पटना: यौन संबंध के लिए लड़की तैयार नहीं हुई तो उसके साथ यौन शोषण का प्रताड़ना किया गया. उसके साथ गाली गलौज की गयी. इसके बाद भी लड़की तैयार नहीं हुई तो उसे नौकरी ने ही निकाल दिया गया. 26 जनवरी 2015 से लड़की अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहीं हैं, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला. महिला थाना से लेकर पीड़िता ने दूरदर्शन के सेक्सुअल हेरासमेंट सेल के पास भी न्याय के लिए गयी, लेकिन अभी भी न्याय के लिए भटक रही हैं. रविवार को थक हार कर पीड़िता ने अपनी कहानी प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से रखी. पीड़िता की तरफ से लोक स्वतंत्र्य संगठन की मेंबर और दूरदर्शन मुजफ्फरपुर की सेक्सुल हेरेसमेंट कमेटी की मेंबर डा. मंजू सिन्हा ने बात रखी.
ट्रेनी के तौर पर काम करती थी पीड़िता
डा. मंजू सिन्हा ने कहा कि पीड़िता पिछले एक साल से दूरदर्शन मुजफ्फरपुर में ट्रेनिंग के तौर पर काम कर रही थी. लेकिन एक दिन अचानक प्रोग्राम हेड नवीन कुमार प्रसाद ने उसे कंप्रोमाइज (यौन संबंध) करने को कहा. लेकिन पीड़िता तैयार नहीं हुई. इसके बाद कई दिनों तक लड़की के साथ अभद्र व्यवहार होता रहा. लेकिन फिर भी जब लड़की नहीं मानी तो उसे नौकरी से ही निकाल दिया गया. मूल रूप से खगड़िया की रहने वाली पीड़िता के बारे में डा. मंजू ने बताया कि नवीन कुमार प्रसाद और उनके सहयोगी रजनीश रंजन को दूरदर्शन सेक्सुअल हेरासमेंट समिति के पास बुलाया गया. लेकिन दोनों ने पीड़िता के आरोप को गलत बताया.
कमेटी ने पाया दोषी
कमेटी की ओर से इस मामले की जांच की गयी. प्राप्त तथ्यों के बारे में डा. मंजू ने बताया कि नवीन कुमार प्रसाद के ऊपर पटना दुरदर्शन में भी ऐसी घटना घट चुकी हैं. इसी से नवीन कुमार का ट्रांसफर मुजफ्फरपुर दूरदर्शन में किया गया. जांच में नवीन कुमार को जिम्मेवार ठहराया गया हैं. सभी साक्ष्य और पीड़िता के बयान से साबित हैं कि नवीन कुमार प्रसाद ने पीड़िता के साथ यौन शोषण किया है. ऐसे में नवीन कुमार और उनके सहयोगी रजनीश रंजन को जल्द से जल्द उनके पद से हटाया जाये. कार्यस्थल पर यौन शोषण के आरोप में कठोर सजा दी जाये. अगर पद से नहीं हटाया जाता है तो नवीन कुमार का ट्रांसफर पूर्वोत्तर भारत में कर दिया जाये. डा. मंजू ने बताया कि इन तमाम बातों की जानकारी दूरदर्शन केंद्र मुजफ्फरपुर के उप निदेशक आर एम मिश्र को भी दे दिया गया है. इसके अलावा इसकी जानकारी दिल्ली महिला थाना और पटना महिला थाना के पास भी भेजा गया है.
कोट
मेरे ऊपर लगाया गया सारा आरोप गलत है. वो लड़की अच्छा काम नहीं कर रही थी. इस कारण उसे हटाया गया था. वो अच्छा काम नहीं कर रही थी. उसके प्रोग्राम को हमने कई सुधार किया. गड़बड़ी को सही करने के लिए भी कहा. लेकिन वो काम नहीं कर पा रही थी. इस कारण उसे हटाया गया था. नौकरी से हटाये जाने के बाद वो खुद मुङो फंसाने की धमकी दे रही थी. (नवीन कुमार प्रसाद, प्रोग्राम हेड, मुजफ्फरपुर, दूरदर्शन)
पहले भी नवीन प्रसाद पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का लगा था आरोप
दूरदर्शन में कार्यक्रम अधिशासी रत्ना पुरकायस्था ने भी चार दिसंबर 2013 में चार दिसंबर को मुजफ्फरपुर के दूरदर्शन के प्रोग्राम हेड नवीन कुमार प्रसाद पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए शास्त्री नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. रत्ना पुरकायस्था ने उस समय पुलिस को जानकारी दी थी कि नवीन कुमार प्रसाद हमेशा गैरकानूनी काम करने के लिए दबाव देते रहे और उन्होंने जब इनकार किया तो मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे और अपने आप को एक मंत्री का रिश्तेदार बताते हुए देख लेने की धमकी भी दी थी.
दूसरी ओर इसके बाद नवीन कुमार प्रसाद ने भी सहायक निदेशिका रत्ना पुरकायस्था पर अनुसूचित जाति का पदाधिकारी जान कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए अनुसूचित जाति/जनजाति थाना और अनुसूचित जाति आयोग में लिखित शिकायत दी थी. दिये गये लिखित शिकायत में डा नवीन कुमार प्रसाद ने बताया था कि वे अनुसूचित जाति के सदस्य है और उन्हें रत्ना पुरकायस्था द्वारा मुङो सभी बैठकों में मानसिक प्रताड़ना, भेदभाव तथा छुआछूत की भावना से प्रभावित हो कर व्यवहार कर रही है. उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग किया और जान से मारने की धमकी दी. फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. जून माह में रत्ना पुरकायस्था ने केस उठाने से संबंधित धमकी भरे पत्र के संबंध में गांधी मैदान थाना में सनहा भी दर्ज कराया था.