मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा- नीति-निर्धारण कर जल्द होगा फैसला
पटना : लोकायुक्त न्यायालय के फैसले से नगर निकायों से दैनिक वेतन पर काम करने वाले ग्रुप डी के कर्मियों को हटाये जाने को लेकर शनिवार को कई निकायों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. निकायों में दैनिक वेतन पर काम करने वाले खास कर सफाईकर्मियों ने पटना के अजीमाबाद अंचल के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, गया, कटिहार से लेकर कई निकायों में सफाई के काम को बंद कर दिया.
कई जगहों पर तो सड़क पर कचरा फेंक कर भी प्रदर्शन किया गया. दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी खुद को हटाये जाने का विरोध कर रहे थे. इधर नगर विकास व आवास विभाग के मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि न्यायालय के आदेश का पालन किया जायेगा. सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर ग्रुप डी के कर्मियों को रखने और आउसोर्सिंग की क्या व्यवस्था होगी, इसके लिए नीति निर्धारण कर फैसला लेंगे.
दरभंगा ने ठीक से नहीं रखा अपना पक्ष
निकायों से दैनिक कर्मियों को हटाये जाने को लेकर कई निकायों में अलग-अलग राय बन गयी है. पटना की मेयर सीता साहु के प्रतिनिधि शिशिर कुमार ने कहा कि दरभंगा निगम ने लोकायुक्त के न्यायालय में ठीक से अपना पक्ष नहीं रखा. पटना नगर निगम में लगभग 3500 ऐसे दैनिक वेतनभोगी कर्मी हैं, जिनकी सेवा 10 वर्ष से अधिक हो चुकी है. अब उनको स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. ऐसे में उनको हटाना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सोमवार को अपना पक्ष रखेंगे.
कई निकायों में पहले से आउटसोर्सिंग : दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी के अलावा कई निकायों में सफाई के लिए आउटसोर्सिंग की व्यवस्था की गयी है. पटना निगम में ही 15 सौ ग्रुप डी के सफाई कर्मी आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कर रहे हैं. कई निकायों में हजारों ग्रुप डी कर्मी दैनिक वेतन पर काम करते हैं.
क्या है मामला
दरअसल, लोकायुक्त ने दरभंगा नगर निगम के एक मामले की जांच के बाद पाया था कि दैनिक वेतन पर कर्मियों को रखना भ्रष्टाचार का स्थायी स्रोत है. लोकायुक्त ने इस मामले में वर्ष 2019 के 28 नवंबर को आदेश में कहा था कि सरकार दैनिक वेतन पर ग्रुप डी के कर्मियों को रखने की नीति में बदलाव करना चाहिए. अब विभाग ने लोकायुक्त के आदेश के आलोक में सभी निकायों को निर्देश जारी किया गया है.
नगर निगम के चार हजार दैनिक मजदूरों की जा सकती है नौकरी
नगर आवास विकास विभाग की ओर से नगर निकायों में कार्यरत दैनिक कर्मियों को हटाने से संबंधित अधिसूचना जारी की गयी है. इस अधिसूचना के बाद पटना नगर निगम में कार्यरत चार हजार से अधिक दैनिक कर्मियों की नौकरी खत्म होने की संभावना है. यह कर्मी निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालयों व सफाई कार्य में लगे है. दैनिक कर्मियों को हटाने से सबसे ज्यादा सफाई कार्य प्रभावित होने लगेगा.
हालांकि, विभागीय अधिसूचना के बाद निगम कर्मियों की यूनियन गोलबंद होना शुरू हो गया है. शनिवार को नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ, स्टाफ यूनियन, क्रांतिकारी मजदूर यूनियन आदि आपातकालीन बैठक किया है. सभी यूनियन ने मांग किया है कि विभागीय अधिसूचना शीघ्र वापस लें, अन्यथा उग्र आंदोलन किया जायेगा.