पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आज ट्वीट कर कहा है कि 1990 के दशक में कारसेवकों पर गोली चलवा कर मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में जैसा दमन चक्र चलाया था और श्रीराम का जयघोष रोकने की कोशिश में लोगों को जेल पहुंचाया था, वही स्थिति ममता बनर्जी ने आज पश्चिम बंगाल में पैदा कर दी है. वे टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, शासन में भ्रष्टाचार, चिटफंड घोटाला, बढ़ती बेरोजगारी और लोकसभा चुनाव के झटके से ध्यान हटाने के लिए हिंसा की राजनीति पर उतर आयी हैं. जय श्रीराम बोलने वालों को धमकी, भाजपा समर्थकों की हत्या, विजय रैली पर लाठीचार्ज, डाक्टरों से मारपीट और हिंदीभाषियों के खिलाफ लोगों को उकसाना मुख्यमंत्री की जमीन खिसकने का संकेत है. बिहार में लालू प्रसाद ने भी जब मुलायम बनने की कोशिश की थी, तब राज्य में भ्रष्टाचार-अपराध का ग्राफ बढ़ने के साथ विकास ठप हुआ था. मुलायम और लालू प्रसाद की तरह ममता बनर्जी के राज का सूरज भी डूबने वाला है.
सुशील मोदी ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि इस साल अत्यधिक गर्मी, लू और दिमागी बुखार (एईएस) से मरने वाले बच्चों-बुजुर्गों की बढ़ती संख्या ऐसी बड़ी प्राकृतिक विपदा के रूप में सामने है कि जीवन बचाने के मानवीय प्रयास भी कम पड़ गये. इस परिस्थिति में सरकार ने पीड़ितों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी. यह दुखद है कि दिमागी बुखार की सटीक वजह अमेरिकी डाक्टरों की टीम भी नहीं खोज पायी, जिससे बच्चों का इलाज चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. गर्मी-लू और एईएस से मरने वालों के परिवार को 4-4 लाख रुपये देने का फैसला पीड़ितों का दुख बांटने की हमारी विनम्र कोशिश भर है.