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नागरिकता संशोधन कानून का विरोध : पटना कारगिल चौक पर धरना-प्रदर्शन पर रोक, धारा 144 लागू

सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन व बवाल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन खासे सख्त हो गये हैं. कारगिल चौक के 100 मीटर के एरिया में किसी भी प्रकार की सभा, प्रदर्शन, जुलूस आदि पर रोक लगा दी है. एनआरसी के पक्ष व विरोध में सोमवार को छात्र संगठनों द्वारा निकाले […]

सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे प्रदर्शन व बवाल को देखते हुए पुलिस और प्रशासन खासे सख्त हो गये हैं. कारगिल चौक के 100 मीटर के एरिया में किसी भी प्रकार की सभा, प्रदर्शन, जुलूस आदि पर रोक लगा दी है. एनआरसी के पक्ष व विरोध में सोमवार को छात्र संगठनों द्वारा निकाले जाने वाले मार्च को सख्ती से रोक दिया.
पटना : पटना में सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए डीएम कुमार रवि ने कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है.
जिला प्रशासन द्वारा जारी किये गये आदेश में कारगिल चौक के चारों तरफ 100 मीटर की दूरी तक किसी भी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, जुलूस, मार्च, मजमा आदि का आयोजन नहीं किया जा सकेगा. अशोक राजपथ से कारगिल चौक की तरफ ऐसे किसी भी जुलूस, प्रदर्शन, मार्च आदि का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा, जिससे सामान्य यातायात प्रभावित होता है. हालांकि प्रशासन ने शव यात्रा, बारात जुलूस, अनुमति प्राप्त पारंपरिक जुलूस पर ये आदेश नहीं लागू किया है.
प्रदर्शन से यातायात में हो रही गंभीर समस्या : डीएम ने बताया कि कारगिल चौक से पटना सिटी जाने के लिए अशोक राजपथ महत्वपूर्ण सड़क है. रास्ते में व्यवहार न्यायालय, पटना के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य, शैक्षणिक संस्थान, पीएमसीएच, पटना विवि एवं संबद्ध महाविद्यालय तथा निजी/सरकारी विद्यालय हैं. कारगिल चौक पर धरना-प्रदर्शन, जुलूस, मार्च आदि के आयोजन से अशोक राजपथ एवं उसके आस-पास यातायात की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है.
इससे मरीजों, शिक्षकों, विद्यार्थियों, न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही पीएमसीएच जाने वाले एंबुलेंस को काफी मुश्किलें हो रही हैं. इसको देखते हुए धारा 144 लागू की गयी है. डीएम ने बताया कि इस संबंध में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी.
शंभू शरण सिंह बनाम राज्य एवं अन्य में हाइकोर्ट पटना द्वारा 29 जुलाई 2015 में धरना स्थल के संबंध में आदेश पारित किया था. इसको ध्यान में रखते हुए गर्दनीबाग धरना स्थल पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन हाल के दिनों में देख जा रहा है कि विभिन्न संगठनों, राजनीतिक दल के द्वारा अशोक राजपथ से लेकर कारगिल चौक तक धरना-प्रदर्शन, जुलूस निकाला जा रहा है. हाइकोर्ट के पूर्व के आदेश को देखते हुए धारा 144 लागू की गयी है.
पुलिस चौकी को कर दिया था आग के हवाले : बता दें कि रविवार को राजधानी पटना के कारगिल चौक पर सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों ने अशोक राजपथ पर जमकर बवाल मचाया था. प्रदर्शनकारियों ने कारगिल चौक पर पुलिस चेकपोस्ट में भी आग लगा दी थी. इस घटना में डीएसपी टाउन समेत 12 पुलिसकर्मी भी घायल हो गये थे.
प्रतिरोध मार्च को सायंस कॉलेज के गेट पर रोका
पटना : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय समेत देश के कई विश्वविद्यालयों में छात्रों पर हो रहे पुलिसिया जुर्म के खिलाफ मंगलवार को जन अधिकार छात्र परिषद की ओर से पटना साइंस कॉलेज से कारगिल चौक तक प्रतिरोध मार्च निकाला जाना था, जिसे पटना साइंस कॉलेज गेट पर रोक दिया गया.
पुलिस के द्वारा गेट में ताला जड़ कर छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया. छात्र कॉलेज परिसर में ही एक तरह से कैद हो गये. लेकिन, छात्रों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा. कॉलेज के भीतर ही गेट पर छात्रों ने जोरदार हंगामा व प्रदर्शन किया. उसके बाद सभी छात्रों ने गेट पर ही नारेबाजी की. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि देश के विश्वविद्यालय में छात्रों का शोषण केंद्र सरकार और राज्य सरकार कर रही है. उन्हें मारा जा रहा है. सड़क पर अपनी हक की मांग को ले कर उतरने नहीं दिया जा रहा है. उन्हें नजरबंद किया जा रहा है.
