मसौढ़ी/पटना : पटना-गया रेलखंड के तारेगना जीआरपी (पीपी) अंतर्गत मसौढ़ी कोर्ट हाॅल्ट पर शनिवार की सुबह तीन सहोदर भाइयों ने 35 वर्षीय अपने चचेरे भाई राजकुमार सिंह उर्फ निहरू सिंह (धनरूआ, केवड़ा गांव) को गोलियों से भून डाला. मौके पर पहुंची पुलिस ने प्राथमिक उपचार के लिए उसे पीएमसीएच भेजा. लेकिन, उपचार के दौरान पीएमसीएच में उसकी मौत हो गयी.
घटना का कारण जमीन विवाद बताया जाता है. इधर पुलिस ने मौके से 7.65 बोर के तीन जिंदा कारतूस व दो खोखा और 0.315 बोर के चार खोखे व कई जोड़े चप्पल बरामद किये है. इस संबंध में पीरबहोर पुलिस ने पीएमसीएच में परिजनों का फर्द बयान लिया है. जिसमें परिजनों ने चचेरे भाई राजीव कुमार, जितेंद्र कुमार उर्फ पिंटू सिंह, सुनील कुमार व अन्य के खिलाफ हत्या करने की जानकारी दी है.
चाची की हत्या का था आरोपित : राजकुमार सिंह अपनी चाची की हत्या का आरोपित था और पांच माह पहले ही जेल से छूट कर आया था. सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाने की पुलिस व जीआरपी ने गंभीर रूप से घायल राजकुमार को अनुमंडलीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराने के बाद पीएमसीएच में भरती कराया. जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया. बताया जाता है कि राजकुमार सिंह व उसके चचेरे भाइयों के बीच पूर्व से जमीन विवाद चल रहा था. इसे लेकर करीब 12 साल पूर्व राजकुमार सिंह ने जितेंद्र कुमार पर गोली दागी थी. जिसमें पुत्र को बचाने में जितेंद्र के मां की मौत हो गयी थी. इधर, राजकुमार की हत्या की नीयत से हमलावरों ने शुक्रवार को भी उस पर फायरिंग की थी, जिसमें वह बाल-बाल बच गया था. लेकिन, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई नहीं की. जिससे हमलावरों की हिम्मत कम नहीं हुई और अगले दिन ही घटना को अंजाम दे दिया गया.
ट्रेन पकड़ने के लिए खड़ा था मसौढ़ी कोर्ट हॉल्ट पर : मिली जानकारी के मुताबिक धनरूआ थाना क्षेत्र के केवढा गांव के गांधी प्रसाद सिंह का पुत्र राजकुमार सिंह उर्फ निहरू सिंह शनिवार की सुबह पटना के एक कोर्ट में तारीख पर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए मसौढ़ी कोर्ट हॉल्ट पहुंचा. उसे छोड़ने के लिए उसके पिता गांधी प्रसाद सिंह व उसकी पत्नी उषा देवी भी उसके साथ मसौढ़ी कोर्ट हाॅल्ट गये थे. राजकुमार सिंह ट्रेन की प्रतीक्षा ही कर रहा था कि इसी बीच उसके चचेरे भाई राजीव कुमार, जितेंद्र कुमार उर्फ पिंटू सिंह व सुनील कुमार वहां आ धमके और उन्होंने उसे गाेलियों से भून डाला. गांधी प्रसाद सिंह की ओर से हल्ला करने पर सभी फरार हो गये.
शुक्रवार को भी बाल-बाल बचा था राजकुमार : शुक्रवार को विवादित भूमि की जुताई करा कर घर लौट रहे राजकुमार सिंह के सीने पर गांव के देवी स्थान के पास उसके चचेरे भाई राजीव ने गोली दागी थी. लेकिन, चलायी गयी गोली राजकुमार के शर्ट की पाॅकेट में रखे मोबाइल पर लगी थी और वह बाल-बाल बच गया था. गोली लगने से मोबाइल चकनाचूर हो गया था. बाद में इस संबंध में राजकुमार ने राजीव, सुधीर, नागेंद्र सिंह, देव कुमार सिंह व जितेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ धनरूआ थाने में लिखित आवेदन दिया था .
पत्नी व पिता की आंखों के सामने की हत्या
राजकुमार सिंह अपनी चाची की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बंदी था और करीब चार-पांच माह पूर्व ही जेल से छूट कर घर आया था. घर आने के बाद से ही राजकुमार के ऊपर उसके चचेरे भाइयों की नजर टेढ़ी थी और इसे लेकर वे हमेशा तनाव में रह रहे थे. आखिरकार राजकुमार को तीनों आरोपियों ने उसकी पत्नी व पिता के सामने दौड़ा दौड़ा कर गोलियों से भून डाला और वे सब कुछ अपनी आंखों से देखते रह गये. चाह कर भी वे कुछ नहीं कर पायें. घटना के वक्त ट्रेन पकड़ने के इंतजार में सैकड़ों लोग प्लेटफाॅर्म पर मौजूद थे. लेकिन, सभी भाग निकले.
तो बच सकती थी राजकुमार की जान
शुक्रवार को राजीव की ओर से राजकुमार पर चलायी गयी गोली के बाद अगर धनरूआ पुलिस एहतियातन कार्रवाई की होती, तो राजकुमार की जान बच सकती थी. लेकिन, पुलिस ने राजकुमार की ओर से इस मामले में दिये गये आवेदन के आलोक में कोई निरोधात्मक कार्रवाई करना ही मुनासिब नहीं समझा. पुलिस मामले की जांच तक करने घटना स्थल पर भी नहीं जा सकी. इस संबंध में धनरूआ थानाध्यझ रोहन कुमार ने बताया कि नामजद पांचों व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गयी थी. लेकिन, सभी फरार थे .