पटना : राज्य के विभिन्न जिलों में अभियान चलाकर वाणिज्य कर विभाग ने विभिन्न स्तर के 28 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच की है. इसमें बड़े स्तर पर जीएसटी में गड़बड़ी सामने आयी है. इसमें होल सेल एजेंसी से लेकर सुपर मार्केट और रेस्तरां भी शामिल हैं.
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28 व्यावसायिक केंद्रों में मिली जीएसटी की गड़बड़ी
पटना : राज्य के विभिन्न जिलों में अभियान चलाकर वाणिज्य कर विभाग ने विभिन्न स्तर के 28 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की जांच की है. इसमें बड़े स्तर पर जीएसटी में गड़बड़ी सामने आयी है. इसमें होल सेल एजेंसी से लेकर सुपर मार्केट और रेस्तरां भी शामिल हैं. वैसे व्यवसायी जिन्होंने छह महीने या इससे ज्यादा समय […]
वैसे व्यवसायी जिन्होंने छह महीने या इससे ज्यादा समय से अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके निबंधन को रद्द किया जा रहा है. प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इस जांच अभियान के दौरान पता चला कि कई व्यवसायी माल की खरीद बिक्री कर रहे हैं, लेकिन न तो रिटर्न भरते हैं और न ही जीएसटी जमा कराते हैं.
प्रोडक्ट की एमआरपी पर भी दुकानदार वसूल रहे जीएसटी
वाणिज्य कर विभाग आयुक्त डॉ. प्रतिमा एस वर्मा के निर्देश पर चलाये गये इस विशेष औचक जांच अभियान में 28 टीमें लगायी गयी थी. जांच में यह भी पता चला कि कुछ व्यवसायी ग्राहकों से लिखित एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) पर भी जीएसटी वसूल रहे थे, जो पूरी तरह से गलत है. कुछ एक मामले ऐसे भी सामने आये कि व्यवसायियों ने अपना सॉफ्टवेयर इस तरह से तैयार कर रखा था कि ग्राहकों से जितने रुपये वे जीएसटी के नाम पर लेते थे.
उसकी तुलना में कम राशि टैक्स के रूप में वह सरकार जमा करते थे. इस तरह से वे लाखों के टैक्स की चोरी करते हैं. ऐसे सभी व्यवसायियों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्रवाई करने की तैयारी में विभाग जुटा हुआ है.
कई के निबंधन रद्द :
वाणिज्य कर विभाग की तरफ से किये गये डाटा विश्लेषण कार्य के बाद गड़बड़ी करने वाले ऐसे व्यवसायियों के बारे में जानकारी मिली है. जीएसटी और ई-वे बिल के डाटा का विश्लेषण करने पर ऐसी कई तरह की गड़बड़ी पकड़ी गयी है.
कई व्यवसायियों के निबंधन भी रद्द किये जा चुके हैं. एक दिसंबर से जीएसटी में यह प्रावधान कर दिया गया है कि जो व्यापारी दो महीने की विवरणी दाखिल नहीं करेंगे, वे किसी भी तरह से ई-वे बिल नहीं निकाल सकते हैं.
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