पटना : बिहार में शराबबंदी को लेकर चलाए जा रहे अभियान के तहत पिछले महीने 54,557 लीटर शराब जब्त किये जाने के साथ 1309 लोगों गिरफ्तार किया गया है. बिहार उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के आयुक्त कुंवर जंग बहादुर ने बताया कि गत एक अप्रैल से 30 अप्रैल के दौरान प्रदेश में अवैध शराब बिक्री और कारोबार को लेकर चलाये जा रहे छापेमारी अभियान के तहत 39,139 लीटर देशी शराब, 15,418 लीटर भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब, 889 लीटर बीयर, 1,694 लीटर ताड़ी और 14,946 लीटर स्प्रिट जब्त किये गये.
उन्होंने बताया कि बिहार उत्पाद (संशोधन) अधिनियम 2016 का उल्लंघन करने वाले 1309 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,278 व्यक्ति जेल भेजे जाने के साथ कुल 1,500 मामले दर्ज किये गये. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को गत 30 मार्च को सर्वसम्मति से पारित कर दिए जाने के बाद बिहार राज्य मंत्रिपरिषद के प्रदेश में शराबबंदी को 31 मार्च को मंजूरी दिए जाने तथा इसको लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दिये जाने के बाद राज्य में गत एक अप्रैल की मध्य रात्रि से प्रदेश में शराबबंदी लागू हो गयी थी.
बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के तहत प्रथम चरण में एक अप्रैल से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में देशी एवं मसालेदार और भारत में बनी अंग्रेजी शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किये जाने के साथ वहां पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी थी. गत एक अप्रैल से ही शहरी इलाके में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री प्रतिबंधित कर दिए जाने के साथ भारत में बनी अंग्रेजी शराब की बिक्री बीएसबीसीएल की दुकानों के माध्यम से की जानी थी तथा शहरी इलाके में भी पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर वातारण बन जाने तथा इसकी स्वीकारोक्ति बढ़ने पर दूसरे चरण में यहां भी पूर्ण शराबबंदी लागू किया जाना था.
लेकिन शहरी इलाके में सीएसबीसीएल की दुकानों के खोले जाने के विरोध और शराबबंदी को लेकर बढ़ती स्वीकारोक्ति के मद्देनजर राज्य सरकार ने गत पांच अप्रैल से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गयी. गत पांच अप्रैल को बिहार राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में पूर्णशराबबंदी को मंजूरी दिये जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते और प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर वातावरण बन जाने का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘शुभतिशीध्रम यानि शुभ काम में देरी क्यों’.