Valentine’s Week: Hug Day Wishes – इंसान जब मायूस होता है या किसी तरह की परेशानी होती है, तो उसे ऐसा लगता है, जैसे कोई उसका सबसे खास इंसान सामने आ जाये, जिसे वह गले मिल कर अपनी सारी परेशानियों को साझा कर ले. कुछ ऐसा ही हाल खुशी के पल में भी होता है. जब कोई खुशी मिलती तो ऐसा लगता है कि कोई मेरा अपना सामने आ जाये, जिसे जादू की झप्पी देते हुए अपनी खुशी जाहिर कर दे. यही वजह है कि वेलेंटाइन वीक के छठे दिन लव बर्ड्स ‘हग’ का नाम देते हैं. इसमें वे अपने प्यार का इजहार एक-दूसरे से गले मिल कर करते हैं. गले मिलने का सिलसिला केवल प्यार-मोहब्बत में नहीं होता है, बल्कि यह हर रिश्ते में मुमकिन है.
गले मिलने से बढ़ता है अपनापन
गले मिलने से रिश्तों में अपनापन बढ़ता है. इसलिए कई लोग अपने से खास लोगों को देखते ही उससे गले मिल लेते हैं. गांधी मैदान में जब राधिका अपनी बेस्ट फ्रेंड रिवा को देखी तो दोनों दौड़ते हुए एक-दूसरे के पास आये और सबसे पहले गले मिले. इसके बाद उन्होंने बताया कि यह फिलिंग है, जो अपनों को देख कर निकलती है. हम अगर छुट्टी के बाद घर जाते हैं, तो सबसे पहले अपनी मां को पकड़ कर गले मिलते हैं. इससे अपनापन लगता है. हम हर किसी के गले नहीं मिल सकते हैं. जो सबसे खास और अपना हो उससे गले मिलने में खुशी मिलती है. इसलिए प्यार के इस मौसम में वेलेंटाइन वीक के दौरान भी एक दिन हग डे के नाम से जाता है, ताकि रिश्तों में अपनापन आये.
कंकड़बाग के संभव ने कहा कि हम जब किसी के सबसे नजदीक होते हैं और उससे कुछ बात बताना होता है या वह इंसान हमसे दूर जानेवाला होता है, तो हम उसे सबसे पहले गले लगाते हैं. इससे हमारे रिश्तों में प्यार बढ़ता है और अच्छा महसूस भी होता. खुशी हो या गम हम अपनों से गले मिले बिना नहीं रह सकते हैं. पुनाईचक निवासी अभिषेक ने बताया किवेलेंटाइन वीक में हग डे का नाम इसलिए दिया जाता है. क्योंकि, इस दिन रिश्तों में अपनापन लाने का दिन होता है. रिश्ता चाहे लव बर्ड्स का हो या हसबैंड और वाइफ का. गले मिलने से रिश्तों में खुद-ब-खुद अपनापन बढ़ जाता है. इसलिए हम ‘हग डे’ सेलिब्रेट करते हैं.
कब-कब मिलते हैं गले
जब कोई अकेला महसूस करता है
जब कोई सबसे ज्यादा खुश होता है
जब कोई सबसे बहुत दुखी होता है
जब कुछ अचीवमेंट मिलती है
जब कोई किसी को खो देता है
जब कोई अपनों से दूर जाता है
जब कोई लंबे समय के बाद अपनों से मिलता है