21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

योगीपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ठप, भवन में चल रहा स्कूल

पटना : पुराने सिस्टम को तोड़ नये सिस्टम बनाने के चक्कर में शहर जल जमाव झेल रहा है. इस बार जलजमाव के बाद सरकारी लापरवाही, सुस्ती और अतिक्रमण की कई पुरानी कहानियां निकल कर सामने आ रही है. समय रहते इसे ठीक की जाती, तो शहर को ऐसी दुर्दशा नहीं झेलनी पड़ती. दरअसल, करीब 50 […]

पटना : पुराने सिस्टम को तोड़ नये सिस्टम बनाने के चक्कर में शहर जल जमाव झेल रहा है. इस बार जलजमाव के बाद सरकारी लापरवाही, सुस्ती और अतिक्रमण की कई पुरानी कहानियां निकल कर सामने आ रही है. समय रहते इसे ठीक की जाती, तो शहर को ऐसी दुर्दशा नहीं झेलनी पड़ती. दरअसल, करीब 50 वर्ष पहले हाउसिंग कॉलोनी घरों से निकलने वाले सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट कर गंगा नदी में छोड़ने के लिए योगीपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया था.

उसे गंगा भवन का नाम दिया गया. बाद में वर्ष 1990 के करीब इसके नष्ट कर स्टॉम वॉटर लाइन में मिला दिया गया. वर्तमान में इस भवन में एक निजी दिल्ली मॉडल स्कूल चल रहा है. इस कारण हर बार जल जमाव के समय सीवरेज का पानी बारिश के पानी के साथ मिल जाता है, और प्रति वर्ष उस क्षेत्र के लोगों को बारिश के पानी के साथ गंदगी भी झेलनी पड़ती है.
तीन वर्ष तक लड़ाई, नहीं हटा अतिक्रमण : वार्ड 34 के पार्षद कुमार संजीत बताते हैं कि योगीपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए नगर निगम, बिहार राज्य जल पर्षद (अब बुडको) और नगर विकास व आवास विभाग तक शिकायत की. वर्ष 2007 से लेकर 2010 तक हर कार्यालय का चक्कर लगाया. वहां एक अतिक्रमण कर खुले एक स्कूल को हटाने की मांग की.
लेकिन, मेरे लिखित पत्र पर किसी स्तर से ध्यान नहीं दिया. इस कारण अब कर बारिश में मलाही पकड़ी, योगीपुर, कंकड़बाग से लेकर अन्य मुहल्लों का सीवरेज व स्टॉम वॉटर को एक साथ मिल जाता है और फिर बारिश बाद गंदगी और बीमारी लोगों को झेलनी पड़ती है.
नौ वर्ष पहले बना योगीपुर संप भी फेल
कंकड़बाग अंचल क्षेत्र के जलजमाव से निदान को लेकर वर्ष 2010 में बना योगीपुर का एनबीसीसी संप भी इस बारिश में फेल हो गया. ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बारिश के बाद दो दिनों तक संप नहीं चला. इस कारण जल जमाव की समस्या बनी रही. बाद में कोलकाता से मिस्त्री बुलाकर बनाने का काम किया गया. तब जाकर दो अक्तूबर को पूरे क्षेत्र से पानी निकल पाया.
गौरतलब है कि योगीपुर में 1540 एचपी के तीन पंप है. इसकी क्षमता प्रतिदिन 726 एमएलडी पानी फेंकने की है. वहां काम करने वाले कर्मी बताते हैं कि यहां एक मोटर को बनाया गया है, जबकि दो मोटर अभी भी खराब हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें