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पटना : लक्ष्य कम, फिर भी पंचायतों से पीछे चल रहे शहरी वार्ड
जिले में नल जल, पक्की नाली-गली और शौचालय निर्माण का हाल पटना : जिले में सरकार के तीन निश्चय योजनाओं की स्थिति उतनी बेहतर नहीं है. जिलाधिकारी स्तर से लगातार समीक्षा के बाद भी सात निश्चय की घर तक नली-गली, हर घर नल का जल और शौचालय निर्माण हर का सम्मान योजना अपनी पूरी रफ्तार […]
जिले में नल जल, पक्की नाली-गली और शौचालय निर्माण का हाल
पटना : जिले में सरकार के तीन निश्चय योजनाओं की स्थिति उतनी बेहतर नहीं है. जिलाधिकारी स्तर से लगातार समीक्षा के बाद भी सात निश्चय की घर तक नली-गली, हर घर नल का जल और शौचालय निर्माण हर का सम्मान योजना अपनी पूरी रफ्तार में नहीं पकड़ रही है.
वहीं, इन योजनाओं को पूरा होने में खास बात है कि ग्रामीण पंचायत के वार्डों से शहरी निकाय के वार्ड पीछे हैं. जबकि, शहरी नगर निकायों में ग्रामीण पंचायत वार्डों की तुलना में लक्ष्य काफी कम है. सबसे बड़ी बात है कि 15 अगस्त तक पूरे जिले को ओडीएफ करना है, जिसमें शहरी वार्ड के काम ही रोड़ा बन रहे है. वहीं पक्की नली गली व नल जल योजना भी शहरों के साथ ही ग्रामीण वार्डों में शुरू की गयी थी.
पंचायतों में 50 तो शहरी वार्डों में 25 फीसदी काम पूरा : ताजा आंकड़ा है कि घर तक नली गली योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में 50 फीसदी काम पूरे हुए हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में लगभग 25 फीसदी वार्डों का ही काम पूरा हो पाया है. उसी प्रकार नल का जल में ग्रामीण वार्डों में 60 फीसदी वार्डों में काम पूरा हुआ है, जबकि शहरी क्षेत्र में 30 फीसदी के लगभग वार्डों में काम पूरा हो पाया है. इसके अलावा शौचालय निर्माण में तीन लाख 79 हजार में तीन लाख 31 हजार घरों में शौचालय निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि शहरी वार्डों में केवल 21 हजार घरों में ही शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है.
281 वार्डों में काम अधूरा
बीते तीन वर्षों में पंचायत के 2532 वार्डों में काम पूरा करने का लक्ष्य लिया गया था. इसमें 1592 वार्डों में काम की शुरुआत की गयी. जिसमें 90 वार्डों में काम पूरा हुआ है, जबकि 2442 वार्डों में काम पूरा करना बाकी है. वहीं शहरी नगर निकाय के 365 वार्डों का लक्ष्य लिया गया था, इसमें 295 वार्डों में काम की शुरुआत हुई. मात्र 84 वार्डों में काम पूरा हुआ. जबकि, शेष 281 वार्डों में काम पूरा नहीं हो पाया है.
जिले के कुल पंचायतों के 4350 वार्डों में गली नली योजना पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 2721 वार्डों में काम की शुरुआत कर अब तक 2067 वार्डों में काम पूरा कर लिया गया है. जबकि, 2286 वार्डों का काम बाकी है. वहीं शहरी नगर निकायों में बीते तीन वर्षों में 365 वार्डों में लक्ष्य रखा गया था. इसमें 351 वार्डों में काम की शुरुआत की गयी, जबकि मात्र 75 वार्डों में काम पूरा किया जा सका. यानी अभी शहरी नगर निकायों के 290 वार्डों में काम बचा है.
286 पंचायतों को किया ओडीएफ
शौचालय निर्माण को लेकर शहरी वार्डों की स्थिति बेहतर नहीं है. जिले के 322 पंचायतों को ओडीएफ करने का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 286 पंचायतों को ओडीएफ किया गया. इसमें तीन लाख 79 हजार 323 घरों के लक्ष्य के विरुद्ध तीन लाख 31 हजार 981 घरों में ओडीएफ का काम पूरा किया जा चुका है. वहीं शहरी नगर निकायों में 365 वार्डों में 321 वार्डों में शौचालय निर्माण की शुरुआत हुई. यानि तीन लाख 33 हजार सात सौ 97 घरों के 21 हजार 96 घरों में शौचालय निर्माण का काम पूरा हुआ है.
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