पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. विपक्ष के सदस्य हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गये. हंगामे के बीच बुधवार को सरकार की ओर से सिर्फ एक अल्पसूचित प्रश्न का जवाब हुआ. विपक्ष के शांत नहीं होने के कारण ढ़ाई घंटे के प्रश्नकाल की कार्यवाही को विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा आठ मिनटों के बाद ही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी. बुधवार को विधानसभा में चार अल्पसूचित जबकि 176 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध गये थे.
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने पहले सदन के अंदर बैठे सदस्यों के मुड को भांपने की कोशिश की. सदस्यों के बीच हल्की बातचीत चल रही थी. जब सदस्य शांत दिखे तो उन्होंने पूछा कि इजाजत हो तो सदन की कार्यवाही आरंभ की जाये. हल्की हंसी के बाद जैसे ही अल्पसूचित प्रश्न के लिए मिथिलेश तिवारी का नाम पुकारा गया. वैसे ही राजद के ललित कुमार यादव ने अपनी सीट से बोलना शुरू कर दिया.
इधर, भाई वीरेंद्र की अगुआई में राजद के सदस्य वेल में आ गये. उनके साथ ही कांग्रेस और भाकपा माले के विधायक भी वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे. राजद के सदस्यों के हाथों में पोस्टर था. इस पर राज्य में बढ़ते अपराध और विधि व्यवस्था को लेकर सरकार से जवाब मांगा जा रहा था. माले के सदस्यों द्वारा फुटकर दुकानदारों सहित जहानाबाद दंगा के सभी पीड़ितों को तत्काल उचित मुआवजा देने की मांग की जा रही थी.
विपक्षी सदस्यों से विधानसभा अध्यक्ष ने बार-बार अपनी सीट पर जाकर बात रखने का अनुरोध किया. वेल में खड़े सदस्य जब टस से मस नहीं हुए तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया.