तीसरे नबंर पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शपथ ली. इसके बाद राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को राज्यपाल ने शपथ दिलायी. शपथ के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कर्नाटक की सीएम सिद्ध्ररमय्या असम के सीएम तरुण गोगोई, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत कई राज्यों के पूर्व सीएम भी मौजूद थे. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद के वरिष्ठ सदस्य एम वेंकैया नायडू, राज्यसभा में िवपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद, लोकसभा में िवपक्ष के नेता मल्लिकाजुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री व द्रमुक नेता टीआर बालू, िबहार िवधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण िसंह, िवधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, जदयू सांसद हरिवंश व पवन कुमार वर्मा मौजूद थे.
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नीतीश कैबिनेट में 28 मंत्री शामिल, सिद्दीकी को खजाना, विजेंद्र को ऊर्जा
पटना: देश भर के भाजपा विराेधी नेताओं की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. ऐतिहासिक गांधी मैदान में खुले मंच पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गाेपनीयता की शपथ दिलायी. नीतीश कुमार के साथ कुल 28 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली. इनमें जदयू व […]
पटना: देश भर के भाजपा विराेधी नेताओं की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. ऐतिहासिक गांधी मैदान में खुले मंच पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गाेपनीयता की शपथ दिलायी. नीतीश कुमार के साथ कुल 28 कैबिनेट मंत्रियों ने भी शपथ ली. इनमें जदयू व राजद से 12-12 और कांग्रेस से चार मंत्री शामिल हैं. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दोनों विधायक बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव को भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी. तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. उन्होंने नीतीश कुमार के बाद दूसरे नंबर पर शपथ ली.
शपथ के बाद चाय पार्टी
शपथ समारोह के तत्काल बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अणे मार्ग पर दूसरे राज्यों से आये मेहमानों को चाय पार्टी दी. इस मौके पर नवनियुक्त मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया. शपथ समारोह में लालू प्रसाद पूरा कुनबा मौजूद था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र समेत उनके परिजनों को भी डी एरिया में बिठाया गया था.
जातीय समीकरण का रखा गया ख्याल
नीतीश कुमार के कैबिनेट में जातिगत समीकरण का ख्याल रखा गया है. सबसे अधिक यादव जाति के सात मंत्री बनाये गये हैं. मुसलिम मंत्रियों की संख्या चार है. सीएम समेत कुर्मी जाति के दो मंत्री हैं, जबकि कुशवाहा जाति से तीन मंत्री बने हैं. अति पिछड़ा वर्ग से चार (केवट-1, धानुक-1,क्योट-1 व नोनिया-1) व अनुसूचित जाति से पांच (पासी-2, रविदास-2 व पासवान -1) मंत्री बनाये गये हैं. अगड़ी जाितयों से चार मंत्री (राजपूत-2, भूमिहार-1 व ब्राह्मण -1) बने हैं.
नीतीश कैबिनेट में दरभंगा वैशाली, नालंदा का दबदबा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कैबिनेट में वैशाली, नालंदा व दरभंगा जिलों का दबदबा है. तीनों जिलों से तीन-तीन मंत्री बनाये गये हैं. वैशाली जिले से लालू प्रसाद के दो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के अलावा राजापाकड़ के विधायक शिवचंद्र राम मंत्री बने हैं. ये तीनों राजद से हैं. नालंदा से स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा श्रवण कुमार व राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (विधान पार्षद) को कैबिनेट में शामिल किया गया है. ये तीनों जदयू से हैं. दरभंगा जिले से अब्दुल बारी सिद्दीकी के अलावा मदन सहनी व मदन मोहन झा (विधान पार्षद) मंत्री बनाये गये हैं. समस्तीपुर जिले से दो विधायकों को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली हैं. वहां से जदयू के महेश्वर हजारी और राजद के आलोक मेहता को मंत्री बनाया गया है. पहले इसी जिले से विजय कुमार चौधरी भी मंत्री हाेते थे. इस बार उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया जायेगा. सारण के गड़खा से जीते राजद के मुनेश्वर चौधरी और परसा से चंद्रिका राय को भी मंत्री बनाया गया है. रोहतास जिले से भी दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है, जिनमें दिनारा से जदयू विधायक जयकुमार सिंह और नोखा से राजद विधायक अनिता देवी शामिल हैं.
इनके अलावा सुपौल जिले से विजेंद्र प्रसाद यादव को, मुंगेर जिले से शैलेश कुमार, बक्सर जिले से संतोष कुमार निराला, पश्चिमी चंपारण से खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मधुबनी जिले से कपिलदेव कामत, पूर्णिया जिले से अब्दुल जलील मस्तान, मधेपुरा जिले से चंद्रशेखर, सहरसा जिले से डाॅ अब्दुल गफूर, मुजफ्फरपुर जिले से रामविचार राय, जहानाबाद जिले से कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, बेगूसराय जिले से मंजू वर्मा, गया जिले से अवधेश कुमार सिंह और जमुई जिले से विजय प्रकाश को मंत्री बनाया गया है. शेखपुरा से अशोक चौधरी (विधान पार्षद) मंत्री बनाये गये हैं.
भाजपा के सफायेवाले चार जिलों से एक भी मंत्री नहीं
विधानसभा चुनाव में भाजपा का 14 जिलाें में सफाया हो गया था. इनमें चार जिलों से एक को भी मंत्री नहीं बनाया गया है. भागलपुर प्रमंडल मंत्री विहीन रह गया. प्रमंडल की 12 सीट में से महागंठबंधन को 11 सीटें मिली हैं.
विधानसभा चुनाव में भागलपुर, बेगूसराय, समस्तीपुर, खगड़िया, मुंगेर, रोहतास, बक्सर, सीवान, मधुबनी, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, शेखपुरा और अरवल जिलों में भाजपा का खाता नहीं खुला था. भागलपुर, अरवल, खगड़िया और किशनगंज जिलों से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है, जबकि यहां के लोग उम्मीद लगाये बैठे थे कि भाजपा के सफाये का इनाम मिलेगा.
सिर्फ 20 जिलों को मिला मौका
नीतीश के कैबिनेट में सिर्फ 20 जिलों काे प्रतिनिधित्व िमला है. 18 जिलों से कोई मंत्री नहीं है. इनमें चार वे भी िजले हैं, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा का सफाया हो गया. इन िजलों में कैमूर भी शािमल है, जहां की चारों सीटों पर भाजपा जीती है. भागलपुर जिले की सभी सात सीटें महागंठबंधन ने जीती हैं, लेकिन वहां से एक भी विधायक को कैबिनेट में जगह नहीं मिली. पटना जिले से भी कोई मंत्री नहीं बना.
लालू-नीतीश के क्षेत्रों को तव्वजो
वैशाली-3, नालंदा-3, दरभंगा-3, रोहतास-2, समस्तीपुर-2, सारण-2, बक्सर-1, जहानाबाद-1, गया-1, मधुबनी-1, मुजफ्फरपुर-1, बेगूसराय-1, मुंगेर-1, जमुई-1, पूर्णिया-1, सहरसा-1, पश्चिमी चंपारण-1, सुपौल-1, मधेपुरा-1, शेखपुरा-1
इन जिलों से एक भी मंत्री नहीं
पटना, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, अररिया, शिवहर, कटिहार, गोपालगंज, सीवान, खगड़िया, भागलपुर, बांका, लखीसराय, भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद, नवादा, कैमूर, िकशनगंज
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