पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परमंगलवारको एक युवकद्वारा चप्पल फेंकने की घटना की निंदा करते हुए इसे गलत ठहराया. पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि जिसने भी मुख्यमंत्री पर चप्पल फेंकी, वह गलत है और उसे किसी कीमत पर सही नहीं ठहराया जा सकता. हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करते.
बिहार में पिछले राजग शासनकाल में नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शामिल रहे सुशील ने कहा उक्त युवक उनके जनता दरबार में भी पिछले सप्ताह आया था और तमाशा करने की कोशिश की थी पर सुरक्षा कर्मी उसे पकड़कर बाहर ले गये थे. उल्लेखनीय है कि कल पटना में आयोजित जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में एक फरयादी के तौर पर पहुंचे उक्त युवक का आवेदन पढ़ने में नीतीश तल्लीन थे तभी उसने उनपर चप्पल फेंकी थी जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
नीतीश कुमार के राष्ट्रीय स्तर पर अपना कद बढ़ाने के लिए अजित सिंह की पार्टी रालोद के साथ विलय की योजना के बारे में पूछे जाने पर सुशील ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश और राजद प्रमुख लालू प्रसाद बिहार के बाहर अपनी पकड़ और पहुंच नहीं रखते. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव का पिछले वर्ष संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में हर्ष हुआ उसी प्रकार से नीतीश और लालू का आने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में होगा.
भाजपा नेता ने कहा कि जदयू और राजद एक क्षेत्रीय दल है और वे केवल अपने राज्य में प्रभाव रखते हैं और ये दल राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता पाने के लिए अपना मत प्रतिशत बढ़ाने के वास्ते अन्य राज्यों में चुनाव लड़ते हैं. जदयू के समान विचार वाले दलों के साथ विलय अथवा व्यापक गठबंधन की कोशिश पर रालोद नेता अजित सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि कौन किसके साथ जाएगा यह कौन जानता है. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने में सफल नहीं होंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि कि पहले नीतीश ने जनता परिवार के पुराने दलों के विलय को लेकर मुलायम सिंह यादव के साथ ‘धोखा’ और अब अजित सिंह जिनके बारे में चर्चा है कि वे विलय में रुचि नहीं ले रहे हैं. जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया के बिहार के दौरे के बारे में सुशील ने आरोप लगाया कि श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित उनके कार्यक्रम शराब माफियों द्वारा प्रायोजित था क्याेंकि भाकपा के पास उक्त हाल में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए कन्हैया ने शराब कारोबारी के प्रभाव में शराबबंदी के खिलाफ बयान दिये.