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पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर के लेट होने पर यात्रियों का हंगामा
पटना : पटना जंक्शन से रोजाना दिन के 3:20 बजे खुलने वाली पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर ट्रेन शाम करीब 7 बजे खुली. ट्रेन के घंटों लेट होने से परेशान यात्रियों ने जंक्शन पर जमकर हंगामा किया. इससे अफरा-तफरी की स्थिति रही. यह ट्रेन समस्तीपुर रेल डिवीजन से आती है, जहां इसका नाम कमला गंगा एक्सप्रेस होता […]
पटना : पटना जंक्शन से रोजाना दिन के 3:20 बजे खुलने वाली पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर ट्रेन शाम करीब 7 बजे खुली. ट्रेन के घंटों लेट होने से परेशान यात्रियों ने जंक्शन पर जमकर हंगामा किया.
इससे अफरा-तफरी की स्थिति रही. यह ट्रेन समस्तीपुर रेल डिवीजन से आती है, जहां इसका नाम कमला गंगा एक्सप्रेस होता है. समस्तीपुर डिवीजन ने बिना किसी सूचना के इसमें चार डिब्बा जोड़ दिया था. ये चारों पुरानी और जर्जर स्थिति में थे, जिन्हें हरनौत स्थित रेलवे की वर्कशॉप में भेजा जाना था. पटना आने के बाद जंक्शन के रेलकर्मियों के लिए इन चारों डिब्बों को काटना और ट्रेन को आगे के लिए भेजना भारी परेशानी का कारण बन गया.
बिना इन डिब्बे को ट्रेन से अलग किये ट्रेन आगे भेजी नहीं जा सकती थी. हर डिब्बे को काटने में कम से कम 35 से 40 मिनट समय लगता है. ऐसे में शंटिंग में ही अच्छा- खासा समय लग गया. साथ ही पटना में ट्रेन से डीजल इंजन काट कर उसमें इलेक्ट्रिक इंजन जोड़ा जाता है. यहां से यह पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर बनकर जाती है. इसी बीच कई ट्रेनों को भी गुजारना था. इसके यह ट्रेन लगातार लेट होती गयी और सात बजे शाम के बाद खुली.
क्यों आया था यह डिब्बा : रेल के डिब्बे जब उम्र पूरी कर लेते हैं, तब उन्हें रेलवे की वर्कशॉप में भेजा जाता है.जहां इनकी मरम्मत होती है ताकि इनका फिर से इस्तेमाल हो. इन्हें भेजने में अक्सर ही संबंधित रेल डिवीजन अलग से गाड़ी और इंजन की व्यवस्था न करके किसी ट्रेन के साथ ऐसे ही भेज देते हैं. लेकिन इसकी पूर्व सूचना रहती है. अब इस मामले में सूचना न देकर समस्तीपुर डिवीजन ने जो गलत कदम उठाया उसका खामियाजा पटना जंक्शन को उठाना पड़ा.
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