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Friday, March 29, 2024

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बिहार में संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत की गयी है शराबबंदी : नीतीश

सहरसा / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर दी जा रही दलील को खारिज करते हुएमंगलवारको कहा कि संविधान के नीति निर्देशक तत्व के अनुच्छेद 47 के जरिये स्पष्ट किया गया है. राज्य अपने नागरिक के स्वास्थ्य एवं पोषण की रक्षा करे एवं पूर्ण मद्यनिषेध की ओर […]

सहरसा / पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर दी जा रही दलील को खारिज करते हुएमंगलवारको कहा कि संविधान के नीति निर्देशक तत्व के अनुच्छेद 47 के जरिये स्पष्ट किया गया है. राज्य अपने नागरिक के स्वास्थ्य एवं पोषण की रक्षा करे एवं पूर्ण मद्यनिषेध की ओर बढ़ने के लिए सतत प्रत्यनशील रहे.

सहरसा के आउटडोर स्टेडियम में जीविका समूह की महिलाओं द्वारा आयोजित मद्य निषेध कार्यक्रम का आज उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि कुछ शहरी लोग यह कहते हैं कि शहरों में शराब पीने पर छूट थी. हम क्या खाते हैं या शराब पीते हैं इससे दूसरों को क्या मतलब. हम क्या खायें या पीयें प्रतिबंध नहीं लगना चाहिये.

शराब संविधान के अनुच्छेद 19 में दियेगये मौलिक अधिकारों के तहत नहीं आता
उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है. संविधान के नीति निर्देशक के अनुच्छेद 47 के जरिये स्पष्ट किया गया है. राज्य अपने नागरिक के स्वास्थ्य एवं पोषण की रक्षा करे एवं पूर्ण मद्यनिषेद्य की ओर बढ़ने के लिए सतत प्रत्यनशील रहे. नीतीश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि शराब एवं मादक दृव्यों के संबंध रखना किसी का मौलिक अधिकार नहीं हो सकता है. यह दायित्व राज्य का है कि वह अपने राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य, कल्याण एवं नैतिकता की रक्षा करे. शराब संविधान के अनुच्छेद 19 में दियेगये मौलिक अधिकारों के तहत नहीं आता है.

शराबबंदी एक सामाजिक परिवर्तन
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी को एक सामाजिक परिवर्तन बताते हुए कहा कि आज यहां गांव एवं शहरों के वातावरण में पूर्ण शांति है. झगड़ा, कोलाहल, हंगामा एवं मारपीट अब शाम होते शुरू नहीं होती है. बारात में लोग शराब पीकर नहीं नाचते-गाते हैं और न ही शराब पीकर बाईक चलायें. शराबबंदी से अपराधों तथा सड़क दुर्घटना में काफी कमी आयी है.

महिलाओंसेकहा, जहां भी शराब की अवैध भट्ठीदेखें, उसे तोड़दें
नीतीश ने महिलाओं से कहा कि वे जहां भी शराब की अवैध भट्ठी देखें उसे तोड़ दें सरकार उनकी पूरी सहायता करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी एक जन आंदोलन का स्वरुप लेता जा रहा है और झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उडीसा से इसको लेकर आवाज उठने लगी है.

पड़ोसी राज्यों को फिर से लिखा पत्र
इस बीच मुख्यमंत्री ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी में सहयोग करने के लिए पड़ोसी राज्यों झारखंड और उत्तर प्रदेश के अपने समकक्ष क्रमश: रघुवर दास और अखिलेश यादव को फिर से पत्र लिखा है.

ताड़ी पर बोले सीएम
नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ लोग ताड़ी बेचने वाले समाज के लोगों की आड़ में साजिश कर रहे हैं.नीतीश कुमार ने कहा कि वैसे लोगों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा. सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. रहा सवाल ताड़ी बेचने वालों का तो उनकी चिंता कोई नहीं करे. ताड़ी बेचने वाले बेरोजगार नहीं रहेंगे. अगले साल से उनकी आमदनी बढ़ जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ताड़ी नहीं ताड़ के पेड़ का सुबह का नीर बोतल में बंद कर बेचा जायेगा.

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