20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आदर्श आचार संहिता के दायरे से बाहर है सोशल मीडिया का बड़ा हिस्सा, सोशल कंटेंट की मॉनीटरिंग बड़ी चुनौती

मॉनीटरिंग का सीमित दायरा पटना : लोकसभा चुनाव की शुरुआत होते ही सोशल मीडिया भी तेजी से सक्रिय हो गया है. सभी पार्टियों के साथ ही इनके समर्थकों के अलावा अलग-अलग तरह के विचार व्यक्त करने वाले आम लोग भी जमकर सोशल मीडिया का उपयोग करने लगे हैं. ऐसे में इसके पूरे कंटेंट की मॉनीटरिंग […]

मॉनीटरिंग का सीमित दायरा
पटना : लोकसभा चुनाव की शुरुआत होते ही सोशल मीडिया भी तेजी से सक्रिय हो गया है. सभी पार्टियों के साथ ही इनके समर्थकों के अलावा अलग-अलग तरह के विचार व्यक्त करने वाले आम लोग भी जमकर सोशल मीडिया का उपयोग करने लगे हैं. ऐसे में इसके पूरे कंटेंट की मॉनीटरिंग करना जांच एजेंसियां समेत अन्य सभी के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. इनकी समुचित जांच की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है.
खासकर फर्जी या फेक नाम या आइडी पर बनाये गये एकाउंट और इनके जरिये पोस्ट किये गये किसी कंटेंट की मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है. सोशल मीडिया को लेकर चुनाव आयोग की आदर्श आचार संहिता के मुताबिक, इस पर किये जाने वाले तमाम प्रचार का खर्च पार्टी के खर्च में जोड़ा जायेगा और पार्टियों या उम्मीदवारों की अधिकृत वेबसाइट की हर तरह से मॉनीटरिंग होगी. इस पर किसी तरह की संवेदनशील या विवादित सामग्रियों की सतत मॉनीटरिंग होगी. परंतु ये सभी नियम-कायदे एक सीमित दायरे तक ही कारगर होंगे.
पूरी तरह अंकुश लगाना संभव नहीं
सोशल मीडिया पर बिखरे पड़े सैकड़ों वास्तविक व फर्जी साइट्स या एकाउंट के लिए ये नियम बहुत सक्षम साबित नहीं होंगे. किसी पार्टी या नेता के सैकड़ों फॉलोअर या प्रशंसकों के बनाये गये सोशल एकाउंट पर कई संवेदनशील या आपत्तिजनक कंटेंट चलते रहते हैं. इन पर नकेल कसना संभव नहीं हो पायेगा.
कई धर्म प्रचारक से लेकर स्थानीय नेता समेत अन्य ऐसे कई लोग किसी न किसी के समर्थन में विरोधियों को उलटा-सीधा तथा आरोप-प्रत्यारोप कहते रहते हैं या उनके बारे में कुछ पोस्ट करते रहते हैं. चुनाव के दौरान इन्हें रोक पाना बड़ी चुनौती है. राज्य साइबर क्राइम के अधिकारियों का कहना है कि वे सिर्फ सांप्रदायिक या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले कंटेंट की मॉनीटरिंग करते हैं.
वह भी जिन मामलों में विशिष्ट रूप से शिकायत मिलती है. राजनीतिक मामलों या मुद्दों पर वह बिना किसी शिकायत के कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं. चुनावी समर में राजनीतिक द्वेष व मतभेद का सबसे ज्यादा असर सोशल साइट्स पर ही देखने को मिलता है.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel