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पटना : देवघर हिंदी विद्यापीठ की डिग्री पर मिली नौकरी वैध
पटना : पटना हाइकोर्ट ने देवघर हिंदी विद्यापीठ से प्रवेशिका (मैट्रिक), साहित्यभूषण (आइए), साहित्यालंकार (बीए)की डिग्री के आधार पर नौकरी करने और प्रोन्नति पाये कर्मियों को बड़ी राहत दी है. हाइकोर्ट ने सात मई, 2012 के पूर्व की डिग्री के आधार पर आठ अप्रैल, 2016 तक नियुक्त कर्मियों को नौकरी में बने रहने का आदेश […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने देवघर हिंदी विद्यापीठ से प्रवेशिका (मैट्रिक), साहित्यभूषण (आइए), साहित्यालंकार (बीए)की डिग्री के आधार पर नौकरी करने और प्रोन्नति पाये कर्मियों को बड़ी राहत दी है.
हाइकोर्ट ने सात मई, 2012 के पूर्व की डिग्री के आधार पर आठ अप्रैल, 2016 तक नियुक्त कर्मियों को नौकरी में बने रहने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस बीच इन कर्मियों को दी गयी प्रोन्नति को भी मान्यता दे दी है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने इस संबंध में दायर आधा दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया .
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हाइकोर्ट ने पूर्व के एक आदेश में देवघर हिंदी विद्यापीठ से मैट्रिक, इंटर और स्नातक की डिग्री को अमान्य करार दिया था, जिसके बाद सरकार देवघर हिंदी विद्यापीठ से डिग्री प्राप्त किये डिग्रीधारियों को नौकरी से बाहर करने की कार्रवाई करने लगी. इसे फिर कोर्ट में चुनौती दी गयी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने महाधिवक्ता से परामर्श लेकर एक अधिसूचना आठ अप्रैल, 2016 को जारी की.
इसमें कहा गया था कि आठ अप्रैल, 2016 के पूर्व देवघर हिंदी विद्यापीठ से ली गयी डिग्री के आधार पर नौकरी व प्रोन्नति पाये सभी कर्मी अपनी सेवा में बने रहेंगे. कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार अपनी इस अधिसूचना को नजरअंदाज कर देवघर विद्यापीठ से डिग्री प्राप्त कर्मियों को सेवा सेनिकल रही थी . कोर्ट ने आवेदक के दलील को मंजूर करते हुए सेवा से निकले जाने वाले सरकारी आदेश
को निरस्त करते हुए सभी संबंधित कर्मियों को सेवा में सभी लाभों के साथ बनाये रखने का आदेश सरकार को दिया है.
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