पटना : लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने आज कहा कि उनकी पार्टी बिहार में शराब बंदी के खिलाफ नहीं है लेकिन दंडात्मक प्रावधानों को अस्वीकार करती है जो मौलिक अधिकार और नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं. केंद्रीय मंत्री ने हालांकि प्रधानमंत्री के नियंत्रण रेखा पर लक्षित हमले को लेकर सार्वजनिक रूप से कुछ ना बोलने के निर्देश का हवाला देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पर की गयी विवादित टिप्पणी पर कुछ कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सेना कुशलता पूर्वक काम कर रही है और लोग सबकुछ देख रहे हैं.
शराब बंदी के पक्ष में लेकिन कानून के पक्ष में नहीं-पासवान
बिहार में मद्य निषेष कानून को रद्द करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर आज रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर पूछे जाने पर कहा कि हमारी पार्टी का शुरू से रुख है कि हम बंदी के पक्ष में हैं और उसके खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हम नये शराब कानून के तहत कडे दंडात्मक प्रावधानों को नामंजूर करते हैं जो नागरिकों के मौलिक अधिकार और निजता का उल्लंघन करते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि उप अधीक्षक से नीचे रैंक के पुलिस अधिकारी को बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी, जांच करने की मंजूरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह नैसर्गिक न्याय के खिलाफ है.
बिहार में शराब बरामद होने पर मुख्यमंत्री को हो जेल :पासवान
पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश महात्मा गांधी बनने के लिए शराब कानून का प्रचार कर रहे हैं और किसी घर में शराब की बोतल पाए जाने पर जुर्माना लगाने के अलावा परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर शराब की बोतल पाए जाने पर किसी परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजा जा सकता है तो राज्य में शराब की बोतल बरामद होने पर मुख्यमंत्री को भी जेल जाना चाहिए. पासवान ने आज के आदेश को लेकर कहा कि उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने का मतलब यह नहीं है कि मामले पर फैसला हो गया. उच्चतम न्यायालय मामले की जांच कर रहा है और मामले की सुनवाई शुरू होनी बाकी है.