पटना विश्वविद्यालय ने हमेशा से देश में छात्र युवाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए आवाज बुलंद किया है और आगे भी करेगा. हमारी मांग है कि जल्द से जल्द छात्रों पर हमला करने वाले सारे पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाये और एनआरसी और सीएए को केंद्र सरकार वापस ले. इस प्रतिरोध मार्च में छात्र परिषद के प्रदेश अध्यक्ष विशाल कुमार, पुसु छात्र संघ सचिव आमिर राजा, राहुल रुद्र, रोशन कुमार, शौकत अली, मंदीप गुप्ता, दीपांकर कुमार, नदीम नजर, परवीन कुमार, आशीष यादव, रितेश सिंह, विक्की, सन्नी यादव, ईशु यादव और बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे.
एबीवीपी ने सीएए के समर्थन में निकाला मार्च
पटना : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को पटना विश्वविद्यालय से सीएए के समर्थन में मार्च निकालकर भारत सरकार का समर्थन किया.
मार्च में छात्र नारे लगा रहे थे ‘घुसपैठिए तेरी खैर नहीं भारत छोड़ो भारत छोड़ो’. मार्च में उपस्थित छात्रों को संबोधित करते हुए पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून 2019 ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने वाला है और पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के पीड़ितों अल्पसंख्यकों को बड़ी राहत देने वाला बिल है.
कांग्रेसी व इसके सहयोगी दलों ने जिस प्रकार से इस विधेयक का विरोध करने का प्रयास किया है, उससे इन दलों का वोट बैंक एवं तुष्टिकरण की राजनीति पुन: बेनकाब हुई है. कांग्रेस भारत विभाजन की अपनी ऐतिहासिक गलती के लिए प्रायश्चित करने में एक बार पुन: चुक गयी है. उन्होंने कहा कि बिल का विरोध करने वालों का देशभर में चेहरा बेनकाब हुआ है. इस विरोध के पीछे अर्बन नक्सलियों के षड्यंत्रकारी शक्तियों का हाथ है.
छात्र नेता मणिकांत मणि ने कहा कि धर्म के आधार पर भारत विभाजन का दंश झेल रहे अनगिनत परिवारों को इससे नया जीवन मिलेगा. पटना विवि की निर्वाचित महासचिव प्रियंका श्रीवास्तव ने कहा कि आज पटना विवि के तमाम छात्र समुदाय इस बिल के समर्थन में अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं और अलगाववादी तत्वों को करारा जवाब दे रहे हैं. विरोध मार्च में नीतीश पटेल, राजा रवि, गोल्डन शाह, अभिषेक सिंह, दीपक कुमार, रवीश रॉक, रोहित राज, सोनू कुमार, शशि कुमार, अमरेश कुमार, अमन कुमार समेत सैकड़ों छात्र शामिल रहे.
पटना कॉलेज से निकलने वाला मार्च भी रोका गया
पटना : पटना कॉलेज से निकलने वाला मार्च भी गेट पर पुलिस बल के द्वारा रोक दिया गया. कॉलेज के छात्रों को मार्च में शामिल होने नहीं दिया गया. हालांकि एबीवीपी का मार्च फिर भी निकला लेकिन पटना कॉलेज के छात्र उसमें शामिल नहीं हो पाये.
यह मार्च एबीवीपी के द्वारा कैब व एनआरसी के समर्थन में निकाला गया था. पूर्व छात्र संघ के राजा रवि ने आरोप लगाया कि सरकार के द्वारा जान बूझ कर मार्च को रोका गया. हालांकि कॉलेज प्रशासन का कहना है कि बाहर से छात्र आते हैं और कॉलेज के छात्रों को जानबूझ कर ले जाने का प्रयास करते हैं इसलिए गेट को बंद रखा गया है. साइंस कॉलेज में भी इसी वजह से गेट पर प्रदर्शन को रोका गया.
पटना कॉलेज व सायंस कॉलेज पुलिस छावनी में तब्दील
पटना कॉलेज व साइंस कॉलेज पुलिस छावनी में तब्दील हो गयी है. हालांकि कक्षाओं का आयोजन किया गया. बाहर से गेट बंद रखा गया.
