28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू, ‘ताड़ी” नहीं ‘नीरा” को प्रोत्साहित करेगी सरकार : CM नीतीश

पटना : बिहार में गत एक अप्रैल से देशी और मसालेदार शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने को जन समर्थन मिलने से उत्साहित नीतीश सरकार ने शहरी इलाके में भी भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब की बिक्री बिहार स्टेट बिवेरेज कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) के माध्यम किये जाने की अनुमति को आज रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री […]

पटना : बिहार में गत एक अप्रैल से देशी और मसालेदार शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाये जाने को जन समर्थन मिलने से उत्साहित नीतीश सरकार ने शहरी इलाके में भी भारत में निर्मित अंग्रेजी शराब की बिक्री बिहार स्टेट बिवेरेज कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) के माध्यम किये जाने की अनुमति को आज रद्द कर दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज से ही प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी है.इसके साथही वर्ष 1991 की अधिसूचना को लागू किये जाने के साथ ताड़ के उत्पाद ‘नीरा’ को प्रोत्साहित करने का निर्णय किया है.

बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा प्रदेश में शराबबंदी को लेकर बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को गत 30 मार्च को सर्वसम्मति से पारित कर दिये जाने के बाद बिहार राज्य मंत्रिपरिषद के प्रदेश में शराबबंदी को 31 मार्च को मंजूरी दिये जाने तथा इसको लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दिये जाने के बाद राज्य में गत एक अप्रैल की मध्य रात्रि से प्रदेश में शराबबंदी लागू हो गयी है.

बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 के तहत प्रथम चरण में आज से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में देशी एवं मसालेदार और भारत में बनी अंग्रेजी शराब की बिक्री को प्रतिबंधित किये जाने के साथ वहां पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी. शहरी इलाके में देशी एवं मसालेदार शराब की बिक्री प्रतिबंधित कर दिये जाने के साथ भारत में बनी अंग्रेजी शराब की बिक्री बीएसबीसीएल की दुकानों के माध्यम से की जानी थी तथा शहरी इलाकों में भी पूरी तरह से शराबबंदी को लेकर वातारण बन जाने और इसकी स्वीकारोक्ति बढ़ने से दूसरे चरण में यहां भी पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी जाएगी.

शुभ काम में देरी क्यों : सीएम नीतीश
बिहार राज्य मंत्रिमंडल द्वारा उक्त आशय को आज मंजूरी दिये जाने की आज बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर वातावरण बन जाने का जिक्र करते हुए कहा कि शुभस्यशीघ्रम यानि शुभ काम में देरी क्यों. नीतीश ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी के पक्ष में जो माहौल बना और इसको लेकर लोग जो आवाज बुलंद कर रहे हैं उसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें आज दिल से बहुत खुशी हो रही है. हम बहुत जल्द ही शराबबंदी के दूसरे चरण को लागू करने की स्थिति में पहुंच गये हैं. उन्होंने कहा कि वातावारण इससे बेहतर क्या होगा कि शहरी इलाके में भारत में बनी विदेशी शराब की तय दुकानों के बारे में लोग कह रहे हैं ‘मत खोलिए’…तो इससे बेहतर वातावरण कब मिलता.

महिलाओं को दी बधाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए हमारा जो निर्णय था उसके चार दिन के बाद ही वातावरण इतना बढ़िया बन गया कि हमने शराबबंदी के दूसरे चरण को तुरंत लागू करना बेहतर समझा और बिहार में आज से पूर्ण शराबबंदी लागू हो गयी. नीतीश ने कहा कि इसके लिए वे खासतौर से महिलाओं को बधायी देते हैं और यही तेवर लोग बनाये रखें और इसी भावना से काम होता रहेगा तो वे समझते हैं कि बिहार देश के लिए मिसाल बन जायेगा.

लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा
सीएमनीतीश ने कहा कि आज सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पड़ी है और आज जो राशि शराब में खर्च हो रही थी वह लोगों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होगी. लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा, सामाजिक परिवर्तन आएगा. नीतीश ने बताया कि छावनी में शराब की बिक्री उनके द्वारा अपने ढंग से संचालित की जाती है उसे छोड़कर होटल, बार अथवा क्लब हो, कहीं भी शराब का प्रचलन नहीं रहेगा. होटल एवं क्लब को बार का किसी प्रकार का लाइसेंस निर्गत नहीं किया जाएगा. राज्य में विदेशी शराब के थोक एवं खुदरा व्यापार अथवा उपभोग को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया है.

