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सीएम पद के प्रत्याशी का चयन आपसी विचारविमर्श से हो: हम

पटना: बिहार में राजग गठबंधन में हाल में शामिल हुई हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने मंगलवार को कहा कि आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन सभी घटक दलों की बैठक बुलाकर आपसी विचारविमर्श से सर्वसम्मति से किया जाना चाहिए. हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी से […]

पटना: बिहार में राजग गठबंधन में हाल में शामिल हुई हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने मंगलवार को कहा कि आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन सभी घटक दलों की बैठक बुलाकर आपसी विचारविमर्श से सर्वसम्मति से किया जाना चाहिए.

हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी से भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम किसी को कैसे मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार स्वीकार कर लेंगे. राजग ने अभी तक किसी के नाम की घोषणा नहीं की है. इस पद के लिए किसी के नाम की घोषणा सभी घटक दलों द्वारा विचारविमर्श से सर्वसम्मति से किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हालांकि सामान्य तौर पर गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी द्वारा अपने नेता को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मनोनीत किया जाता है पर सबसे बड़े दल का निर्णय सभी घटक दलों को स्वीकार्य होना चाहिए. अपनी पार्टी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की तारीफ करते हुए चौधरी ने कहा कि मांझी जी ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. हालांकि उनके लिए विधानसभा क्षेत्र का चुनाव किया जाना अभी बाकी है. उन्होंने चुनावी हवा के मांझी, हम और राजग के पक्ष में बहने का दावा करते हुए कहा कि मांझी जिसका समर्थन करेंगे वही राज्य में चुनाव जीतेगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मांझी पर विश्वासघात का आरोप लगाए जाने तथा उन्हें विभीषण की संज्ञा दिए जाने के बारे में चौधरी ने कहा कि नीतीश को सोचना चाहिए था कि विभीषण रावण के खिलाफ क्यों हो गया था. उन्होंने नीतीश को रावण का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनका और उनकी लंका का नाश अपरिहार्य है.

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा जिसका गठन गत 20 फरवरी को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जीतन राम मांझी ने जदयू के अन्य बागी विधायकों के साथ मिलकर किया था. प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी ने बताया कि हम अब हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (धर्मनिरपेक्ष) के नाम से जाना जाएगा और इसे राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता तथा चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाने के लिए निर्वाचन आयोग में गत 21 मई को आवेदन दिया गया है. हम के नाम में धर्मनिरपेक्ष शब्द जोड़े जाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने बताया कि हम नाम से एक राजनीतिक संगठन पूर्व से निर्वाचन आयोग द्वारा निबंधित है.

उन्होंने कहा कि हमने उन स्थानों की पहचान शुरु कर दी है जहां हम बेहतर स्थिति में हैं और बूथ स्तर तक अपना तंत्र विकसित करने के बाद उसे जीतने की स्थिति में होने पर ही उनका मोर्चा सीटों की मांग करेंगे. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के स्वयं को अल्पसंख्यकों का हितैषी के रुप में पेश किए जाने पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए चौधरी ने कहा कि अगर राजद मुसलमानों की इतनी ही हितैषी है तो उसने बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के लिए आगामी 7 जुलाई को होने वाले चुनाव वह जदयू, कांग्रेस और राकांपा के साथ आपसी तालमेल और सहमति से लड़ रहा है, इसके लिए अपने दस उम्मीदवारों में एक भी अल्पसंख्यक को उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया. चौधरी ने कहा कि उनका मोर्चा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए आगामी 24 जून को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में गरीब स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन करेगा.

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