पटना . पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और महागंठबंधन के नेता कुख्यात शाहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने का फैसला देकर सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है. इस फैसले से यह साबित हो गया है कि बिहार में कानून–व्यवस्था की ऐसी स्थिति नहीं है कि शहाबुद्दीन जैसे सत्ता संरक्षित अपराधी को वहां रख कर उसके मामले की निष्पक्ष सुनवाई करायी जा सके. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से नीतीश कुमार के कथित सुशासन और कानून के राज की एक बार फिर हवा निकल गयी है.
मोदी ने कहा कि सीवान जेल में रहते चंदा बाबू के तीसरे बेटे की हत्या कराने, गवाहों को धमकाने, आतंक कायम रखने और जेल में दरबार लगाने जैसे संगीन आरोपों के बावजूद लालू प्रसाद के दबाव में नीतीश सरकार नहीं चाहती थी कि शाहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजा जाये. इससे संबंधित याचिका पर सरकार ने अपना कोई स्पष्ट मंतव्य नहीं दिया और चुप्पी साधे रही. उन्होंने कहा कि इसके पहले हाइकोर्ट में राज्य सरकार ने शहाबुद्दीन को बेल दिलाने में मदद की . सुप्रीम कोर्ट में उसकी बेल को निरस्त कराने के लिए वकील प्रशांत भूषण की पहल का इंतजार करती रही. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अगर नीतीश कुमार में साहस है, तो लालू प्रसाद पर दबाव बना कर शहाबुद्दीन को राजद से निष्कासित करायें . जेल में शहाबुद्दीन से मिलने व दरबार लगाने वाले मंत्री अब्दुल गफूर के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही शाहाबुद्दीन से जुड़े तीन साल से बंद पड़े सभी मामले की ट्रायल शुरू करायें.