पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को कहा कि नयी सरकार में मेरी कोई भी भूमिका नहीं होगी. सरकार का गठन और चलाने की जिम्मेवारी नीतीश कुमार की है. महागंठबंधन के नेता के रूप में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे. मैं नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ संघर्ष करूंगा. वह होटल मोर्या में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
सरकार का गठन कब होगा और कोई उपमुख्यमंत्री भी होगा, इस सवाल पर राजद अध्यक्ष ने कहा कि मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता. सुशील मोदी के आरोप कि सरकार तो लालू प्रसाद चलायेंगे, इसके जवाब में लालू प्रसाद ने कहा कि विपक्ष भी सरकार का ही हिस्सा होता है, इस नाते सुशील मोदी भी सरकार चलायेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विस चुनाव में बिहार की जनता ने नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का जनादेश दिया है. इसके लिए मैं प्रवास करूंगा. इसकी शुरुआत वाराणसी से करूंगा. उन्होंने कहा की देश में एक हिस्से को डरा कर रखने का कृत्य चल रहा था. चुनाव परिणाम के बाद लोग रिलेक्स महसूस कर रहे हैं. वे बिहार के लोगो को बेवकूफ समझ रहे थे. इनका इरादा ठीक नहीं था. अगर वे इस चुनाव में जीतते, तो उनकी योजना कोलकाता जाने की थी. असम प्रवास के दौरान पूर्वोत्तर राज्यों में कहा कि बांग्लादेशी ने असम को बरबाद किया. वहां के लोगों में घृणा पैदा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के स्तर को गिराया और स्तरहीन (बीलो द बेल्ट) बात की. नयी सरकार में मेरी कोई भी भूमिका नहीं.
भाजपा को वोट देनेवालों से अपील
लालू प्रसाद ने कहा कि जिन लोगों ने भाजपा को वोट दिया है, उनसे मेरा अपील है कि देश को बचाने के लिए आहूति दीजिए. नरेंद्र मोदी का बाजार पर कोई कंट्रोल नहीं है. बात मेक इन इंंडिया का करते हैं और उन्हें पता नहीं है कि देश का स्टील इंडस्ट्री ध्वस्त हो गया है. इतना बुरा दिन आ गया है कि यृुवा -युवती ठगा महसूस कर रहे हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा मौजूद थे.
बढ़िया से चलेगी सरकार
लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार का गठन जल्द होगा. यह सरकार बढ़िया से चलेगी. जनता की उम्मीद को पूरा किया जायेगा. राज्य का जो अपना रिसोर्स है, उससे विकास करेंगे. इसमें आनेवाली कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली से लड़ेंगे. विधानसभा चुनाव के दूरगामी परिणाम होने की बात को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि देश के अंदर कट्टरपंथ बढ़ रहा है. देश के विद्वान चिंतित हैं. वे लोग पुरस्कार लौटा रहे हैं. यह सब नरेंद्र मोदी की सरकार में शुरू हुआ है.
संभावित मंत्री
जदयू
विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, श्याम रजक, राजीव रंजन सिंह, पीके शाही, लेशी सिंह, रंजू गीता, बीमा भारती, जय कुमार सिंह, विनोद यादव, नरेंद्र नारायण यादव, जावेद इकबाल अंसारी, नौशाद आलम, रामलषण राम रमण.
राजद
अब्दुल बारी सिद्दीकी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, मुद्रिका यादव, आलोक मेहता, शिवचंद्र राम, प्रो. चंद्रशेखर, अब्दुल गफूर, लक्ष्मी नारायण यादव, रामविचार राय, प्रेमा चौधरी, मुनेश्वर चौधरी, डा. रामानुज.
कांग्रेस
सदानंद सिंह, अशोक चौधरी, विजय शंकर दूबे, डा. अशोक कुमार, अमिता भूषण, रामदेव राय, तौसीफ आलम.