नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार के तौर प्रशांत किशोर की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा किमुख्यमंत्री किसी को भी अपना सलाहकार नियुक्त कर सकते हैं.साथ ही किसी को भी वेतन का भुगतान कर सकते हैं. कोर्ट के इनकार के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
दरअसल, इस संबंध में एक याचिका दायर की गयी थी. जिसमें कहा गया था कि प्रशांत किशोर कोसलाहकार के साथ-साथ राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. इस तरह की नियुक्ति कर करदाताओं के पैसे को इस तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ये अप्रत्यक्ष रूप से उस नियम के खिलाफ है जिसमें साफ है कि मंत्रिपरिषद 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता.
याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री के पास पूरा तंत्र होता है, ऐसे में वो प्रशांत किशोर को इस तरह नहीं रख सकते. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो मुख्यमंत्री की पसंद रहे होंगे और उन्होंने साथ काम किया होगा. हम इस तरह के मामले में दखल नहीं देंगे.