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केजरीवाल बोले, गोत्र पर सवाल उठा कर दिल्ली हारे, DNA पर बिहार हारेंगे

पटना : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पटना में एक साथ भाजपा पर हमला बोला. बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की ओर से अधिवेशन भवन में आयोजित ‘कुशल लोक सेवा प्रणाली के माध्यम से नागरिकों का सशक्तीकरण’ विषय पर परिचर्चा में दोनों नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव […]

पटना : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पटना में एक साथ भाजपा पर हमला बोला. बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की ओर से अधिवेशन भवन में आयोजित ‘कुशल लोक सेवा प्रणाली के माध्यम से नागरिकों का सशक्तीकरण’ विषय पर परिचर्चा में दोनों नेताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव में आपसी तालमेल को लेकर कोई घोषणा तो नहीं की, लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा व दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने का समर्थन किया.
एक दिन के बिहार दौरे पर गुरुवार की सुबह पटना पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार नीतीश कुमार और बिहार के डीएनए पर सवाल उठा रही है. इससे पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय भी भाजपा ने यही गलती की थी. मुझे नक्सली तक कहा था. मेरा गोत्र भी उपद्रवी बता दिया था और इसके तो विज्ञापन तक छपवाये गये थे.
जनता ने उसका जवाब दिया और 70 में से 67 सीटें हमें दीं. केजरीवाल ने कहा, पिछले दिनों बिहार को स्पेशल पैकेज देने की घोषणा की गयी. पैकेज का एलान ऐसे किया गया, जैसे लगा कि बिहार के लोगों को खरीदने की कोशिश की जा रही है. बिहार के लोग इतने सस्ते में बिक सकते हैं क्या? बिहार के लोग बिकाऊ नहीं हैं. वे चुप नहीं रह सकते हैं और दिल्ली की तरह बिहार की जनता भी जवाब देगी. केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी है.
नीतीश की तारीफ की, दिल्ली में लागू करेंगे बिहार माॅडल
केजरीवाल ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सुशासन देखा है. इसकी गूंज दिल्ली तक पहुंच रही है. बिहार में लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम लागू होने के चार साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि 11.06 करोड़ आवेदन आये और बिहार सरकार ने 10.96 करोड़ आवेदनों का निबटारा कर दिया, यह काबिले तारीफ है.
अन्य राज्यों में भी बिहार से सीख लेकर इसे लागू किया गया है और दिल्ली में भी हम इसे लागू करने की कोशिश करेंगे. इसे सीखने के लिए अधिकारियों को यहां भेजेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने कुछ शुरुआत की और करने जा रहे हैं. बर्थ, कास्ट, इनकम सर्टिफिकेट लेने में लोगों को परेशानी होती है. ऐसे में उन्हें दलालों का सहारा लेना पड़ता है. दिल्ली सरकार पूरी प्रक्रिया को खत्म करने की तैयारी कर रही है. जब दलाल से जो काम हो सकता है तो बिना दलाल के भी काम हो सकता है. दिल्ली में इ-डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं. इंटरनेट के जरिये ही अप्लाइ कर सकते हैं और उसी से उन्हें सर्टिफिकेट भी मिल जायेगा.
पैसे की कमी नहीं, काम करने के लिए नीयत चाहिए
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली चुनाव का ऐतिहासिक रिजल्ट आया. हमें 70 में से 67 सीटें मिलीं. लोगों का यह प्यार केजरीवाल या आम आदमी पार्टी के लिए नहीं है. लोग परेशान हो गये थे. लोगों ने सोचा कि लड़ने वाले लड़के हैं, लाठी भी खाते हैं, ईमानदारी हैं, उन्हें मौका दिया. अब जब लोगों ने बहुत ज्यादा प्यार दिया है, तो विश्वास टूटना नहीं चाहिए. जब सत्ता में आया, तो पता चला कि सरकार के पास पैसे की नहीं है, नीयत की कमी है. नीयत अच्छी हो, तो काम कर सकते हैं. हमने बिजली सस्ती करने और पानी मुफ्त करने के वादे किये थे. एक महीने में बिजली की दर आधी कर दी. सरकार ने 1200 करोड़ की सब्सिडी दी, तो सब ठीक हो गया. 20 हजार लीटर पानी हर महीने मुफ्त दे रहे हैं. कई ऐसे इलाके हैं, जहां पिछले 20 सालों से पानी नहीं आ रहा था, वहां सप्लाइ शुरू कर दी गयी है.