ताड़ी को लेकर कोई नया निर्णय नहीं
उन्होंने कहा कि ताड़ी को लेकर कुछ गलतफहमियां इन दिनों उत्पन्न हो रही थी. ताड़ी के बारे में हमलोगों ने कोई नया निर्णय नहीं लिया है. इसके बारे में जो निर्णय 1991 का है, वही निर्णय अभी भी लागू रहेगा. 1991 के ताड़ी को लेकर निर्णय और उसके व्यापार को लेकर जो व्यवस्था है उसके आज सूचना निर्गत कर दी गयी है. नीतीश ने कहा कि ताड़ी को लेकर उत्पाद एवं मद्य निषेध की अधिसूचना-187 दिनांक एक अप्रैल 1991 के तहत यह स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि इन आदेशों को प्रभावकारी तरीके से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ताड़ी को ताड़ के साथ जोड़कर इसे व्यवसाय बताकर रोजगार खत्म करने की बात कही जा रही जिसके बारे वे कहना चाहते हैं कि ताड़ का उत्पाद बहुत गुणकारी, उपयोगी और स्वास्थवर्द्धक है लेकिन ताड़ी नहीं है. ताड़ी में मादक गुण आ जाते हैं जिसके कारण वह गुणकारी नहीं है. ताड़ का वह उत्पाद जो ताड़ी कारूप लेने से पहले सुबह का पेय जिसे ‘नीरा’ कहा जाता है, जो गुणकारी है.

नये सिरे से नीरा को प्रोत्साहित किया जायेगा
उन्होंने कहा कि नीरा को लेकर हमने एक योजना बनायी है और उसके बारे में एक कमेटी भी बना दी है. नीतीश ने कहा कि सबसे अधिक ताड़ का पेड़ तमिलनाडु में है और इंडियन काउंसिल आॅफ रिसर्च की मदद से वहां के कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पिछले 25 वर्षों से ताड़ के उत्पादों पर गहन अनुसंधान हुआ है. इनके सबसे बड़े जो वैज्ञानिक हैं उनसे भी संपर्क किया गया है और पूरी जानकारी ली गयी और उसके आधार पर हमलोग भी ताड़ के उत्पादों पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि खादी ग्रामोद्योग द्वारा भी नीरा को प्रोत्साहित किया जाता था. हम फिर नये सिरे से नीरा को प्रोत्साहित करेंगे.

नीतीश ने कहा कि सूर्य की किरण उगने से पहले जो ताड़ का उत्पाद को तैयार करके नीरा के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा और उसके अलावा ताड़ के अन्य उत्पाद खेदा आदि में भी अनेक प्रकार के गुण पाये जाते हैं. उन्होंने कहा कि ताड़ के उत्पाद नीरा की चार महीने के दौरान उपलब्धता के बाद बाकी अन्य आठ महीनों के दौरान ताड़ के अन्य उत्पादों का अनेक प्रकार से उपयोग किया जा सकता है और इस पर तमिलनाडु में हुए विस्तृत अनुसंधान को हम लेकर अपने यहां की आवश्यक्ताओं के अनुरूप इसको विकसित करेंगे. इसमें थोड़ा वक्त लगेगा. इस साल के वैशाख में सबसे अधिक ताड़ से नीरा निकलता है हम कुछ नहीं कर सकते हैं. इसलिए अगले साल से हमारा लक्ष्य है कि इसे लागू करेंगे तथा इसके लिए एक विस्तृत योजना बनायी है जिसमें आज मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है.

ताड़ से जुड़े लोगों का स्वयं सहायता समूह बनाया जायेगा
नीतीश ने कहा कि इसके लिए ताड़ से जुड़े हुए लोगों का स्वयं सहायता समूह अथवा सहकारिता सोसायटी बनायेंगे और कम्फेड (दुग्ध सहकारी समिति) के तर्ज पर इसका युनियन एवं फेडरेशन भी बनवाएंगे और इन्हीं के माध्यम से कलेक्शन और प्रोसेसिंग कराएंगे. मार्केटिंग में राज्य सरकार सहायता करेगी और इसके विस्तृत योजना को तैयार करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गयी है जिसमें उद्योग, वन एवं पर्यावरण, उत्पाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन और सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अथवा सचिव तथा कम्फेड के प्रबंधक निदेशक रहेंगे.

नीरा को नये सिरे से बढ़ावा देंगे
सीएम नीतीश ने कहा कि उद्योग विभाग इसका नोडल विभाग होगा और जैसे पूर्व में नीरा को बढ़ावा दिया जाता था हम नये सिरे से उसे बढ़ावा देंगे तथा कम्फेड सहित अन्य विभाग इसमें सहयोग करेंगे. नीतीश ने कहा कि हमलोगों को जो आंकड़े प्राप्त हुए उसके अनुसार एक ताड़ के पेड़ से एक साल में छह हजार रुपये से अधिक की आमदनी होगी. ताड़ी बेचकर वह आमदनी नहीं होती है उससे अधिक आमदनी होगी. इसलिए हमें लोगों के बेहतर रोजगार की पूरी चिंता है. ताड़ी का रोजगार कोई बढ़िया रोजगार नहीं है.

