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19 साल बाद भी झारखंड ने नहीं लौटाये 694 करोड़, बिहार ने की है राशि की मांग
अनिकेत त्रिवेदी पटना : बिहार-झारखंड बंटवारे के 19 वर्ष बाद भी अब तक दोनों राज्यों के बीच संपत्ति विवाद का मामला सुलझ नहीं पाया है. विवाद का एक मामला बिहार राज्य आवास बोर्ड की संपत्ति के बंटवारे को लेकर है. बंटवारे के बाद झारखंड के आवास बोर्ड ने कई शहरों की आवासीय कॉलोनियों पर कब्जा […]
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : बिहार-झारखंड बंटवारे के 19 वर्ष बाद भी अब तक दोनों राज्यों के बीच संपत्ति विवाद का मामला सुलझ नहीं पाया है. विवाद का एक मामला बिहार राज्य आवास बोर्ड की संपत्ति के बंटवारे को लेकर है. बंटवारे के बाद झारखंड के आवास बोर्ड ने कई शहरों की आवासीय कॉलोनियों पर कब्जा तो जमा लिया, लेकिन उनके निर्माण में लगी राशि, लोन आदि के 694 करोड़ बिहार राज्य आवास बोर्ड को नहीं लौटाये. अब बुधवार को पूर्वोत्तर राज्यों की बैठक में आवास बोर्ड सरकार के माध्यम से इस मुद्दे को उठाकर अपनी राशि की मांग करने वाला है.
केंद्र सरकार की कमेटी ने तय की थी गाइडलाइन
बिहार-झारखंड के बीच फंसे पैसे के विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार के शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने 2002-03 के बीच एक संयुक्त सचिव स्तर की कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने दोनों राज्यों के बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठकें कर झारखंड को पैसा लौटाने के लिए एक गाइडलाइन भी तय की थी.
इसके बाद बिहार राज्य आवास बोर्ड ने बॉटली ब्वाय नाम के एक सीए फार्म को रख कर दोनों राज्यों के लिए राशि का निर्धारण कर दिया. तब से लेकर आज तक बिहार की ओर से झारखंड से पैसे की मांग हो रही है और हर बार झारखंड की ओर से कोई ना कोई नियम, कागज का हवाला देकर मामले को लटकाया जा रहा है.
बिहार राज्य आवास बोर्ड और झारखंड के आवास बोर्ड के बीच आज तक फंसी है बंटवारे की राशि
पूर्वोत्तर
राज्यों के सम्मेलन में आवास बोर्ड उठायेगा राशि नहीं लौटाने का मामला
पैसे का बंटवारा भी केंद्र सरकार की तय गाइडलाइन के आधार पर हुआ है, लेकिन बार-बार कोई ना कोई कारण लगाकर झारखंड की ओर से तय राशि नहीं दी जा रही है.
सुधांशु कुमार चौबे, सचिव, बिहार राज्य आवास बोर्ड
बिहार ने की है राशि की मांग
दरअसल बिहार-झारखंड के बंटवारे के बाद धनबाद, रांची, जमशेदपुर जैसे बड़ी हाउसिंग कॉलोनियां झारखंड के पास चली गयीं. वहीं बहादुरपुर, लोहियानगर, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर व छपरा की हाउसिंग कॉलोनियां बिहार के पास रह गयीं. ऐसे में बिहार ने कहा कि अगर आप ने अपने क्षेत्र की हाउसिंग कॉलोनियों पर कब्जा कर लिया है, तो उसके निर्माण के लिए लिये गये लोन की राशि को भी अपने हिस्से के बराबर देना होगा. फिर बिहार ने बाटली ब्वाय के बंटवारे के अाधार पर झारखंड पर 694.38 करोड़ रुपये देने का हिसाब लगाया था. उसमें सरकार से लोन की राशि 2585.83 लाख, हुडको से 900.13 लाख, ब्याज 2064 लाख, निर्माण देयता 51899.45 लाख से लेकर अन्य कई मद में राशियां झारखंड को देनी थीं. जिसे झारखंड ने आज तक नहीं लौटाया है.
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