पटना : पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को राज्य में शराब का भंडारण करने पर शराब उत्पादनकर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आज अंतरिम आदेश दिया. न्यायधीश नवनिति प्रसाद सिंह और चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने प्रदेश में पूर्णशराबबंदी के खिलाफ शराब उत्पादनकर्ताओं, बार मालिकों और अन्य द्वारा दायर की गयी एक याचिका पर आज सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को शराब उत्पादनकर्ताओं के शराब का भंडारण करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का अंतरिम आदेश दिया.
इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष रखने वाले मुख्य अतिरिक्त महाधिवक्ता ललित किशोर ने न्यायालय को बताया कि राज्य सरकार इस याचिका के अंतिम तौर पर निष्पादन तक शराब के भंडारण स्टाक को न तो नष्ट करेगी और न ही बिहार स्टेट बिवरेज कारपोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) के पास मौजूद शराब को वापस लेने के लिए उत्पादनकर्ताओं पर दबाव बनाएगी.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के मद्देनजर राज्य सरकार ने शराब उत्पादनकर्ताओं को अल्टीमेटम दिया था कि वे बीएसबीसीएल के भंडार गृहों में पड़े अपने शराब के स्टाक को वापस ले लें, नहीं तो उसे नष्ट कर दिया जायेगा. हालांकि खंडपीठ ने प्रदेश सरकार के शराब के उत्पादन, बिक्री और उसके उपभोग को प्रतिबंधित किए जाने के फैसले पर रोक लगाये जाने से इनकार कर दिया है, पर ललित किशोर ने बताया कि यह इस याचिका के अंतिम तौर पर निष्पादन पर निर्भर करता है.
खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख आगामी 19 अप्रैल निर्धारित की है. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को गत 30 मार्च को सर्वसम्मति से पारित करने के बाद बिहार राज्य मंत्रिपरिषद के प्रदेश में शराबबंदी को 31 मार्च को मंजूरी दिए जाने तथा इसको लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दिए जाने के बाद राज्य में गत एक अप्रैल की मध्य रात्रि से प्रदेश में शराबबंदी लागू हो गयी थी.
बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किये जाने के साथ वहां पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी. शहरी इलाके में भी पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर वातावरण बन जाने तथा इसकी स्वीकारोक्ति बढ़ने पर दूसरे चरण में यहां भी पूर्ण शराबबंदी लागू की जानी थी.
बिहार में गत एक अप्रैल से देशी और मसालेदार शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने को जन समर्थन मिलने से उत्साहित प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार ने गत 5 अप्रैल को शहरी इलाके में भी भारत में निर्मित विदेशी शराब की बिक्री बिहार स्टेट बिवरेज कार्पोरेशन लिमिटेड :बीएसबीसीएल: के माध्यम किए जाने की अनुमति को रद्द करते हुए उसी दिन से प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया था.