पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि तेजस्वी प्रसाद यादव को यदि नागरिकता कानून का विरोध करना ही था, तो 19 दिसंबर के बंद से वे क्यों अलग रहे. क्या उन्हें डर था कि दूसरे दलों के ज्यादा पढ़े-लिखे नेता उनकी चमक फीकी कर देंगे. केवल एक दिन के अंतर से दोबारा बिहार बंद कराने से गरीबों, मजदूरों और आम जनता को कितनी परेशानी होगी, इसकी फिक्र राजद को क्यों नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने लखनऊ जाकर मायावती के पैर छुए थे.
इसलिए उन्हें बसपा प्रमुख की तरह आश्वासन देना चाहिए कि बिहार बंद के दौरान यदि किसी प्रकार की हिंसा हुई, तो वे इससे खुद को अलग कर लेंगे. लोकतंत्र में किसी भी मुद्दे पर शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति होती है, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती.उपमुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि नागरिकता कानून से जब तीन मुस्लिम देशों में प्रताड़ित हिंदू-सिख-ईसाई समेत छह धर्मों के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.
तब यह कानून सांप्रदायिक कैसे है. यह कानून जब भारत के मुसलमानों पर बिना कोई असर डाले पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों को न्याय देने वाला है, तब यह अल्पसंख्यक-विरोधी कैसे है. नागरिकता कानून का विरोध करने वाले दल केवल दुराग्रह और वोट बैंक के लिए तनाव फैला रहे हैं.