पटना : नगर निगम ने ठोस कचरा प्रबंधन के तहत बड़ी संख्या में गाड़ियों की खरीदारी की. दिसंबर 2018 से नयी गाड़ियां निगम में आपूर्ति भी होने लगीं. लेकिन, निगम प्रशासन की अनदेखी से इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन समय से नहीं कराया गया. स्थिति यह है कि पिछले एक वर्ष से निगम की 800 से अधिक गाड़ियां बिना रजिस्ट्रेशन व इंश्योरेंस की चल रही हैं. हालांकि, अब निगम प्रशासन की नींद खुली है, तो नयी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कागजात तैयार करना शुरू कर दिया गया है.
इससे अब तक 350 से अधिक गाड़ियों के कागजात डीटीओ कार्यालय को उपलब्ध करा दिये गये हैं और शेष गाड़ियों के कागजात तैयार करने में निगम के अधिकारी जुट गये हैं.
वाहनों का भुगतान नहीं होने से रजिस्ट्रेशन में हुआ विलंब : नगर निगम को विभाग से स्वच्छता अनुदान के रूप में 199 करोड़ रुपये मिलने हैं. इससे निगम ने 100 करोड़ से अधिक की लागत से सात प्रकार की आठ सौ से अधिक गाड़ियों की खरीदारी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से की.
लेकिन, भुगतान नहीं किया गया. इससे एजेंसी की ओर से निगम को गाड़ियों के कागज मुहैया नहीं कराये गये. इससे गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन व इंश्योरेंस कराने में विलंब हो रहा है. निगम अधिकारी ने बताया कि नयी गाड़ियों के लिए दो वर्षों तक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट मिल रहा है. इससे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट से ज्यादा रजिस्ट्रेशन व इंश्योरेंस कराने को लेकर तैयारी की जा रही है.