पटना : ठोस कचरा प्रबंधन के तहत कचरे का उठाव व निबटारे को लेकर पिछले दस वर्षों में तीन निजी कंपनियों को चुना गया. मगर ये एजेंसियां कचरा उठाये बिना ही भाग गयीं. इसकी वजह रही कि नगर निगम व विभागीय प्रक्रियाएं निर्धारित समय पर पूरी नहीं की जा सकीं. हाल ही में जर्मनी बेस कंपनी एजी डॉटर्स की एग्रीमेंट व वर्क ऑर्डर को रद्द कर दिया गया है.
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बिना कचरा उठाये ही भागीं तीन कंपनियां
पटना : ठोस कचरा प्रबंधन के तहत कचरे का उठाव व निबटारे को लेकर पिछले दस वर्षों में तीन निजी कंपनियों को चुना गया. मगर ये एजेंसियां कचरा उठाये बिना ही भाग गयीं. इसकी वजह रही कि नगर निगम व विभागीय प्रक्रियाएं निर्धारित समय पर पूरी नहीं की जा सकीं. हाल ही में जर्मनी बेस […]
इससे बैरिया डंपिंग यार्ड में लगने वाले रिसाइकलिंग प्लांट पर फिर से ग्रहण लग गया है. साथ ही, सेकेंडरी कूड़ा प्वाइंटों से कचरे का नियमित उठाव नहीं हो रहा और न ही डंपिंग यार्ड में कचरे का निबटारा किया जा रहा है. हर दिन करीब 1100 टन कचरा डंपिंग यार्ड में बढ़ने से बैरिया में आसपास के गांवों में रहने वाले लोग परेशान है. मालूम हो कि दानापुर, फुलवारीशरीफ व खगौल नगर पर्षद का कचरा भी बैरिया में ही डंप होता है.
वर्ष 2009 में चुनी गयी पहली एजेंसी : निगम प्रशासन ने वर्ष 2009 में पहली निजी एजेंसी ए-टू-जेड का चयन किया. इस कंपनी को डोर टू डोर कचरा उठाव व रिसाइकलिंग करना था. लेकिन, चयनित एजेंसी डेढ़ वर्ष तक सिर्फ नौ वार्डों से ही कचरा उठा सकी. इसे 2011 में हटा दिया गया.
इसके बाद 2014 में बुडको के माध्यम से रिसाइकलिंग प्लांट लगाने को लेकर एजेंसी का चयन किया गया. इस एजेंसी को बैरिया डंपिंग यार्ड में कचरा शिफ्टिंग के नाम पर करोड़ों का भुगतान किया गया. लेकिन, रिसाइकलिंग प्लांट निर्धारित समय में नहीं लगा, तो एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया गया.
एनओसी के पेच में फंस गया रिसाइकलिंग प्लांट
निगम प्रशासन ने फरवरी, 2018 में जर्मनी बेस कंपनी एजी डॉटर्स को चयनित करने के साथ ही एग्रीमेंट व वर्क ऑर्डर देने की प्रक्रिया पूरी की.
ताकि, चयनित एजेंसी प्लांट लगाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करे. लेकिन, एजेंसी को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी नहीं मिला. जबकि, एजेंसी को जून-जुलाई में प्लांट लगाने व नवंबर, 2018 से बिजली का उत्पादन शुरू करना था. लेकिन, डेढ़ वर्ष में एजेंसी को एनओसी नहीं मिला.
अब कंपोस्ट बनायेगा निगम
निजी एजेंसी एजी डॉटर्स के एग्रीमेंट व वर्क ऑर्डर को रद्द करने के बाद निगम प्रशासन ने कंपोस्ट प्लांट लगाने की योजना बनायी है. इस योजना के तहत बैरिया में कंपोस्ट प्लांट लगाया जायेगा. ताकि, कचरे के पहाड़ को कम किया जा सके.
साथ ही रोजाना केमिकल का छिड़काव भी कराया जायेगा. ताकि, कचरे की बदबू फैले नहीं. साथ ही रिसाइकलिंग प्लांट लगाने को लेकर फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
रिसाइकलिंग प्लांट लगाने को लेकर जर्मनी बेस कंपनी का चयन किया गया था, जो करीब 2500 करोड़ निवेश करती. इसमें निगम को एक रुपया भी निवेश नहीं करना था. वहीं, सेकेंडरी प्वाइंट से भी कचरा ले जाता. लेकिन, विभागीय एनओसी के उलझन में भाग गया.
सीता साहू, मेयर, पटना नगर निगम
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