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पटना : नागरिकता संशोधन बिल पर राजनीति तेज, देश के अल्पसंख्यकों पर नहीं पड़ेगा कोई असर

पटना : राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने बुधवार को कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल से देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में माहौल बनाया जा रहा है […]

पटना : राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने बुधवार को कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल से देश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इस बिल का राज्यसभा में समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देश भर में माहौल बनाया जा रहा है कि यह बिल अल्पसंख्यकों के हित में नहीं है.
इसे लेकर हिंदू व मुसलमान किया जा रहा है, जबकि यह सिटीजनशिप बिल है. देश में नागरिकता प्रदान करने के लिए कई बिल पहले भी बन चुके हैं. यह बिल उसी का विस्तार भर है. राज्यसभा में इसके समर्थन को लेकर विपक्ष की ओर से एक अलग माहौल बनाया जा रहा है. सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि देश में कभी भी अल्पसंख्यकों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है. तीन-तीन राष्ट्रपति अल्पसंख्यक समुदाय से हुए हैं.
विधेयक को पढ़कर समझें तेजस्वी: संजय सिंह
इधर, जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने बुधवार को कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पढ़कर इसे तेजस्वी यादव को समझना चाहिए. इसके बाद उन्हें पता चलेगा कि इस बिल का जदयू ने समर्थन क्यों किया. इसे समझने के बाद धरना-प्रदर्शन की जरूरत नहीं पड़ती. संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं. यह बिल खास लोगों को सम्मानित करने के लिए नहीं है. यह बिल धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में है.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार होता है. दूसरे देशों में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने में किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि बिल को अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक के भारतीय नागरिक बनने के चश्मे से नहीं देखना चाहिए. अगर पाकिस्तान में सताये अल्पसंख्यकों को यह भारतीय नागरिकता देता है तो हम गलत नहीं समझते हैं.
संजय सिंह ने तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि उन्होंने खुद मुंह मियां मिट्ठू बनते हुए अपने ही दल से भावी मुख्यमंत्री का एलान करवा दिया. मुख्यमंत्री तो चुनाव जीतने के बाद होता है. बिहार में तो मुख्यमंत्री की वैकेंसी है नहीं. मुख्यमंत्री बनने के लिए आम लोगों के समर्थन की जरूरत है और वह समर्थन तेजस्वी के पास नहीं है.
प्रशांत किशोर ने पार्टी नेतृत्व को दिलायी 2015 की याद
पटना : जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन बिल का राज्यसभा में समर्थन करने पर जदयू नेतृत्व को वर्ष 2015 में मिले वोटों की याद दिलायी है. उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर कहा है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल का समर्थन करने से पहले जदयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उन पर विश्वास और भरोसा जताया था.
उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि 2015 की जीत के लिए पार्टी और इसके प्रबंधकों के पास जीत के बहुत रास्ते नहीं बचे थे. इससे पहले भी प्रशांत किशोर ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किये जाने पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया जतायी थी. उन्होंने इस बिल को जदयू के संविधान और धर्मनिरपेक्षता की भावना के खिलाफ बताया था.
प्रशांत किशोर का बयान व्यक्तिगत : संजय झा
इधर, बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री व जदयू के वरिष्ठ नेता संजय झा ने अपने पार्टी के महासचिव प्रशांत किशोर का नागरिकता संशोधन बिल पर दिये गये बयान को उनका व्यक्तिगत राय करार दिया है. श्री झा बुधवार को धनबाद में जदयू प्रत्याशी विपिन कुमार के समर्थन में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
इमरान खान किस मुंह से कर रहे बिल का विरोध : मोदी
पटना : डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि जिस पाकिस्तान की बुनियाद धर्म के आधार पर पड़ी और जिसने खुद को इस्लामी देश घोषित कर हिंदू, ईसाई, सिख और पारसी जैसे गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर घोर अत्याचार किये, उसके प्रधानमंत्री इमरान खान किस मुंह से भारत के नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं.
सबसे शर्मनाक तो राहुल गांधी और राजद नेताओं के बयान हैं, जो एक बार फिर पाकिस्तान के सुर में बोल रहे हैं. इमरान का बयान अगर भारत के आंतरिक मामलों में बेजां दखल है, तो कांग्रेस के बोल भारत विभाजन की पीड़ा झेलने वाले उन करोड़ों शरणार्थियों के प्रति संवेदनहीनता से भरे हैं, जिनके पुरखे राहुल गांधी से ज्यादा भारतीय थे. वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और राज्य के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने इसकी सराहना की है.
राजद ने जेपी गोलंबर पर दिया धरना
पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व में राजद के तमाम वरिष्ठ नेता जेपी गोलंबर पर धरने पर बैठे. यह लोग केंद्र की तरफ से लाये गये नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल, एनआरसी और बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ आक्रोशित थे.
करीब सवा दो घंटे धरना देने के बाद राजद नेताओं ने गांधी प्रतिमा पर जाकर माल्यार्पण कर धरने को समाप्त किया. गांधी मैदान स्थित गांधी प्रतिमा के निकट हुई सभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि बिल के जरिये मुसलमानों को जान-बूझ कर टारगेट बनाया जा रहा है.
धरने में तेजस्वी प्रसाद के अलावा तेज प्रताप, जगदानंद सिंह, रघुवंश प्रसाद, रामचंद्र पूर्वे, शिवनाथ तिवारी, भाई वीरेंद्र, कांति सिंह, प्रदेश सचिव चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह, राज्य सहायक निर्वाचन पदाधिकारी मदन शर्मा, भाई अरुण यादव, प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी आदि शामिल हुए. मुख्यमंत्री के रूप में राजद की तरफ से प्रस्तावित होने के बाद तेजस्वी यादव ने बुधवार को पहली बार धरना दिया.

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