मोहल्ला सभा में समस्या से हो रहे रू-ब-रू
केजरीवाल ने कहा कि कि जनता की क्या जरूरतें और समस्याएं हैं, उनका पता दफ्तर में बैठ कर नहीं लगाया जा सकता है. इसलिए दिल्ली में सरकार मोहल्ला सभा आयोजित कर रही है. इसमें लोगों से कहा जाता है कि उनके लिए 50 लाख की राशि है, उससे वे क्या कराना चाहते हैं? जो-जो वे समस्याएं बताते हैं, उनकी लिस्ट तैयार होती है और फिर प्राथमिकता तय करने के लिए वोटिंग होती है. पेंशन, बल्ब बदलने, पोल बदलने का काम आसानी से हो जाता है. अब हम करीब 3000 मोहल्लो में सभा कराने जा रही है और वहां की जनता तय करेगी कि उसे क्या चाहिए अौर पैसे कहां खर्च होंगे?
चुनाव से पहले हो राजनीति, बाद में न हो टकराव
उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की बात की जा रही है. लेकिन दिल्ली सरकार के साथ केंद्र का पिछले छह महीने से टकराव हो रहा है. वो बार-बार बताते हैं कि दिल्ली सरकार यह नहीं कर सकती, लेकिन यह नहीं बताते कि क्या कर सकते हैं. चार माह में 50 भ्रष्ट अफसरों को हमने पकड़ा था. इसके बाद 60-70 फीसदी घूस लेने की प्रक्रिया ही बंद हो गयी, पर चार माह में केंद्र सरकार ने एंटी करप्शन ब्रांच में अपने अधिकारी भेज दिये और अब यह उनके अंडर में यह हो गया है. यह गुंडागर्दी है.
दिल्ली सरकार महिला सुरक्षा पर कमिशन नहीं गठित कर सकती. रेप कांड की इंक्वायरी नहीं करा सकती. विधायक घूस लेनेवाले के खिलाफ आवाज उठाये, तो उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है. ऐसी नेगेटिव राजनीति को लोग पसंद नहीं करते हैं. किसी को गाली देना लोगों को पसंद नहीं है. अब लोग पोजिटिव राजनीति चाहते हैं.
काले धन के लिए मांगा वोट, अब करा रहे योगा
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र में जो सरकार आयी, उससे युवाओं व देश का भारी उम्मीद जगी. कहा था कि काला धन लायेंगे, पर चवन्नी तक नहीं आयी. कोई प्रयास भी नहीं हो रहा है. काले धन के लिए वोट मांगा और जीतने के बाद कहने लगे कि योगा करायेंगे. वोट मांगने समय कहना था कि वोट दीजिए, योगा करायेंगे. महंगाई कम करने की बात कही थी, पर जीतने के बाद स्वच्छता अभियान चलाने लगे. भारत स्वच्छ होना चाहिए. 100 करोड़ विज्ञापन में फूंक दिये, पर साल भर में एक भी गली साफ नहीं हुई. रोजगार के मामले में युवाओं का मोहभंग होता जा रहा है. सबसे ज्यादा किसानों का सबसे ज्यादा मोहभंग हुआ है.किसानों के लिए एक कानून बना. उसे बदलने के लिए केंद्र सरकार बार-बार अध्यादेश ला रही है.
पहले दिल्ली में 52 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाता था, जो बहुत कम था. हमारी सरकार ने उसे सात गुन बढ़ा दिया और अब किसानों के 3.50 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जा रही है.
