पटना : करीब 17 महीने की कड़ी मशक्क्त के बाद देश रत्न मार्ग के पांच नंबर बंगला में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी रह पायेंगे. सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देश के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को यह बंगला छोड़ना होगा. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख से भवन निर्माण विभाग ने भी राहत की सांस ली है.
राज्य में भाजपा के साथ जदयू की नयी सरकार के गठन के बाद अगस्त, 2017 में भवन निर्माण विभाग ने तेजस्वी यादव से यह बंगला खाली करने को कहा था. तेजस्वी इसके लिए तैयार नहीं हुए. मामला उच्चतम न्यायालय तक जा पहुंचा.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पहले से पूर्व सीएम और मंत्रियों को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दे रखा है. इसी के चलते यूपी समेत अन्य राज्यों मेें कई पूर्व सीएम ने बंगले खाली कर दिये.
बिहार में भी इसकी धमक सुनाई पड़ी. भवन निर्माण विभाग ने सात सर्कुलर रोड को मुख्य सचिव के नाम आवंटित कर दिया. लेकिन, कभी लालू-राबड़ी आवास का हिस्सा रहे 5, देशरत्न मार्ग को पूर्व मंत्री की हैसियत से तेजस्वी छोड़ने को राजी नहीं हुए. 2005 में नयी सरकार बनी तो इसे मंत्री वृषिण पटेल के नाम आवंटित कर दिया गया. पटेल अपने पूरे कार्यकाल में यहीं रहे. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तो एक बार फिर यह बंगला लालू परिवार के पास आ गया.
भवन निर्माण विभाग ने उपमुख्यमंत्री बनाये गये तेजस्वी यादव को इसे आवंटित कर दिया. तेजस्वी खुद इस विभाग के मंत्री भी थे. भवन निर्माण विभाग ने यह बंगला मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवंटित किया है.
तेजस्वी प्रसाद यादव को भवन निर्माण विभाग ने पोलो रोड में एक नंबर आवास आवंटित कर रखा है. पहले इस बंगले में सुशील मोदी रहा करते थे. भवन निर्माण विभाग ने सभी पूर्व मंत्रियों के नाम बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था. एक माह में आवास नहीं खाली होने पर सबको दोबारा नोटिस दी गयी.
आवास खाली करने के खिलाफ राजद के पूर्व मंत्रियों की याचिका हाइकोर्ट में खारिज हो गयी. इसके बाद पूर्व मंत्रियों ने आवास खाली कर दिया. वहीं, भवन निर्माण मंत्र महेश्वर हजारी ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. तेजस्वी यादव एक तरफ संविधान बचाओ रैली कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कानून की धज्जियां उड़ा रहे थे.