पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी यादव को संबोधित कर कहा है कि महागठबंधन बना तो उसमें नीतीश कुमार अमृत बनकर निकले थे.
यदि उनका चेहरा हटा देते तो राजद का प्रदर्शन 2010 से भी खराब रहता. 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद ने महागठबंधन में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ा. दिल्ली में हुई बैठक में लालू प्रसाद, शरद यादव और मुलायम सिंह यादव ने नीतीश कुमार को नेता चुना था, उस वक्त वे पटना में थे. सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे को जनता ने चुना.
अगर नीतीश कुमार का चेहरा नहीं होता तो तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव विधानसभा का मुंह तक नहीं देख पाते. ऐसे में उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बनना असंभव था. नीतीश कुमार बिहार के विकास के लिएअक्सर डटे रहते हैं. जब पूरा बिहार सोता है, तब नीतीश कुमार रतजगा कर बिहार के विकास के बारे में रणनीति बनाते रहते हैं. वे केवल बिहार के विकास के बारे में ही सोचते हैं. यह बात उन लोगों को समझ में नहीं आयेगी, जो विकास से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं रखते हों.