साइंस कॉलेज में सिर्फ छात्रों को आने की अनुमति थी लेकिन फिर जाने नहीं दिया जा रहा था. पटना कॉलेज के छात्र आ जा रहे थे लेकिन प्रोटेस्ट निकालने नहीं दिया गया. पटना कॉलेज में छात्र कम ही आ रहे हैं. छिटपुट कक्षाएं ही हो रही हैं. बीएन कॉलेज में स्थिति पहले से सामान्य हुई है, लेकिन कक्षाएं वहां भी छिटपुट ही हो रहे हैं. यहां गेट पूरी तरह से खुला था और छात्र आराम से आ जा रहे थे.
सीएए के विरोध के बाद शहर में अतिरिक्त पुलिस बल की हुई तैनाती
पटना : नागरिकता संशोधन विधेयक कानून (सीएए) के खिलाफ शहर में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए मंगलवार को एसएसपी कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गयी. बैठक का नेतृत्व करते हुए एसएसपी गरिमा मलिकने सीएए कानून के बाद हिंसकप्रदर्शन पर विस्तार से चर्चा की. आम लोगों की सुरक्षा को देखते हुए गरिमा मलिक ने शहर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती का आदेश जारी किया है. उन्होंने सभी सिटी एसपी को आदेश जारी किया है. एसएसपी के आदेश पर सचिवालय डीएसपी सुरेश प्रभाकर, टाउन डीएसपी सुरेश कुमार, लॉ एंड ऑर्डर एएसपी स्वर्ण प्रभात की देखरेख में दोपहर के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती कर दी गयी है.
संवेदनशील इलाके में हुई तैनाती
शहर के सभी संवेदनशील इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. इसमें फुलवारीशरीफ, समनपुरा, दरियापुर, सब्जीबाग, आलमगंज, सुल्तानगंज आदि संवेदनशील एरिया में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की है. यहां वर्दी के अलावा सादे लिबास में भी पुलिस के जवान मौजूद रहेंगे. एसएसपी ने आदेश दिया है कि बिना जिला प्रशासन का अनुमति लिये कोई प्रदर्शन कर रहा हो, प्रदर्शन के दौरान मारपीट, सड़क जाम किया जा रहा हो तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाये.
पटना : सीएए विरोध के नाम पर फायरिंग करने वाले गिरफ्तार
पटना : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर फायरिंग करने वाले छह आरोपितों को पुलिस ने मंगलवार को जेल भेज दिया है. जेल भेजे जाने वालों में मोहम्मद इम्तियाज, मोहम्मद राजा, मोहम्मद, निहाल, सलमान अंसारी, इजहार खान व अंकित शामिल हैं.
इन सभी आरोपितों को पुलिस ने सोमवार को सब्जीबाग व सुल्तानगंज आदि अलग-अलग एरिया से गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, जिस आधार पर उन्हें जेल भेजा गया. इधर गांधी मैदान थाने की पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. तीनों संदिग्ध सब्जीबाग व आलमगंज के रहने वाले हैं.
सादी वर्दी में पुलिस ने की छापेमारी : 71 नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दिन भर छापेमारी की. गोविंद मित्रा रोड, दरियापुल, चंबल कॉलोनी, सब्जीबाग, आलमगंज, सुल्तानगंज आदि इलाके में छापेमारी की गयी. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद अधिकांश आरोपित फरार हो गये हैं.
पुलिस ने उनके घर पर मौजूद परिजनों से भी पूछताछ की लेकिन किसी भी आरोपित का पता नहीं चल पाया. संबंधित इलाकों में पुलिस ने सादी वर्दी में जवानों को तैनात किया है. वहीं जानकारों की मानें, तो फायरिंग व पत्थरबाजी करने वाले कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो पटना छोड़ फरार हो गये हैं.
फायरिंग में कहां से आये हथियार, पुलिस को नहीं मिली जानकारी
प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में इस्तेमाल होनेवाली पिस्टल आरोपित
कहां से लाये और हथियार किसका है, इसकी जानकारी फिलहाल पुलिस को नहीं मिल पायी है. गिरफ्तार छह को जेल भेजे जाने से पहले पुलिस ने हथियार के बारे में पूछताछ की, लेकिन किसी आरोपित ने नहीं बताया कि उनको हथियार देने वाला कौन है. उल्लेखनीय है कि सीएए विरोध के नाम पर रविवार की देर शाम कारगिल चौक पर 4000 की संख्या में उपद्रवियों ने पुलिस के खिलाफ फायरिंग की, जिसके जवाब के तौर पर पुलिस की ओर से भी फायरिंग की गयी. दोनों ओर से 15 राउंड गोलियां चली थीं.

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