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उच्च शिक्षा में एससी व एसटी विद्यार्थियों का बढ़ा नामांकन

राजदेव पांडेय, पटना : राज्य में हाल के वर्षों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा में इनरोलमेंट बढ़ा है. सामान्य कोटि के छात्र-छात्राओं की तुलना में इन वर्गों के विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा में अधिक रुचि दिखायी है. राज्य में पिछले आठ सालों में उच्च शिक्षा में हुए […]

राजदेव पांडेय, पटना : राज्य में हाल के वर्षों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा में इनरोलमेंट बढ़ा है. सामान्य कोटि के छात्र-छात्राओं की तुलना में इन वर्गों के विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा में अधिक रुचि दिखायी है. राज्य में पिछले आठ सालों में उच्च शिक्षा में हुए नामांकन को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय और शिक्षा विभाग की एक रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है.

शिक्षा विभाग इसके पीछे अनुमंडलों में डिग्री कॉलेजों का खुलना इसका प्रमुख कारण बता रहा, जबकि शिक्षाविदों का मानना है कि आरक्षित वर्ग के युवाओं में शिक्षा के प्रति बढ़ती ललक भी एक कारण है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में पिछले आठ सालों के दौरान सकल नामांकन अनुपात (जीइआर) में 1.1 फीसदी इजाफा हुआ है. हालांकि, इसी अवधि में एससी-एसटी कोेटि के सकल नामांकन अनुपात में उत्साहजनक इजाफा हुआ है.
इन दोनों वर्गों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ नामांकन अनुपात रहा है. 2011-12 से 2018-2019 तक एससी विद्यार्थियों का सकल नामांकन अनुपात 2.2 फीसदी बढ़कर 10 और एसटी का नामांकन अनुपात 3.3 फीसदी बढ़ कर 18.3 फीसदी हो गया है, जबकि एसटी का राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात 17.2 फीसदी है.
एसटी लड़कियों और लड़कों में जगी उच्च शिक्षा में ललक
एसटी वर्ग की लड़कियों का नामांकन अुनपात शैक्षणिक सत्र 2017-18 की तुलना में 2018-19 में 2.8 फीसदी बढ़कर 14.7 फीसदी हो गया है. वहीं, एसटी वर्ग के लड़कों का नामांकन अनुपात 2017-18 की तुलना में 3.6 फीसदी बढ़कर 21.9 फीसदी फीसदी हो गया है, जो अब तक का सबसे अधिक है. 2011-12 के आंकड़ों से तुलना करें, तो छात्रों के नामांकन में छह फीसदी का रिकाॅर्ड इजाफा हुआ है.
एससी वर्ग की लड़कियों के नामांकन में 2017-18 की तुलना में 2018-19 में करीब एक फीसदी से भी कम वृद्धि हुई है. हालांकि, आठ साल में इनका नामांकन 1.3 फीसदी बढ़कर 7.4 फीसदी पहुंचा है. बीच के सालों की तुलना करें तो इनका नामांकन कमोबेश स्थिर है. एससी के लड़कों में अब तक का सबसे अधिक नामांकन अनुपात रहा है. यह अब तक का सबसे अधिक 12.7 फीसदी हो गया है.
उच्च शिक्षा में बिहार का सकल नामांकन अनुपात 13.6 फीसदी है. हालांकि यह राष्ट्रीय सकल नामांकन अनुपात 26.3 फीसदी से अभी आधा है. बिहार में पिछले साल से सकल नामांकन अनुपात केवल 0.6 फीसदी अधिक रहा है.
हालांकि, इससे अधिक सकल नामांकन अनुपात 2014-15, 2015-16 व 2016-17 में क्रमश:13.9, 14.3 और 14.4 फीसदी रहा था. इसी तरह लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात में 2017-18 की तुलना में 2018-19 में केवल 0.5 फीसदी इजाफा हुआ है, लेकिन इससे ज्यादा नामांकन अनुपात शैक्षणिक सत्र 2014-15, 2015-16, 2016-17 में 14.4 फीसदी तक रह चुका है.
बिहार में एसटी का नामांकन अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक
एससी विद्यार्थियों का नामांकन अनुपात
शैक्षणिक सत्र कुल एससी छात्र छात्राएं
इस साल कुल जीइआर में ज्यादा उत्साहजनक प्रगति नहीं है, लेकिन एससी और एसटी वर्ग के बच्चों का नामांकन अनुपात बेहद सकारात्मक रहा है. दरअसल सरकार ने एससी और एसटी बहुल क्षेत्रों में डिग्री कॉलेज खोले हैं. अगले साल की रिपोर्ट में हमारी प्रगति और शानदार होगी.

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