नीतीश ने कहा कि हम लोगों की कोशिश होगी कि इस पूरे साल इस पर मेहनत करके इसका संस्थागत ढांचा खड़ा कर इसे अगले साल से लांच कर दिया जाए ताकि अगले सत्र से उसके कलेक्शन, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग का भी प्रबंध हो इसके लिए इसे प्रचारित किया जाएगा तथा लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

विदेशी शराब केबचे स्टाक पर बोले सीएम…
यह पूछे जाने पर कि मंत्रिमंडल के तत्काल प्रभाव से संपूर्ण राज्य में विदेशी शराब के थोक, खुदरा व्यापार एवं उपभोग को प्रतिबंधित कर दिए जाने को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रदेश में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर बीएसबीएल के पास जो विदेश शराब का स्टाक है उसका क्या होगा नीतीश ने कहा कि इसके बारे में उसे अपनी कार्ययोजना बनाने को कहा गया है उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को अधिकृत कर दिया गया है.

प्रदेश में इसके निर्माणशाला के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि यहां उनके उत्पाद की खपत की अब कोई गुंजाइश नहीं है. बिहार में अब शराब के कारखाने और उसके उद्योग को इस प्रदेश में प्रोत्साहित नहीं किया जायेगा.

अन्य राज्यों में भी पहुंचेगीआवाज
यह पूछे जाने पर कि बिहार में पूर्णशराबबंदी के लागू हो जाने पर इससे सटी अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाकों में शराब की दुकान अधिक संख्या में खुलने के बारे में पूछे जाने नीतीश ने कहा कि अगर ऐसी मंशा है कि उत्पाद राजस्व में कुछ बढ़ोतरी होगी तो अन्य प्रदेश गफलत के शिकार हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी को लेकर जबरदस्त ढंग से वातावरण बना है और उसे यहां प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है तथा यहां से जो आवाज निकल रही है वह उन राज्यों में भी पहुंचेगी और उन्हें भी इसी रास्ते यानी पूर्णशराबबंदी की ओर जाना पड़ेगा. नीतीश ने कहा कि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है और बिहार के मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक और उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधानसचिव निरंतर संपर्क में रहते हैं और उनसे आग्रह करते हैं कि इसमें वे सहयोग करें.

राजस्व हानि की हमें चिंता नहीं
बिहार में पूर्णशराबबंदी से प्रदेश को होने वाले राजस्व हानि के बारेे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब यह निर्णय ले रहे थे तब हम लोगों को मालूम था पाबंदी लगाने से पूर्व में प्राप्त हो रहा राजस्व अब प्राप्त नहीं होगा. यह अंतरात्मा का निर्णय है और हमें इसकी चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले आठ-नौ वर्षों में प्रदेश की उत्पाद नीति में जो बदलाव किया गया उसी का परिणाम था कि धीरे-धीरे आमदनी बढ़ी थी. यहां तक आमदनी भी बढ़ाया था और अब उसे समाप्त भी कर रहे हैं. ऐसी आमदनी हमें नहीं चाहिए. जो सामाजिक परिवर्तन हो रहा है, लोगों के जीवन पर इसका सकारात्मक प्रभाव है, वह ज्यादा बेशकीमती है न कि कुछ हजार करोड़ रुपये का राजस्व.

नीतीश ने कहा कि राजस्व अन्य स्रोतों से आयेंगे बल्कि बहुत बड़ा सामाजिक फायदे है. गवर्नेंस का मतलब सूबे की आमदनी नहीं बल्कि सामाजिक रूप से आप समाज को कितना ऊपर उठाते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लागू करने के लिए कोई कमियां नहीं छोड़ेंगे और इसे प्रभावी ढंग से लागू करेंगे. इसको लेकर पुलिस महकमें में पुलिस महानिदेशक से लेकर आरक्षी तक संकल्प लिया है और आज मुख्य सचिव से लेकर तमाम अधिकारी और कर्मचारियों ने संकल्प लिया. इस वातावरण को और भी संपुष्ट किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व गत 30 मार्च को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 को पारित किए जाने के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुरोध पर सभी विधायकों और पार्षदों ने भी शराब न पीने और इसे दूसरे को नहीं पीने के लिए प्रेरित करने को लेकर संकल्प लिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें