पटना : 500 और 1000 रुपये के नोट बदलने का काम गुरुवार से बैंकों और डाकघरों में शुरू हो गया. बैंकों और पोस्ट ऑफिसों में देर शाम तक लंबी कतारें लगी रहीं. लेकिन, शाम छह बजे तक पटना जीपीओ व उपडाकघरों में रुपये नहीं पहुंच पाने के कारण नोट बदलने का काम नहीं हो सका. इसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखा गया. बैंक और डाकघर खुलने से पहले ही लंबी कतारें लग गयी थीं. लोग सुबह आठ बजे से ही बैंक के सामने खड़े हो गये थे. कुछ बैंक समय से पहले ही खुले गये, तो कुछ बैंक तय समय पर. बैंकों ने लोगों को परेशानी नहीं हो इसके लिए अतिरिक्त काउंटर खोले थे. लेकिन, आम दिनों की अपेक्षा बैंकों में चार गुना भीड़ रही.
सबसे अधिक भीड़ बड़े बैंकों में देखे गये. रिजर्व बैंक में भी लोगों की लंबी लाइन देर शाम तक लगी रही. कई बैंकों में पर्याप्त करेंसी नहीं होने के कारण पुराने नोट बदलने के काम नहीं किया गया. वहीं कुछ बैंकों में 4000 रुपये के बदले दो हजार रुपये तक के नोट बदलने का काम किया गया. बड़े बैंकों में रात आठ बजे तक पुराने नोट बदले गये. बड़े बैंकों के वरीय अधिकारी भीड़ को संभालने में लगे रहे. जिला प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए बैंक के पास पुलिस की तैनाती की थी. स्थानीय थाने की गाड़ियां भी गश्ती करती रहीं.
कई बैंकों में नहीं बदले गये नोट
शहर के कई बैंकों में करेंसी कम हाेने के कारण पुराने नोटों को बदलने का काम नहीं हुआ. इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. यूनियन बैंक की बोरिंग रोड शाखा में नोट बदलने आये लोगों को यह कर वापस लौटा दिया जा रहा था कि करेंसी कम है.
इसलिए नोट बदलने का काम नहीं हो पा रहा है. वहीं, अांध्रा बैंक में एक हजार रुपये तक ही पुराने नोट बदलने का काम हुआ. कर्मचारियों का कहना था कि सभी को मौका दीजिये कल तक सामान्य हो जायेगा. बोरिंग रोड स्थित कोटक महिंद्रा में दो बजे तक नोट एक्सचेंज का काम शुरू नहीं हो पाया था. अधिकारी लोगों को बार-बार समझा रहे थे कि रुपये आने के बाद एक्सचेंज का काम शुरू हो जायेगा. साथ ही खाताधारी से आग्रह किया जा रहा था कि पैसा जमा कर पैसा निकालें.
भारतीय स्टेट बैंक की श्रीकृष्णापुरी शाखा में अन्य दिनाें की तुलना में चार गुना भीड़ देखने को मिली. यहां तीन विशेष काउंटर खोले गये थे. सीनियर सिटीजन के लिए यहां विशेष काउंटर खोले गये थे.
सबसे अधिक भीड़ : लोगों की सबसे अधिक भीड़ स्टेट बैंक की शाखाओं सहित अन्य बड़े बैंकों में देखी गयी. सामान्य दिनों की तुलना में चार गुण से अधिक भीड़ बैंकों में देखी गयी. अधिक भीड़ होने के कारण लोग को कहीं-कहीं तीन घंटों तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा. अधिक भीड़ होने के कारण बैंक का अन्य काम प्रभावित रहे. रिजर्व बैंक में पुराने नोट बदलने वालों की लंबी कतार देखी गयी. यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे जो लोगों को फाॅर्म भरने में मदद कर रहे थे. गांधी मैदान स्थिति स्टेट बैंक में तो भीड़ को देखते हुए एक बजे के बाद फाॅर्म देना बंद कर दिया गया, जो दिन के तीन बजे फाॅर्म बांटने का काम शुरू हुआ.
लंबी कतार : पटना सिटी में भी नोट को बदलने के आदेश के बाद गुरुवार को बैंक व डाकघर के बाहर नोट बदलनेवालों की कतार लग गयी. बैंकों में भी पैसा कमी होने के बाद मंगा कर ग्राहकों को दिया जा रहा था.
रात आठ बजे तक हुआ काम :
बड़े बैंकों में पुराने नोट बदलने का काम रात अाठ बजे तक चलता रहा. अधिकारियों ने कहा कि पहला दिन होने के कारण लोग देर शाम तक आते रहे. उन्हें कैसे वापस लौटाया जा सकता था. अगले दो-तीन दिन में हालात सामान्य हो जायेगा.
आठ बजे से लगीं लाइनें
बैंक में लाइन में लगे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जो लोग कैश बदलने के लिए सुबह आठ बजे से लाइन में खड़े थे, उन्हें फाॅर्म
के साथ पहचानपत्र की फोटो काॅपी देने को कहा जा रहा था. ऐसे में घंटों से लाइन में लगने के बाद फोटो काॅपी के लिए भटकना पड़ा. कहीं-कहीं तो कर्मचारी फाॅर्म ही नहीं दे रहे थे. उनका कहना था कि पहले पहचानपत्र की
फोटो काॅपी दीजिए, तब फाॅर्म मिलेगा. इसको लेकर कई बार विवाद भी
हुआ.
फाॅर्म भरने में हुई दिक्कत
पुराने नोट बदलने के लिए लोगों को एक फाॅर्म भरना है, जो अंगरेजी में
होने के कारण कम पढ़े-लिखे लोगों
को परेशानी हो रही थी. ये लोग दूसरे लोगों से भरने के लिए आग्रह करते देखे गये. जबकि, भारतीय रिजर्व
बैंक में अंगरेजी और हिंदी में फाॅर्म उपलब्ध हैं.
नये सर्वर से काम धीमा
नोट बदलने का रफ्तार कुछ धीमी रहा. इसके पीछे दो कारण थे एक तो अप्रत्याशित भीड़ और बैंकों को दिया गया नया सर्वर. नये सर्वर में कर्मचारियों को बदले जाने वाले पुराने 500-100 के हर नोट का नंबर डालना है. इससे काम में समय लग रहा था.
महिलाओं को समस्या
होटल मौर्या स्थित बिहार की एक
मात्र भारतीय महिला बैंक ने करेंसी कम होने कारण अपने ही खाताधारी को पुराने नोट बदलने की सुविधा दी. लेकिन, वह भी चार हजार के बदले दो हजार रुपये ही बदले गये. इस कारण आम महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा.
