17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BSSC परचा लीक मामला : परमेश्वर ने लिये कुछ मंत्रियों और विधायकों के नाम, कहा- दम है तो इन्हें पकड़िए

पटना : बीएसएससी की परीक्षा के पेपर लीक के तार पटना के राजीव नगर के रोड नंबर चार में स्थित एवीएन स्कूल से जुड़े हैं. पांच फरवरी को परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा पहले इस स्कूल से ही पेपर के चारों सेट लीक हुए थे और फिर उत्तर तैयार कर परीक्षार्थियों को वाट्सएप व […]

पटना : बीएसएससी की परीक्षा के पेपर लीक के तार पटना के राजीव नगर के रोड नंबर चार में स्थित एवीएन स्कूल से जुड़े हैं. पांच फरवरी को परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा पहले इस स्कूल से ही पेपर के चारों सेट लीक हुए थे और फिर उत्तर तैयार कर परीक्षार्थियों को वाट्सएप व अन्य माध्यमों से उपलब्ध कराये गये थे.
पुलिस ने इस मामले में एवीएन स्कूल के निदेशक सह संचालक रामाशीष सिंह (महुलान, सलैया, औरंगाबाद), बिहटा के वर्मा आइटीआइ सेंटर के निदेशक नितिन कुमार (गैरांडी, अकबरपुर, नवादा), स्कूल के मैनेजर रामसुमेर सिंह (छक्कनबिगहा, औरंगाबाद), पटना के बेऊर स्थित रैंडम कोचिंग क्लासेज के निदेशक सह संचालक रामेश्वर कुमार (सिपारा, बेऊर), कौशल किशोर (पैमारघाट, पुनपुन) और रेलवे में लोकाे पायलट आलोक रंजन (जटडुमरी, पुनपुन) को गिरफ्तार कर लिया. रामशीष सिंह एवीएन स्कूल का संचालक होने के साथ ही साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग में क्लर्क भी है.
इन लोगों के पास से परीक्षा से जुड़े कई दस्तावेज, बैंक पासबुक और कई छात्रों के ऑरिजिनल दस्तावेज बरामद किये गये थे. पकड़े गये सभी की भूमिका इस गोरखधंधे में अलग-अलग थी.
पूरे सेटिंग का मास्टरमाइंड रैंडम कोचिंग संस्थान का निदेशक रामेश्वर कुमार था, जबकि स्कूल से पेपर को लीक करने की जिम्मेवारी एवीएन स्कूल के निदेशक, मैनेजर और स्कूल के मैथ टीचर अटल कुमार की थी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस स्कूल से ही पेपर लीक हुए थे और इसमें स्कूल के संचालक की अहम भूमिका थी. कोचिंग के निदेशक उन पेपर को वितरित करने व प्रश्नों के सॉल्व करने की जिम्मेवारी थी और अन्य लोगों की जिम्मेवारी उम्मीदवारों को इकट्ठा करना, उनके शैक्षणिक दस्तावेज व पैसे लेने की थी. उन्होंने कहा कि कई अन्य लोगों के भी नाम पुलिस के समक्ष आये हैं, जो पेपर लीक में शामिल थे. उन सभी को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि उन लोगों के मोबाइल में छात्रों के कई डिटेल हैं, जिनकी संबंध में छानबीन की जा रही है.
