फ टेक्सट बुक नॉलेज पर न जाएं. मुख्यमंत्री ने गंगा नदी की अविरलता को लेकर गुरुवार की शाम स्टेट गेस्ट हाउस में केंद्रीय जल संसाधन और नदी विकास व गंगा जीर्णोद्धार मंत्री उमा भारती के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि सभी इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन को ओपेन माइंड से सोचना होगा. इकोलॉजी, इंजीनियरिंग और देश भर में गंगा नदी के प्रति लोगों की भावना को देखते हुए समाधान ढूंढ़ना होगा. सीएम ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया था कि 10 जून से पहले अधिकारियों व विशेषज्ञों की टीम भेजें, ताकि वे अपनी आंखों से इसे देख सकें. इस साल मॉनसून अच्छी होने की संभावना है, ऐसी स्थिति में बाढ़ को रोकना मुश्किल होगा. मुख्यमंत्री ने गंगा नदी का बहाव बढ़ाते हुए सिल्ट हटाये जाने का भी अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की विशेषता को समझना होगा. इंगलैंड और अमेरिका की नदियों से इसकी तुलना नहीं हो सकती. गंगा नदी छिछली हो गयी है. इसकी निर्मलता उसकी अविरलता के बिना संभव नहीं है.गंगा में जल के बहाव में कमी के कारण तल में अत्यधिक सिल्ट जमा हो गया है.
चितले कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है, लेकिन कमेटी ने स्थल निरीक्षण नहीं किया. इस कमेटी की रिपोर्ट पर बिहार की राय केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में भी और 2015 में इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर इन बातों को रखा गया है. फरक्का बराज के निर्माण के बाद गंगा नदी के जल का नैसर्गिक प्रवाह बाधित हुआ है. बराज के अपस्ट्रीम में गंगा के प्रवाह में जो सिल्ट पहले पानी के साथ बह जाता था, अब नदी के तल में जमा होते जा रहा है.
20 साल पहले गंगा की जो गहराई और पानी होता था, आज देखने पर रोना आता है. 20 साल पूर्व तक गंगा नदी का पानी बाल्टी में रखने पर गाद नहीं जमता था, लेकिन अब तो नहाने लायक भी नहीं बचा है. अब तो सोन और पुनपुन नदी की धार भी खत्म हो गयी है. पानी का बहाव घट गया है और पानी सिल्ट के साथ निकलता था, वह नहीं निकलता है. उन्होंने कहा कि जो सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जा रहे हैं, उनका पानी वापस नदी में न गिरे, इसका ध्यान रखना होगा.
गंगा से सिल्ट को हटाना होगा : उमा भारती
बैठक में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा में सिल्ट की समस्या है और सिल्ट को हटाना होगा. मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये सुझावों का पूरा ध्यान रखा जायेगा. केंद्रीय मंत्री व उनके साथ आये अधिकारियों के दल ने नमामी गंगे और बिहार में चल रहे अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी.
बैठक में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, परिवहन विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, केंद्रीय मंत्री के साथ आये मंत्रालय के वरीय अधिकारी और जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारी व अभियंता मौजूद थे.

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