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पटना : अब यूनिक आइडी नंबर से पहचाना जायेगा आपका घर
प्रभात रंजन यूनिक आइडी नंबर बनाने को लेकर काम शुरू पटना : राजधानी यानी नगर निगम क्षेत्र में कितने मकान हैं. इनकी वास्तविक संख्या निगम प्रशासन के पास नहीं है. सिर्फ बिजली कनेक्शन के आधार पर करीब पांच लाख मकान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. लेकिन, अब निगम प्रशासन निगम क्षेत्र के एक-एक […]
प्रभात रंजन
यूनिक आइडी नंबर बनाने को लेकर काम शुरू
पटना : राजधानी यानी नगर निगम क्षेत्र में कितने मकान हैं. इनकी वास्तविक संख्या निगम प्रशासन के पास नहीं है. सिर्फ बिजली कनेक्शन के आधार पर करीब पांच लाख मकान होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
लेकिन, अब निगम प्रशासन निगम क्षेत्र के एक-एक भवन को यूनिक आइडी नंबर देने की तैयारी में है, ताकि व्यावसायिक भवन, आवासीय भवन, शैक्षणिक संस्थान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान की वास्तविक संख्या प्राप्त की जा सके. इन भवनों से प्रत्येक वर्ष होल्डिंग टैक्स के साथ-साथ यूजर चार्ज नियमित वसूला जाये और नागरिक सुविधाएं मुहैया करायी जा सकें.
यूनिक आइडी से तैयार किया जायेगा रूट मैप : निगम क्षेत्र की आवासीय कॉलोनियां हों या फिर व्यावसायिक क्षेत्र, इन इलाकों की एक-एक सड़क के दोनों किनारे स्थित भवनों के लिए यूनिक आइडी नंबर जेनरेट किया जायेगा, जो ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) में फीड किया जायेगा और यूनिक नंबर के जरिये शहर का रूट मैप तैयार किया जायेगा. इस रूट मैप में सफाई कार्य में लगे ऑटो टीपर या सफाई कर्मियों की भी निगरानी की जा सकेगी.
भवन के गेट पर चिपकाया जायेगा स्टिकर
शहर के अपार्टमेंट या बहुमंजिली इमारतों का अपना यूनिक नंबर होगा और इस यूनिक नंबर का सब यूनिक नंबर तैयार किया जायेगा, ताकि अपार्टमेंट के सभी फ्लैटों को चिह्नित किया जा सके. भवन के गेट पर स्टिकर चिपकाया जायेगा, जिस पर यूनिक नंबर के साथ-साथ क्यूआर कोड और टैक्स व यूजर चार्ज भुगतान की जानकारी दी जायेगी, ताकि शहरवासियों को यूजर चार्ज देने में परेशानी नहीं झेलनी पड़े.
वहीं, जो मकान मालिक या फ्लैट मालिक टैक्स या यूजर चार्ज भुगतान नहीं करते हैं, तो सिस्टम में रेड निशान दिखना शुरू हो जायेगा. इससे निगम को भी टैक्स व यूजर चार्ज वसूलने में सहूलियत होगी.
ऑटो मैप में अब तक आये सिर्फ आठ नक्शों के आवेदन
आम लोगों के साथ साथ बिल्डरों को नक्शा स्वीकृत कराने में निगम मुख्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े और आसानी से स्वीकृत नक्शा आवेदक को मिल आये. इसको लेकर निगम प्रशासन ने ऑटो मैप नामक सॉफ्टवेयर डेवलप किया और ऑटोमेटिक नक्शा स्वीकृत करने की व्यवस्था की गयी. एक मई से मैनुअल नक्शा स्वीकृत के आवेदन नहीं लिये जा रहे है.
इसके बावजूद अब तक ऑनलाइन सिर्फ आठ आवेदन ही प्राप्त किये गये है. इसमें पांच नक्शा में त्रुटि और शुल्क नहीं देने की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया और तीन नक्शा को ऑटोमेटिक स्वीकृत कर दिया गया है. निगम अधिकारी ने बताया कि ऑटो मैप से आवेदन प्राप्त किये जा रहे है और जिन आवेदन में त्रुटि नहीं है, उसे निर्धारित समय सीमा में स्वीकृत भी किया जा रहा है.
राजस्व बढ़ाने पर है जोर
यूनिक आइडी को लेकर एजेंसी ने काम करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही सॉफ्टवेयर पर भी काम हो रहा है. यूनिक आइडी के जरिये सफाई कार्य के साथ-साथ राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा.
—सीता साहू, मेयर, नगर निगम
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