दुग्ध उत्पादन समितियों में महिलाओं की बढ़ेगी भागीदारी
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाकों में सुधा दूध के काउंटर खुलेंगे. इन काउंटरों पर दूध के अलावा सुधा के सभी उत्पादों की बिक्री होगी. कंफेड जल्द ही इसके लिए एक्शन प्लान बनायेगा.
ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर रिटेल आउटलेट खोलने के साथ ही दुग्ध उत्पादन समितियों का भी विस्तार होगा. इन समितियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी. नयी समितियों का भी निर्माण होगा. कंफेड ने एक लाख लीटर दूध बेचने का भी लक्ष्य तय किया है. अभी सुधा को इतने दूध का पाउडर बनाना पड़ता है.
कंफेड अपने काम का ग्रामीण इलाकों में भी विस्तार करेगा. ग्रामीण इलाकों से दूध का कलेक्शन तो होता है, लेकिन बिक्री उस हिसाब से नहीं होती है. अभी सुधा का बिहार झारखंड में कुल 19645 रिटेल आउटलेट है.
इसमें ग्रामीण इलाकों में मात्र 4160 आउटलेट ही हैं. राज्य के पशु संसाधन मंत्री डाॅ प्रेम कुमार ने सोमवार को कंफेड के कामकाज की समीक्षा की तथा ग्रामीण इलाकों में रिटेल आउटलेट की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. ग्रामीण इलाकों के रिटेल आउटलेट पर दूध के अलावा सुधा के अन्य उत्पाद भी मिलेंगे. शहरी और अर्द्धशहरी क्षेत्र में भी सुधा उत्पादों की आपूर्ति बढ़ेगी. ताकि दोपहर में भी आउटलेट पर दूध व अन्य सामग्री उपलब्ध रहेगी.
राज्य के चार जिलों में कंफेड गठित करेगी समिति
राज्य के चार जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में अभी यूनियन नहीं बना है. अब इन जिलों में कंफेड अपने स्तर से दूग्ध उत्पादन समितियों को बनायेगा. अभी राज्य में आठ यूनियन हैं और 18 डेयरी प्लांट हैं. इसकी क्षमता 28.55 लाख लीटर है. झारखंड में तीन प्लांट हैं, जिसकी क्षमता 5.50 लाख लीटर है.
कंफेड को विस्तार करने के लिए कहा गया है. ग्रामीण इलाकों में भी आसानी से सुधा के उत्पाद मिले इसके लिए रिटेल आउटलेट की संख्या बढ़ेगी. महिलाओं को दूग्ध उत्पादन समितियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.
डाॅ प्रेम कुमार,
पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री