नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव और जांच एजेंसी के अभियोजन निदेशक एस भासू राम को अदालत की अवमानना का दोषी करार देते हुए उन्हें सजा के तौर पर अदालत की कार्यवाही खत्म होने तक कोर्टरूम में ही बैठे रहने का आदेश दिया. न्यायालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला एजेंसी से बाहर करके सर्वोच्च अदालत के आदेश की जान-बूझ कर अवमानना करने के मामले में दोनों अधिकारियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्यायालय ने शर्मा का तबादला करने के मामले में राव को अवमानना नोटिस जारी किया था.
CBI's former interim Director, Nageswara Rao appears before the Supreme Court bench, headed by Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi complying with SC's earlier order with respect to Muzaffarpur shelter home case pic.twitter.com/UB3mUoA04N
— ANI (@ANI) February 12, 2019
Attorney General KK Venugopal appearing for CBI accepts in SC that it was a series of mistakes. They have unconditionally apologised and they have not done at this wilfully, AG told the Supreme Court #MuzaffarpurShelterHome https://t.co/W8lFpeWVnn
— ANI (@ANI) February 12, 2019
CJI Ranjan Gogoi says 'Contempt has been committed. So there will be a mark on his( former interim CBI Director M Nageshwar Rao) career' AG KK Venugopal says 'He has an unblemished track record of 32 years. Please kindly adopt merciful approach as he has tendered apologies' https://t.co/8BlUcL1mxY
— ANI (@ANI) February 12, 2019
Chief Justice of India Ranjan Gogoi says 'for contempt of court we impose a fine of Rs 1 lakh and direct him(former CBI interim director M Nageshwar Rao) to sit in one corner of the court till the court rises for the day' #MuzaffarpurShelterHome https://t.co/Xzr7kcBYd8
— ANI (@ANI) February 12, 2019
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अदालत में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि सीबीआई ने स्वीकार किया है कि यह गलतियों की श्रृंखला थी. अटॉनी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने (पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव) बिना शर्त माफी मांग ली है. साथ ही कहा है कि ऐसा जानबूझ कर उन्होंने नहीं किया है. वह सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश का वह अनुपालन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के माफीनामे को नामंज़ूर कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट के आदेश की अवमानना हुई है. यह उनके (पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव) कॅरियर पर एक निशान है. इस पर केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनका (नागेश्वर राव) 32 साल का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है. कृपया दयालु दृष्टिकोण अपनाएं, क्योंकि उन्होंने माफी मांगी है.
मालूम हो कि नागेश्वर राव को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा को स्थानांतरित करने के मामले में चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की पीठ ने निर्देश दिया था कि जांच में शामिल किसी भी अधिकारी को अदालत की मंजूरी के बिना स्थानांतरित नहीं किया जायेगा. नागेश्वर राव ने 12 फरवरी को पेशी के पूर्व ही सोमवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से संबंधित सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में बिना शर्त माफी मांग ली थी. उन्होंने 11 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट में माफीनामा दाखिल कर कहा था कि उन्होंने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं की. उन्होंने कहा कि ‘शायद… काम के दबाव के कारण, वहां एक चूक और निर्णय की त्रुटि थी.’ राव ने कहा है कि ‘उनके कार्य ना तो इरादतन थे और न ही किसी भी आकस्मिक इरादे से.’ राव ने शीर्ष अदालत से उनकी माफी को स्वीकार करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘माननीय अदालत की महिमा को कम आंकना या किसी भी दिशा को रोकना या दरकिनार करना मेरा उद्देश्य कभी नहीं था.’