दिल्ली व बिहार एक हो जाये तो आवाज हो जायेगी बुलंद : सीएम
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से कहा कि वे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अभियान चलाएं, बिहार व दिल्ली में रहनेवाले बिहार के लोग उनका पूरा साथ देंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिहारियों की पूरी ताकत है. अगर एक दिन वे काम बंद कर दें, तो पूरी दिल्ली ठहर जायेगी. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने चुना है. 70 में से 67 सीटें मिली हैं, लेकिन तंग करनेवाले लोग तंग कर रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि शुक्रवार को हम बिहार की अगले पांच साल की योजनाओं के लिए दृष्टिपत्र जारी करेंगे.मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री न तो मुख्य सचिव रख सकते हैं और न ही प्रधान सचिव. दिल्ली की सरकार बिना पुलिस की है. जब पुलिस ही नहीं, तो पावर कहां है. पब्लिक ऑर्डर और लॉ एंड ऑर्डर किसी भी सरकार की प्राथमिकता होती है.
इसलिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाये और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा. इसके लिए दिल्ली और बिहार एक हो जाये, तो कुछ मुश्किल नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार के लिए केंद्र ने जिस पैकेज का एलान किया है, वह री-पैकेजिंग है. कहा जाने लगा कि जीडीपी का 1% बिहार को मिल रहा है, लेकिन वित्त मंत्रालय में तो कोई हलचल ही नहीं दिख रही है. ऐसी कठिनाइयां हमें व अापको झेलनी पड़ेंगी. केजरीवाल से नीतीश ने कहा कि आप कठिनाइयों के बाद भी अपने वादे पूरा कर रहे हैं, इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं.
अगले पांच साल की कार्ययोजना आज जारी करेंगे नीतीश
नीतीश ने कहा कि अगले पांच साल में राज्य सरकार क्या करेगी, शुक्रवार को हम इसकी कार्ययोजना जारी करेंगे. आगे क्या करना है, कैसे करना है, उसका खुलासा करेंगे. जो हम बोलते हैं, उसे ठोक बजा कर करते हैं. हम झूठा कभी नहीं बने हैं और न ही जुमला कहते हैं, न ही कभी ऐसा हुआ है कि जो कुछ कहे और फिर उसे भूल जाएं. मुख्यमंत्री ने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि आज राजनीति में वोट की चिंता हो गयी है. भरोसे की चिंता नहीं है. जो वादा किया जाता है, वोट मिलने के बाद लोग उसे भूल जाते हैं. कहते हैं कल का कल देखेंगे, लेकिन लोकतंत्र भरोसे पर टिका है. बहुत दिनों तक किसी के पास सत्ता केंद्रित होकर नहीं रह सकती है. अगर लोग सोचते हैं कि सत्ता उनके हाथ में रहेगी, तो यह उनका भ्रम है.
11.06 करोड़ आवेदन में से 10.96 करोड़ का हो गया निबटारा
सीएम ने कहा कि बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 का गठन 15 अगस्त, 2011 को किया गया था. चार साल में 11.06 करोड़ आवेदन आये. इनमें से 10.96 करोड़ का निबटारा कर दिया है. इसमें 141 करोड़ रुपये खर्च हुए. एक आवेदन पर करीब 12:90 रुपये सरकार का खर्च हुआ और उन्हें सेवा प्रदान की गयी. अभी तक सूचनाएं दी गयीं. जनता दरबार के माध्यमों से शिकायतें सुनी गयीं. अब सरकार समाधान करने जा रही है. इसके लिए लोक शिकायत निवारण विधेयक बिहार विधानमंडल से पारित कराया गया है. यह लोगों का अधिकार है. कोर्ट केस को छोड़ कर बाकी शिकायतों का जिला स्तर पर ही समाधान हो जायेगा.
इसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी जायेगी और विधानसभा चुनाव के बाद इसे अगले साल से लागू कर दिया जायेगा.पहले दिल्ली में 52 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाता था, जो बहुत कम था. हमारी सरकार ने उसे सात गुन बढ़ा दिया और अब किसानों के 3.50 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जा रही है.

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