पटना : बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने आम चुनाव में ‘नोटा’ के विकल्प को अप्रासंगिक बताते हुए सोमवार को चुनाव आयोग से कहा कि इसे अब समाप्त कर दिया जाना चाहिए.विजयकुमार चौधरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर यह बात कही. उन्होंने कहा है कि नोटा के विकल्प को समाप्त करने के लिए निर्वाचन आयोग पहल करे और इससे जुड़ी नकारात्मक बातें उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में लाई जाएं.
विजय कुमार चौधरी ने लिखा कि अगर चुनाव में मतदाता उम्मीदवारों को चुनने के बजाय खारिज करेंगे तो प्रजातांत्रिक व्यवस्था का क्या होगा. विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक चुनाव एक सकारात्मक प्रक्रिया है जबकि नोटा एक नकारात्मक अवधारणा. प्रजातांत्रिक व्यवस्था में लोगों को नकारात्मकता की तरफ ले जाना सही नहीं होगा, वरना पूरी व्यवस्था के निष्प्रभावी हो जाने का खतरा बढ़ जायेगा.
चौधरी का कहना है कि अप्रत्यक्ष चुनाव (राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव) में नोटा के विकल्प को खत्म कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि देश में नोटा को लागू हुए 6 साल हो चुके हैं और अब वक्त केवल दो प्रतिशत मतदाताओं ने ही आम चुनावों में इसका इस्तेमाल किया है.
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