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पूर्व सांसद अनवारुल हक का निधन, नीतीश कुमार ने जताया शोक

पटना / शिवहर : शिवहर के पूर्व सांसद अनवारुल हक का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. वो किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और लगभग सप्ताह भर से उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन से शिवहर, मोतिहारी व सीतामढ़ी के लोगों में शोक की […]

पटना / शिवहर : शिवहर के पूर्व सांसद अनवारुल हक का निधन हो गया है. उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. वो किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और लगभग सप्ताह भर से उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन से शिवहर, मोतिहारी व सीतामढ़ी के लोगों में शोक की लहर है. पूर्व सांसद अपने पीछे तीन पुत्र व एक पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. पूर्व सांसद का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा. उनका जन्म सात अक्तूबर 1944 को शिवहर के गड़हिया गांव में हुआ था. प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई थी. 1969 में पिता अब्दुल अजीज उर्फ भोला की मौत हो गयी. बिहार के मुख्यमंत्री ने हक के निधन पर शोक व्यक्त किया है.

संघर्षपूर्ण जीवन रहा सांसद का

उसकेबाद भाई बहन समेत पूरे परिवार की जिम्मेवारी अनवारुल हक पर आ गयी, जिसको अनवारुल हक के निभाया. इसके बाद सीतामढ़ी में जेनरल मशीनरी स्टोर्स खोला. इस बीच वे राजनीतिक नेताओं के संपर्क में आये. पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय हरिकिशोर सिंह व रघुनाथ झा इनके राजनीति संघर्ष में इनका साथ दिया. पंचायत से इन्होंने राजनीति शुरू की. पंचायत स्तर पर कॉपरेटिव के अध्यक्ष रहे. सरपंच की भी लड़ाई लड़ी. इसी बीच 1980 में कांग्रेस की टिकट पर सीतामढ़ी के सोनबरसा विधान सभा से विजयी हुए. उसके बाद वे शिवहर-सीतामढ़ी के राजनीतिक आसमान में छा गये. उनकी चुनावी लड़ाई जारी रही. 1998 में जनता दल के टिकट पर शिवहर लोक सभा का चुनाव लड़े. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आनंद मोहन को पराजित कर जीत दर्ज की.

चुनावी संघर्ष अंत तक जारी रहा

इसके बाद भी चुनावी संघर्ष का सिलिसला जारी रहा. 2014 में राजद के टिकट पर शिवहर लोकसभा का चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा की रमा देवी से चुनाव हार गये. अनवारुल हक की जनता में पकड़ थी. ये शिवहर के साथ सीतामढ़ी में काफी लोकप्रिय थे. सीतामढ़ी समाहरणालय गोलीकांड में अनवारुल हक भी आरोपित थे, जिसमें अन्य नेताओं के साथ इन्हें भी सजा हुई थी, जिसके बाद मुजफ्फरपुर की केंद्रीय कारा में रखा गया था. हालांकि बाद में जमानत मिल गयी थी. जेल में रहने के दौरान भी अनवारुल हक की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, जिसकी वजह से इन्हें एसकेएमसीएच में भरती कराया गया था.

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