अगमकुआं में पकड़े गये गिरोह के सदस्यों को रिमांड पर लेने के बाद हुआ खुलासा
पटना के अगमकुआं के कांटी फैक्टरी रोड में पुलिस की टीम ने चार फरवरी को ही एक गिरोह का परदाफाश किया था और पांच फरवरी की परीक्षा में होनेवाली वाली सेटिंग को नाकाम कर दिया था.पुलिस ने गिरोह के पवन समेत तीन को पकड़ा था. लेकिन, पवन उस समय कुछ भी जानकारी नहीं दी. पुलिस ने जब पवन समेत तीनों को बुधवार को रिमांड पर लिया, तो उसने डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश से संबंधों का खुलासा किया और फिर अविनाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद पवन से जानकारी मिली कि उसे छात्र कौशल किशोर ने पेपर दिये जाने की गारंटी दी थी और उसने पुलिस को उसका मोबाइल नंबर भी उपलब्ध करा दिया. इसके बाद पुलिस टीम ने कौशल को बुधवार की देर रात पुनपुन से गिरफ्तार कर लिया और फिर कोचिंग संचालक के साथ ही स्कूल के निदेशक और अन्य तक पहुंच गयी. विदित हो कि एक फोटो भी वाट्सएप पर वायरल हुआ था, जिसमें पेपर के सेट का सील कटा हुआ दिख रहा है और एक ब्लेड बगल में रखा हुआ है.
परमेश्वर राम की गिरफ्तारी और उनके कबूलनामे ने पूरे मामले में भूचाल ला दिया
पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के सचिव परमेश्वर राम की गिरफ्तारी और उनके कबूलनामे ने पूरे मामले में भूचाल ला दिया है. शुरुआत में खुद को पाक-साफ बतानेवाले सचिव ने जब खुद की गरदन फंसते हुए देखा, तो मुंह खोला. उन्होंने कुछ मंत्रियों व िवधायकों के नाम बता कर एसआइटी को उन सभी को भी गिरफ्तार करने की चुनौती दी.
इसके बाद उनके कबूलनामे और उनके मोबाइल फोन के आधार पर जांच तेज कर दी गयी है. मामले की जांच से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने परमेश्वर राम के मोबाइल फोन पर कुछ मंत्रियों के सिफारिशी मैसेज को भी दिखाया. परमेश्वर राम के मोबाइल फोन में कुछ एसएमएस और मिले हैं, जो सियासत के गलियारे से लेकर अधिकारियों के चैंबर तक पहुंचते हैं. सूत्रों के मुताबिक एसआइटी के पास कई वीवीआइपी के नामों की सूची भी है, जो कहीं-न-कहीं इस खेल से जुड़े हैं. अब जांच टीम सबूत और कनेक्शन को पुख्ता करने में लगी है. जांच निष्पक्ष हुई, तो कई और बड़े चेहरे सामने आयेंगे.
सचिव को रिमांड पर लेकर आमने-सामने होगी पूछताछ
एसआइटी ने पूरे मामले की छानबीन के लिए जो प्लानिंग की है, उसके मुताबिक पहले मुन्ना गैंग और पवन गैंग से रिमांड पर कड़ी पूछताछ की जायेगी. पवन गैंग तीनों दिनों के लिए रिमांड पर है, उससे पूछताछ चल रही है. वहीं, मुन्ना गैंग को रिमांड पर लेने के लिए शाहपुर थाने की पुलिस ने बुधवार को ही दानापुर कोर्ट में अर्जी दी है. अब तैयारी यह है कि पहले इन दोनों गैंग से पूछताछ की जाये और मामले की तह तक पहुंचा जाये. इसके बाद अगर कुछ अौर क्लू मिलता है, तो सबूत के आधार पर अन्य बड़े चेहरों को भी पकड़ा जायेगा.
फिर आमने-सामने पूछताछ की होगी. इसके लिए दो दिनों के अंदर सचिव परमेश्वर राम और डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को रिमांड पर लेने के लिए अगमकुआं पुलिस कोर्ट में अर्जी लगायेगी. रिमांड मिलने के बाद सचिव के कबूलनामे के आधार पर सामने पूछताछ होगी. गौरतलब हो कि यह प्लान बोर्ड घोटाले में भी अाजमाया गया था. लालकेश्वर और उषा सिन्हा के पकड़े जाने के बाद बच्चा राय से आमने-सामने पूछताछ करायी गयी थी और एसआइटी को पूरी जानकारी मिली थी.
