प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को हजारीबाग के बरही में थे. उन्होंने चकुराटांड़ से गौरिया करमा में प्रस्तावित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ऑनलाइन आधारशिला रखी. चकुराटांड़ में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दूसरी कृषि क्रांति की संभावना पूर्वी भारत से है. झारखंड, बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, असम आदि पूर्वी भारत के इलाके हैं. यहां के पानी, वातावरण और मिट्टी दूसरी कृषि क्रांति के लिए अनुकूल हैं. सरकार का पूरा ध्यान इस क्षेत्र को विकसित करने पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को खाद और आधुनिक कृषि के सभी संसाधन चाहिए.
इस इलाके में यूरिया के कारखाने वर्षो से बंद हैं.सरकार बंद पड़े कारखाने को खोलने और गोरखपुर, सिंदरी पश्चिम बंगाल, असम व बिहार में नये कारखाने लगाने के लिए अरबों-खरबों रुपये खर्च करेगी. इससे किसानों को खाद और यूरिया पर्याप्त मात्र में मिलेगी. कृषि उत्पादन बढ़ेगा और बेरोजगार नौजवानों को काम मिलेगा. करमा राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूर्वी
भारत में कृषि के क्षेत्र में नये युग का आरंभ करेगा. अनुसंधान केंद्र का लाभ दक्षिण बिहार के लोगों को भी सर्वाधिक मिलेगा. इस संस्थान से कृषि वैज्ञानिक पैदा होंगे, जो हमारे कृषि को आधुनिक बनाने के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा : विदेशों में पशु कम हैं और दूध उत्पादन ज्यादा है. भारत में पशु ज्यादा हैं और दूध उत्पादन कम है. यह स्थिति पलटनी है. प्रति पशु दूध उत्पादकता बढ़ानी है.
पशु पालक किसानों को पशुपालन महंगा नहीं होना चाहिए. झारखंड में डेयरी का विकास होगा. पशुपालन से किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार योजना बना रही है. उन्होंने कहा : बिहार हर वर्ष 400 करोड़ की मछली दूसरे राज्यों से आयात करता है. वहां मत्स्य उद्योग पर काम नहीं हुआ. बिहार में इस क्षेत्र में सही तरीके से काम हुआ होता, तो 400 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों में नहीं जाते. नौजवानों को रोजगार भी मिलता.
कृषि के क्षेत्र में भारत आज भी पिछड़ा
नरेंद्र मोदी ने कहा : भारत कृषि प्रधान देश है, यह हम सदियों से सुनते आये हैं. पर दुर्भाग्य है कि कृषि जगत को किसानों के नसीब पर छोड़ दिया गया है. सारा विश्व कृषि के क्षेत्र में प्रगति कर चुका है, पर भारत आज भी इसमें बहुत पीछे है. जमीन का रख-रखाव होना चाहिए. अच्छे किस्म के बीज मुहैया कराये जायें. किसानों को पानी-बिजली उपलब्ध कराये जाये. किसानों को उत्पादित वस्तु के लिए सही बाजार व दाम मिले. कृषि के सहायक उद्योग पशुपालन, मत्स्य और शहद उत्पादन पर काम हो. इन सारी बातों को लेकर समेकित कृषि उन्नत प्लान में काम नहीं होगा, तब तक हम गांव और किसानों का आर्थिक विकास नहीं कर सकते हैं. दिल्ली की सरकार आज परंपरागत कृषि को आधुनिक कैसे बनाया जाये, इस पर काम कर रही है. प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़े, इसकी चिंता कर रही है. आवश्यकता है कि कृषि नीति आधुनिक बना कर, वैज्ञानिक शोध कर उत्पादन बढ़ाया जाये. कृषि उत्पादकता बढ़ाने से ही देश के लोगों का पेट भरेगा. किसानों का जेब भी भरेगा.
पानी के एक-एक बूंद का उपयोग करना है
नरेंद्र मोदी ने किसानों से आह्वान किया कि पानी के एक-एक बूंद का उपयोग करना है. खेतों में लबालब पानी से ही फसल होगी, यह सोच गलत है. पानी का प्रभाव और अभाव दोनों फसल को नुकसान पहुंचाता है. सही मात्र में पानी खेतों में पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का भागीरथ काम आनेवाले समय में पूरा करना चाहते हैं. खेतों में पानी मिल जाये, तो किसान मिट्टी से सोना पैदा करने की ताकत रखते हैं. देश में जलाशय बन गये, लेकिन खेतों में पानी पहुंचाने के लिए नहर की व्यवस्था नहीं हुई. हम नहर बना कर हर खेतों तक पानी पहुंचायेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा : किसानों को घर बैठे आधुनिक कृषि संबंधी सभी जानकारियां मिल जाये, इसके लिए किसान चैनल शुरू किया गया है. देश भर के कृषि क्षेत्र में प्रगति को किसान जान सकें, कृषि में आये वैज्ञानिक बदलाव से जुड़े रहें, यह काफी आवश्यक है.
सभा को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, झारखंड के सीएम रघुवर दास, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने भी संबोधित किया. इस मौके पर राज्यपाल द्रौपदी मुरमू, झारखंड के कृषि मंत्री रणधीर सिंह, सांसद पीएन सिंह व बीडी राम, मुख्य सचिव राजीव गौवा,अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ एस अय्यपन मौजूद थे.
छह एमटी स्टील प्लांट के लिए एमओयू
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में इस्पात मंत्रालय , नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) और झारखंड सरकार के बीच समेकित छह एमटी स्टील प्लांट के लिए एमओयू हुआ. केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव सेराज हुसैन और झारखंड सरकार की ओर से हिमानी पांडेय ने एमओयू की फाइल का आदान-प्रदान किया
जमीन का गुण-दोष जान सकेंगे किसान
देश के सभी क्षेत्र के किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड मिलेगा. इनसान की तरह धरती माता का यह हेल्थ कार्ड होगा. स्वाइल हेल्थ कार्ड से किसान जान सकेंगे कि उनकी जमीन की मिट्टी में कौन-कौन से गुण व दोष हैं. किस फसल को लगाने से फायदा होगा. किसानों को अगर यह जानकारी पहले हो जाये, तो जमीन के हिसाब से फसल लगायी जा सकेगी. कृषि से किसानों को फायदा होने लगेगा.
खेतीबारी का होगा विकास
*सभी क्षेत्रों के किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड मिलेगा
* प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का काम पूरा करेंगे
* नहर बना कर हर खेत तक पानी पहुंचायेंगे
* परंपरागत कृषि को आधुनिक बनाने पर हो रहा काम
*पशुपालन से किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार योजना बना रही
*किसानों को उत्पादित वस्तु के लिए सही बाजार व दाम मिलेगा
*अच्छी किस्म के बीज, पानी-बिजली उपलब्ध कराये जायेंगे