परमेश्वर राम निलंबित
पटना. पेपर लीक मामले में गिरफ्तार बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम को निलंबित कर दिया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार राम की गिरफ्तारी की अवधि 24 घंटे से अधिक हो चुकी है. सेवा शर्त नियमावली के अनुसार ऐसे में उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई अनिवार्य है. प्रावधान के अनुसार परमेश्वर राम जिस दिन से जेल में बंद हैं, उनके जेल से बाहर आने के बाद भी अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.
पाटलिपुत्रा इलाके में देर रात छापेमारी, एक दर्जन से अधिक को एसआइटी ने उठाया
एसआइटी की टीम ने देर रात शहर के पाटलिपुत्रा इलाके में छापेमारी की है. इसके दौरान टीम ने एक दर्जन से अधिक लोगों को उठाया. इसके बाद टीम उन्हें लेकर रंगदारी सेल आयी और पूछताछ की. जिस मकान से ये पकड़े गये, वहां से कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. एसआइटी इनकी छानबीन कर रही है. इनके मोबाइल फोन को खंगाला जा रहा है. इसके पहले पहले हिरासत में लिये गये लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
आरोपों से घिरे पटना क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक मीणा हटाये गये
पटना. सीबीएसइ के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक आरआर मीणा को हटा दिया गया है. उन पर डि-एफिलिएटेड स्कूलों से पैसे लेकर परीक्षा फाॅर्म भरवाने समेत कई तरह के अारोप लगे हैं.
उनकी जगह पर सीबीएसइ ने आलोक धवन को पटना क्षेत्रीय कार्यालय का नया निदेशक नियुक्त किया है. आलोक अभी सीबीएसइ यूजीसी नेट के डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं. आरआर मीणा को अगस्त, 2015 में क्षेत्रीय निदेशक बनाया गया था. इसके बाद से उन पर कई तरह के आरोप लगते रहे.
सूत्रों की मानें, तो मीणा पर डि-एफिलिएटेड हो चुके स्कूलों से पैसे लेकर परीक्षा फाॅर्म भरवाने का अारोप था. सीबीएसइ से जो भी नोटिस स्कूलों के लिए आता था, तो मीणा संबंधित स्कूलों से पैसे लेकर स्कूलों को नोटिस नहीं देते थे. मीडिया में जब मामला आता था, तब सीबीएसइ, दिल्ली को इसकी जानकारी मिलती थी. इसका उदाहरण हाल में पटना की बुद्धा कॉलोनी स्थित एक निजी स्कूल में एक शिफ्ट की पढ़ाई बंद करने से संबंधित था.
दो साल में नहीं किया किसी स्कूल का निरीक्षण
मीणा ने 2015 से अब तक एक भी स्कूल का निरीक्षण नहीं किया. सीबीएसइ ने जिन स्कूलों को डि-एफिलिएट किया, वे स्कूल लगातार सीबीएसइ के नाम और बैनर का इस्तेमाल करते रहे. लेकिन, क्षेत्रीय निदेशक के तौर पर उन्होंने कोई नोटिस नहीं दिया.
मीणा पर लगे अन्य आरोप
– प्राइवेट गाड़ी को कमर्शियल बना कर उपयोग किया
– ऑफिस के अन्य पदाधिकारियों पर फर्जी बिल बनाने का दबाव डाला
– ऑफिस टूर के नाम पर फ्लाइट से आना-जाना
– होटल का झूठा बिल बना कर पैसा लिया
– प्राइमरी टीचर को पीजीटी बना कर 12वीं के इवैल्यूशन में लगाया
– 12वीं इवैल्यूशन में जिस सब्जेक्ट की पढ़ाई स्कूल में नहीं हो रही थी, वहां के टीचर को भी लगाया
– 2015 में एनवीएन स्कूल के 223 परीक्षार्थियों से पैसे लेकर 10वीं बोर्ड परीक्षा दिलवायी
– डीपीएस, भागलपुर के सीबीएसइ निरीक्षण में गलत जांच रिपोर्ट बनायी
– कई स्कूलों में सीधा नामांकन लेने पर रोक लगी थी, लेकिन 11वीं में सीधा नामांकन लेनेवाले एेसे स्कूलों को खुली छूट दी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें